नेपाल के भविष्य के लिये कलीसिया युवाओं के संग

नेपाल में काथलिक कलीसिया के प्रेरितिक प्रशासक फादर सिलास बोगाती ने बताया कि हाल की अशांति के बाद, नेपाल में शांति लौट आई है, स्कूल पुनः खुल गए हैं और अन्तरिम सरकार में विश्वास बढ़ रहा है।

नेपाल में काथलिक कलीसिया के प्रेरितिक प्रशासक फादर सिलास बोगाती ने बताया कि हाल की अशांति के बाद, नेपाल में शांति लौट आई है, स्कूल पुनः खुल गए हैं और अन्तरिम सरकार में विश्वास बढ़ रहा है।

हिंसा के बाद अपेक्षाकृत शांति
नेपाल में, कई दिनों के विरोध-प्रदर्शनों और अशांति के बाद, अपेक्षाकृत शांति का माहौल लौट आया है। काथलिक और सरकारी स्कूल फिर से खुल गए हैं, और दैनिक जीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है।फादर सिलास बोगाती के अनुसार, प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के नेतृत्व में विश्वास जताया जा रहा है, जिन्हें अगले वर्ष होने वाले नए चुनावों से पहले छह महीने की अन्तरिम अवधि में देश का मार्गदर्शन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

आशा के संकेत
वाटिकन की सुसमचार प्रचार फीदेस समाचार एजेंसी से बात करते हुए फादर बोगाती ने वर्तमान स्थिति को अनिश्चितता और अव्यक्त तनाव से भरा बताया तथापि कहा कि उन्होंने आशा का परित्याग नहीं किया है। उन्होंने कहा, "एक काथलिक समुदाय के रूप में, हमें प्रधानमंत्री कार्की पर पूरा भरोसा है। अतीत में, एक वकील के रूप में, उन्होंने हमारे एक पुरोहित और कई धर्म बहनों का बचाव किया था, जिन पर ग़लत आरोप लगाए गए थे। हमें विश्वास है कि आने वाले महीनों में वे कानून के शासन और न्याय के सिद्धांतों को कायम रखेंगी।"

युवाओं की आवाज़
फादर बोगाती ने नेपाली समाज में युवाओं की बढ़ती आवाज़, "जेनरेशन ज़ेड" के एक नए विकास की ओर इशारा किया, जो नागरिक ज़िम्मेदारी की भावना से प्रेरित होकर और सोशल मीडिया के ज़रिए और भी मज़बूत हो रहा है।

उन्होंने कहा, "ये युवा एक मज़बूत संदेश दे रहे हैं और देश की प्रगति और विकास के प्रति अपने कर्तव्य के प्रति गहरी जागरूकता दिखा रहे हैं।" फ़ादर बोगाती ने कहा, "यह एक सकारात्मक संकेत है, बशर्ते यह शांति और न्याय पर आधारित रहे।"

कलीसिया की स्थिति
कलीसिया की स्थिति को स्पष्ट करते हुए फादर बोगाती ने कहा, "हम सभी प्रकार की हिंसा का विरोध करते हैं और समाज के शांतिपूर्ण विकास के लिए काम करने के लिये प्रतिबद्ध हैं। साथ ही  देश के सबसे गहरे घावों में से एक, भ्रष्टाचार से लड़ने में सक्षम सरकार की आशा करते हैं।"

नेपाल की 3.3 करोड़ की आबादी में काथलिक कलीसिया के श्रद्धालुओं की संख्या लगभग 8000 है।

इसी बीच, नेपाल में विरोध प्रदर्शनों के दौरान जान गंवाने वालों की याद में 17 सितंबर को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया गया। अंतरिम सरकार ने उन्हें "शहीद" घोषित किया है और उनके परिवारों को सहायता देने का वादा किया है। ग़ौरतलब है कि हालिया दंगों और उपद्रवी हिंसा में 72 युवा मारे गए और सैकड़ों लोग अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं।