शांति को बढ़ावा देने के लिए "कादेना 100" को धन्यवाद
स्पेन के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन द्वारा शांति को प्रोत्साहन देने हेतु "कादेना 100" शीर्षक से आयोजित एकजुटता संगीत कार्यक्रम में गुरुवार को पोप फ्राँसिस ने एक विडियो सन्देश प्रेषित कर शांति की दिशा में काथलिक धर्माध्यक्षों तथा समारोह के समस्त कलाकारों के प्रयासों के लिये हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया।
पोप फ्राँसिस ने कहा, "मैं उन कलाकारों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने निर्दोष पीड़ितों की मदद करने के लिए इतनी उदारता के साथ प्रतिभा को एकजुट किया है, इससे भी बढ़कर इसलिए क्योंकि उन्होंने दिखाया है कि कला और संगीत सेतु निर्माण के लिए शांति के दूत और साधन बन सकते हैं।"
कृतज्ञता के इन शब्दों के साथ, सन्त पापा फ्रांसिस ने स्पेन के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन से संबंधित राष्ट्रीय स्पेनिश रेडियो द्वारा आयोजित एकजुटता संगीत कार्यक्रम "कादेना 100 फॉर पीस" के आयोजकों एवं कलाकारों को संबोधित किया।
इसी संदेश में, सन्त पापा फ्रांसिस ने एक बार फिर अपने विचारों को "शहीद यूक्रेन", "फिलिस्तीन" और "इज़राइल" की ओर निर्देशित किया तथा विनाश से पीड़ित और युद्ध से तबाह हुई आबादी को याद किया। साथ ही उन्होंने आयोजकों को "दूसरी तरफ न देखने" और "उन लोगों के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए धन्यवाद दिया जो सीधे युद्धों के प्रभाव से पीड़ित हैं।"
"कादेना 100" एकजुटता संगीत कार्यक्रम स्पेन स्थित, काथलिक कलीसिया द्वारा समर्थित, "मानोस ऊनिदास" नामक मानवतावादी ग़ैरसरकारी संगठन की एक परियोजना के साथ सहयोग कर मध्य पूर्व में युद्ध से प्रभावित हुए पश्चिमी तट और जैरूसालेम में लगभग 200 परिवारों को मानवीय सहायता वितरित करेगा।
यह वर्ष उक्त पहल का 15 वाँ संस्करण है, जिसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के महान कलाकार शांति की गुहार लगाने के लिए अपनी आवाज उठाते हैं। इस पहल की शुरुआत जैरूसालेम में लातीनी रीति की प्राधिधर्माध्यक्षीय पीठ द्वारा की गई थी, जो लगभग 1,000 लोगों को लोकोपकारी सहायता प्रदान करेगी।
कंबल, गर्म कपड़े, जूते, हीटर, गर्म पानी की बोतलें और पानी जैसी आवश्यक वस्तुओं की खरीद और वितरण कर उक्त परियोजना को अन्जाम दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त, बच्चों के लिये डायपर, बोतलें, स्वच्छता वस्तुएं, और शिशु फार्मूला; और साथ ही स्कूल और बुनियादी आपूर्ति भी करायी जायेगी ताकि युद्ध के संदर्भ में भी बच्चे स्कूली पढ़ाई से वंचित न रहें।