वाटिकन स्थित जीवन सम्बन्धी परमधर्मपीठीय अकादमी द्वारा "सामान्य भलाई: सिद्धांत और व्यवहार" विषय पर आयोजित विचारगोष्ठी में भाग लेने वालों को पोप फ्रांसिस ने एक पत्र लिखकर कहा कि सामान्य भलाई काथलिक सामाजिक शिक्षा की आधारशिला है, और इसलिए जीवन के मुद्दों को हमेशा ध्यान में रखा जाये।
वाटिकन के वरिष्ठ धर्माधिकारी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष गाब्रिएल काच्चिया ने महिलाओं की उन्नति को बढ़ावा देने के लिए परमधर्मपीठ की प्रतिबद्धता को जारी रखा...
“ला चिविल्ता कत्तोलिका” ने ब्रसेल्स स्थित संत मिखाएल कॉलेज में बेल्जियम, लक्समबर्ग और निदरलैंड के कुल 150 येसु संघियों से पोप फ्राँसिस की मुलाकात की घटना का पूरा लेख प्रकाशित किया है। मुलाकात के दौरान संत पापा फ्राँसिस ने कलीसिया में महिलाओं की भूमिका पर चर्चा की थी जो येसुसंघियों को किसी चीज से नहीं डरने के लिए प्रोत्साहित करता है और उन्होंने आप्रवासियों का स्वागत करने और उन्हें एकीकृत करने का आह्वान दोहराया था।
भारत में काथलिक कलीसिया के राष्ट्रीय महिला सम्मेलन का छठा सत्र पिछले सप्ताह झारसुगुड़ा के रीजनल पास्टोरल सेंटर केंद्र, उत्कल ज्योति में आयोजित किया गया, जिसमें 132 धर्मप्रांतों से 453 लोगों ने भाग लिया।
सेंट जोसेफ इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल्स ने तीन महीने का बेकिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य व्यावहारिक कौशल और रोजगार के अवसर प्रदान करके युवा महिलाओं, विशेष रूप से 18 से 27 वर्ष की आयु की माताओं को सशक्त बनाना है।
भारत में कैथोलिक चर्च में राष्ट्रीय बिशप फोरम, कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (CBCI) द्वारा धन्य कुंवारी मरियम के जन्मोत्सव के 7 सितंबर के पर्व को बालिका दिवस के रूप में नामित किया गया है।
संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्रांगण में स्थित बड़े खंभों (कोलोनेड) के नीचे, उदार सेवा हेतु बने वाटिकन विभाग, कोमेन इटली एसोसिएशन के साथ मिलकर रोम के दर्जनों बेघर महिलाओं के स्तन कैंसर की मुफ्त जांच करने वाला एक क्लिनिक चलाता है।
पोप फ्राँसिस ने देवदूत प्रार्थना के उपरांत, 8 मार्च को मनाये जानेवाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की याद करते हुए महिलाओं की प्रतिष्ठा का सम्मान करने का आह्वान किया तथा हैती, यूक्रेन एवं मध्यपूर्व में शांति की अपील दुहरायी।
महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर पोप ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए शैक्षिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने हेतु प्रेरित किया जो हर व्यक्ति को उसकी गरिमा के साथ केंद्र में रखता है।
भारत एक सांस्कृतिक व आध्यात्मिक राष्ट्र है और भारतीय संस्कृति में धर्म अर्थात प्रत्येक जीव का पारस्परिक दायित्व। भारत स्त्री-पुरुष की अवधारणा नहीं रखता।
पिछले कुछ सालों से समाज में एक नया चलन शुरू हुआ है, बच्चो को दूसरो की मदद से बड़ा करने का चलन, जिसके अंतर्गत मां बाप बच्चा होने के साथ ही उसको पालने वाली एक सहायिका (बच्चा संभालने वाली) को भी अपने जीवन में एक महत्वपूर्ण
फैमिली ग्लोबल कॉम्पैक्ट की शुरुआत के लिए एक संदेश: पोप फ्राँसिस परिवार के रिश्तों पर अध्ययन और प्रेरितिक कार्यों के बीच तालमेल की उम्मीद करते हुए उस अपूरणीय संपत्ति को बढ़ावा देने के लिए लिखते हैं जिसका परिवार आज भी संकट के सामाजिक संदर्भ में प्रतिनिधित्व करता है।