पोप : शांति के ईश्वर के वचन को न दबायें, युद्ध एक हार है
पोप फ्राँसिस ने रविवार को ट्वीटकर जीवन की पूर्णता हेतु परोपकार का जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। पवित्र भूमि में शांति का आह्वान किया, हिंसा की निंदा की, साथ ही वेनेजुएला के लिए चिंता व्यक्त की।
रविवार को देवदूत प्रार्थना के पूर्व रविवारीय पाठ पर चिंतन करते हुए पोप फ्राँसिस ने हमें याद दिलाया कि भौतिक चीजें जीवन की पूर्णता की ओर नहीं ले जाती हैं, बल्कि यह दान के मार्ग पर चलने से है जो अपने लिए कुछ भी नहीं रखता है, बल्कि सब कुछ साझा करता है। उन्होंने पवित्र भूमि में शांति का आह्वान किया, हिंसा की निंदा की। पोप फ्राँसिस ने वेनेजुएला के लिए चिंता व्यक्त की, जो राष्ट्रपति मादुरो के विवादित पुनर्निर्वाचन के बाद एक गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है। इसी के मद्देनजर पोप ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा।
पहला संदेश : “भौतिक चीजें जीवन को पूर्ण नहीं बना सकतीं; केवल प्रेम ही हमें संपूर्ण बना सकता है। इस लक्ष्य का मार्ग दान का है, जो अपने लिए कुछ नहीं रखता, बल्कि सब कुछ बाँटता है। (योहन 6:24-35)
दूसरा संदेश : “बहुत हो गया, भाइयों और बहनों! बहुत हो गया! शांति के परमेश्वर के वचन को मत दबाओ! शांति पवित्र भूमि, मध्य पूर्व और पूरी दुनिया का भविष्य हो। युद्ध एक हार है!”
तीसरा संदेश : हम वेनेजुएला को कोरोमोटो की माता मरियम की मध्यस्थता में सौंपते हैं। मैं सभी पक्षों से सच्चाई की खोज करने, विवादों को बातचीत के माध्यम से निपटाने, जनता की सच्ची भलाई को ध्यान में रखने और पक्षपातपूर्ण हितों को ध्यान में रखने की हार्दिक अपील करता हूँ।”