पोप फ्राँसिस ने जयन्ती तीर्थयात्रा में भाग लेने रोम आये चेक गणराज्य के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के धर्माध्यक्षों को अपना संदेश दिया जो 28 से 30 मार्च तक रोम में हैं।
यह सुझाव देते हुए कि चालीसा हृदयपरिवर्तन का अवसर प्रदान करता है, पोप फ्राँसिस ने युद्धों से पीड़ित सभी लोगों से निकटता की अपील की, विशेष रूप से यूक्रेन, फिलिस्तीन और इज़राइल में।
पोप फ्राँसिस ने बुधवारीय आम दर्शन समारोह के दौरान अपनी धर्मशिक्षा में उदासीनता या आलस्य के बारे में कहा, कि आलस्य को विश्वास के धैर्य से दूर किया जा सकता है। साथ ही पोप ने आज से शुरु होने वाले चालीसा काल पर भी गौर किया।
पोप फ्राँसिस ने ब्रजीलियाई लोगों को भूख का सामना कर रहे लोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु 2024 बंधुत्व अभियान में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। यह स्थानीय कलीसिया के पहल की 60वीं वर्षगांठ है।
पोप फ्राँसिस ने लोयोला प्रेस द्वारा मंगलवार को प्रकाशित ऑस्टेन इवेरेघ की नवीनतम पुस्तक "पहले ईश्वर का होना : पोप फ्राँसिस के साथ आध्यात्मिक साधना" की प्रस्तावना लिखी।
पोप ने 13 फरवरी को विश्वासियों को याद दिलाते हुए अपने एक्स संदेश में कहा कि चुनौतियों से भरे विश्व में जो लोगों को खुशी से जीने नहीं दे रही हैं हमें अधिक आग्रह के साथ ईश्वर से प्रार्थना करना है।
पोप फ्राँसिस ने, पहले मूल निवासी अर्जेंटीना की ‘मामा अंतुला’ को संत घोषित किया। जिसके एक दिन बाद अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर जेरार्दो माइली के साथ एक निजी मुलाकात की।
जीवन के लिए परमधर्मपीठीय अकादमी के सदस्यों के साथ मुलाकात के दौरान पोप फ्राँसिस ने मानवता के अर्थ पर विचार किया और कहा कि दूसरों के साथ संबंध हमारे अस्तित्व के केंद्र में हैं।
रविवार को 32वें विश्व रोगी दिवस के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने विश्वासियों को निमंत्रण दिया कि वे पीड़ित लोगों को सुनें और येसु के तरीके को अपनाने की सलाह दी जो केवल अपने शब्दों से नहीं बल्कि ठोस कार्यों से पीड़ित लोगों के पास पहुँचते थे।
पोप फ्राँसिस ने इताली सार्वजनिक सुरक्षा के निरीक्षणालय के प्रबंधकों और पुलिसकर्मियों से मुलाकात की जो पोप के कार्यक्रम के दौरान संत पेत्रुस महागिरजाघर तथा प्रांगण में और रोम एवं इटली में सार्वजनिक सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखते हैं।
माम्मा आन्तुल्ला के नाम से विख्यात मरिया अन्तोनिया दे सान होसे आर्जेन्टीना की एक काथलिक धर्मबहन थीं जिन्होंने दिव्य उद्धारकर्ता की पुत्रियाँ नामक धर्मसंघ की स्थापना की थी।
पोप फ्राँसिस ने दिव्य उपासना और संस्कारों के अनुशासन विभाग के सदस्यों से मुलाकात की और उन्हें याद दिलाया कि पूजन-पद्धति में सुधार के बिना कलीसिया में सुधार नहीं लाया जा सकता है, जिसको ईश्वर के सभी लोगों के लिए होना चाहिए।
पोप फ्राँसिस ने पुरोहितों के लिए रोम में आयोजित सतत् प्रशिक्षण हेतु अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिभागियों से मुलाकात की और करुणा एवं कोमलता का आह्वान करते हुए, उन पवित्र पुरोहितों की सराहना की जो अपने विश्वासियों की सेवा निष्ठा के साथ करते हैं।
पोप फ्राँसिस ने संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में आयोजित इस्लाम पर विश्वविद्यालय अनुसंधान मंच की चौथी अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस में प्रतिभागियों को एक संदेश दिया। यह आयोजन 4 फरवरी 2019 को विश्व शांति और एक साथ रहने के लिए मानव बंधुत्व पर संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर की पांचवीं वर्षगांठ का प्रतीक है।
मानव बंधुत्व पर दस्तावेज़ की 5वीं वर्षगांठ को चिह्नित करते हुए पोप फ्राँसिस ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे आज की दुनिया में भाईचारे की एकजुटता की अनुपस्थिति पर्यावरणीय विनाश और सामाजिक गिरावट का कारण बनती है और उन्होंने "धार्मिक मान्यताओं से प्रेरित सभी समाज से जायद पुरस्कार 2024 के तीन विजेताओं द्वारा सन्निहित सामाजिक मित्रता के मूल्यों को फैलाने का आह्वान किया।"
रविवार को देवदूत प्रार्थना के पूर्व अपने संदेश में पोप ने विश्वासियों से आग्रह किया कि वे अपने पहले आध्यात्मिक कर्तव्य को पूरा करें, उस ईश्वर का त्याग करें जिसको हम सोचते हैं और हर दिन को उस प्रेमी ईश्वर में बदलें जिनको येसु सुसमाचार में प्रस्तुत करते हैं।
पोप फ्राँसिस ने 1970 के दशक में अर्जेंटीना में शहीद पुरुषों और महिलाओं के बारे लिखी एक नई किताब की प्रस्तावना लिखी है। प्रोफेसर मार्को गैलो द्वारा संस्करण की प्रस्तुति में मुख्य वक्ताओं में लैटिन अमेरिका के लिए परमधर्मपीठीय आयोग के सचिव भी शामिल थे।
पोप फ्राँसिस ने साल 2024 को प्रार्थना वर्ष घोषित किया है जिसकी याद दिलाते हुए उन्होंने विश्वासियों को मिस्सा पूजा में नियमित भाग लेने एवं सुसमाचार प्रचार हेतु प्रार्थना करने का प्रोत्साहन दिया है।
पोप फ्राँसिस ने पहली फरवरी को विश्व्यापी काथलिक अभियान कम्यूनियन एण्ड लिबरेशन की स्थापना की 70 वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में अभियान के अध्यक्ष डेविड प्रॉस्परी को एक पत्र लिखकर एकता एवं करिशमाओं की रक्षा का आग्रह किया।