धर्मसैद्धांतिक दस्तावेज "ऊना कारो (एक शरीर)। एक से विवाह बंधन की सराहना" प्रकाशित हुई है, जिसमें शादी के महत्व को "एक खास मिलन और आपसी जुड़ाव" के तौर पर बताया गया है। यह शादी में आपसी संबंध और गरीबों पर ध्यान देने की अहमियत पर जोर देती है, और हर तरह की हिंसा, चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक, की निंदा करती है। इस व्यक्तिवाद और उपभोक्तावाद के युग में, युवाओं को यह सिखाया जाना जरूरी है कि वे प्यार को जिम्मेदारी और दूसरे पर भरोसे के रूप में लें।