पोप : हम मारने के लिए पैदा नहीं हुए हैं, आइए शांति का रास्ता खोजें
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आम सभा के अंत में, पोप फ्राँसिस ने हिंसा और संघर्ष को समाप्त करने के लिए “सब कुछ” करने की अपील दोहराई: “युद्ध हमेशा हार है।” शहीद देशों की सूची देते हुए, पोप ने विश्वासियों से शांति के लिए प्रार्थना जारी रखने और "शांति के लिए तपस्या करने" का आग्रह किया।
वाटिकन के पोप फॉल षष्टम सभागार में बुधवारीय आम दर्शन समारोह के दौरान इतालवी भाषी तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हुए, पोप फ्राँसिस ने उन्हें अपनी दैनिक प्रार्थना में शांति हेतु प्रार्थना और तपस्या करने की अपील की।
पोप ने कहा, “मैं उन कई देशों के बारे में सोचता हूँ जो युद्ध में हैं।”
पोप ने कहा, “बहनों और भाइयों, आइए, हम शांति के लिए प्रार्थना करें। आइए, हम शांति के लिए सब कुछ करें। यह मत भूलिए कि युद्ध एक हार है। हमेशा। हम लोगों को मारने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें बड़ा करने के लिए पैदा हुए हैं। शांति के रास्ते मिलें। कृपया, अपनी दैनिक प्रार्थना में शांति के लिए प्रार्थना करें। पीड़ित यूक्रेन ... यह कितना पीड़ित है। फिर, फिलिस्तीन, इज़राइल, म्यांमार, उत्तरी किवु, दक्षिण सूडान के बारे में सोचें। युद्ध में फंसे इतने सारे देश हैं। कृपया, आइए हम शांति के लिए प्रार्थना करें। आइए हम शांति के लिए तपस्या करें।”
भाइयों की पुकार सुनें
पीड़ित लोगों पर हमेशा नजर रखते हुए, पोप ने फ्रांसीसी तीर्थयात्रियों को अपने अभिवादन में, उन्हें ईश्वर से प्रार्थना करने के लिए प्रोत्साहित किया कि वे प्रत्येक व्यक्ति के हृदय को "विनम्र और खुला" रखें, ताकि वे "अपने भाइयों की पुकार" सुन सकें और "दुनिया की कमजोरियों और घावों में उनकी उपस्थिति को पहचान सकें।"
पोलिश तीर्थयात्रियों को अभिवादन में भी पोप ने उनसे कहा कि, “वे उन लोगों में येसु को देखें जो परित्यक्त और कठिन परिस्थितियों में रहते हैं” और बीमार, अकेले रहने वाले और बाढ़ के पीड़ितों की मदद करें और उन्हें प्रभु की ओर से आने वाली आशा प्रदान करें।”
अंत में, पोप ने विश्वासियों को याद दिलाया कि परसों याने 14 फरवरी संत सिरिल और संत मेथोडियुस का पर्व दिवस है। वे स्लाव लोगों के बीच विश्वास लाने वाले पहले प्रचारक थे। उनकी गवाही सभी को सुसमाचार के वाहक एवं व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक जीवन में नवीनीकरण का खमीर बनने में मदद करे। इसके बाद पोप ने अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।