पोप लियो : कभी विश्वास न करें कि बुराई प्रबल हो सकती है, अन्याय के बीच भी

पोप लियो 14वें ने कास्तेल गंदोल्फो में कराबिनिएरी के मुख्यालय में ख्रीस्तायाग अर्पित किया, और जयंती वर्ष के दौरान रोम आनेवाले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए इतालवी सुरक्षाबल के प्रयासों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।
पोप लियो 14वें ने मंगलवार, 15 जुलाई को रोम के कस्तेल गंदोल्फो में अपनी ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के दौरान, रोम के निकट पहाड़ी शहर स्थित काराबिनिएरी मुख्यालय के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित किया।
काराबिनिएरी का मुख्यालय विला देई जेसुइटी ("जेसुइट्स हाउस") में स्थित है, जिसका स्वामित्व वाटिकन के पास है और इसे काराबिनिएरी, जेसुइट्स और स्थानीय निवासियों को पट्टे पर दिया गया है।
काराबिनिएरी इटली का राष्ट्रीय सुरक्षा बल है, जो एक प्रकार की सैन्य पुलिस है जो इतालवी सशस्त्र बलों के अधीन आती है और जिन्हें देश के अंदर सार्वजनिक व्यवस्था और सुरक्षा स्थापित करने की जिम्मेदारी है।
कस्तेल गंदोल्फो के इस ख्रीस्तयाग समारोह में, इटली के सुरक्षामंत्री ग्वीदो क्रोसेत्तो और काराबिनियेरी के जेनेरल कमंडर सलवातोरे लुंगो तथा इटली ने सैन्य सेवा की प्रेरिताई के लिए नियुक्त महाधर्माध्यक्ष जान फ्राँको साबा ने ख्रीस्तयाग में भाग लिया।
ख्रीस्त में भाई और बहन
अपने प्रवचन में, पोप लियो ने ख्रीस्तीय अभिवादन "भाई और बहन" पर ध्यान केंद्रित किया, जो उनके अनुसार रिश्तों का प्रतीक है और जिसे धर्मविधि में निकटता और स्नेह के प्रतीक के रूप में दोहराया जाता है।
उन्होंने कहा, "हम सभी सचमुच येसु के भाई-बहन हैं जब हम ईश्वर की इच्छा पूरी करते हैं, अर्थात, जब हम एक-दूसरे से वैसा ही प्रेम करते हैं जैसा ईश्वर ने हमसे किया है।"
पोप ने आगे कहा कि प्रत्येक रिश्ता येसु में एक उपहार बन जाता है, क्योंकि जब हम एक-दूसरे से प्रेम करते हैं, तो वह पवित्र आत्मा को हमारे हृदय में निवास करने के लिए भेजते हैं।
"ईश्वर का प्रेम इतना महान है," उन्होंने कहा, "कि येसु ने अपनी माँ को भी अपने लिए नहीं रखा, बल्कि क्रूस पर से मरियम को हमारी माँ के रूप में सौंप दिया।"
पोप ने कहा कि मरियम को पहली शिष्या इसलिए माना जाता है क्योंकि उन्होंने सबसे पहले प्रेम और निष्ठा के साथ ईश्वर के वचन को अपने हृदय में स्वीकार किया।
कठिन परिस्थिति में निष्ठा
उन्होंने स्मरण किया कि काराबिनिएरी ने हाल ही में निष्ठावान कुँवारी मरियम (विर्गो फिदेलिस) को काराबिनिएरी की संरक्षिका घोषित किए जाने की 75वीं वर्षगांठ मनाई।
पोप ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, काराबिनिएरी ने माता मरियम की निष्ठा को इतालवी लोगों और राष्ट्र के प्रति प्रत्येक अधिकारी की निष्ठा के आदर्श के रूप में देखा।
इसके बाद पोप लियो ने इतालवी लोगों के प्रति उनकी "महान और अथक सेवा" तथा रोम आनेवाले लाखों तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए काराबिनिएरी के प्रति आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, "सामाजिक व्यवस्था को आघात पहुँचाने वाले अन्याय के सामने, यह सोचने के प्रलोभन में न पड़ें कि बुराई प्रबल हो सकती है।" "विशेषकर, युद्ध और हिंसा के इस समय में, अपनी शपथ के प्रति वफादार रहें: राज्य के सेवकों के रूप में, अपराध का जवाब कानून और ईमानदारी के बल पर दें।"