पोप : येसु हमारी यात्रा के मित्र

पोप फ्रांसिस ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह में येसु के जन्म पर चिंतन करते हुए दुनिया में उनके आने को हमारी यात्रा में मित्र की संज्ञा दी।
पोप फ्रांसिस ने अपने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा पौल षष्ठम के सभागार में एकत्रित सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को संबोधित करते हुए कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।
येसु हमारी आशा, जयंती की इस तीर्थयात्रा की धर्मशिक्षा में हम बे बेतलेहेम में येसु के जन्म की घटना पर चिंतन करेंगे।
ईश्वर का पुत्र इतिहास में हमारे संग यात्रा में मित्र स्वरूप प्रवेश करते हैं, वे इसकी शुरूआत अपनी माता के गर्भ में रहते हुए ही शुरू करते हैं। सुसमाचार लेखक संत लूकस हमें बतलाते हैं कि जैसे ही वे गर्भ में आते हैं, वे नाजरेत से जकारियस और एलिजबेथ के घर जाते हैं, और उसके बाद गर्भ के अंतिम दिनों में नाजरेत से बेतलेहेम में जनगणना हेतु। मरियम और योसेफ को राजा दाऊद के शहर में जाने को बाध्य होना पड़ता है जहाँ योसेफ का जन्म हुआ था। लम्बे समय तक प्रतीक्षा किये जाने वाले मसीह, सर्वोच्च ईश्वर के पुत्र अपने को गिनती किये जाने देते हैं, उनका नाम किसी अन्य नागरिक की भांति गिना और लेखे की पुस्तिका में दर्ज किया जाता है। वे अपने को सम्राट कैसर अगुस्तुस के राजाज्ञा के अनुरूप समर्पित करते हैं जो अपने को सारी पृथ्वी का स्वामी समझता है। लूकस येसु के जन्म को “एक सटीक तिथि-उचित समय” और “एक सटीक रूप से संकेतित भौगोलिक परिदृश्य” में रेखांकित करते हैं, ताकि “सार्वभौमिक और निश्चितता एक दूसरे का स्पर्श करें”। ईश्वर जो इतिहास में प्रवेश करते, वे विश्व की संरचनाओं को नष्ट नहीं करना चाहते हैं, बल्कि उन्हें प्रकाशित करते हुए आंतरिक रुप में उनका पुनर्निर्माण करना चाहते हैं।
रोटी का घर “बेतलेहेम”
बेतलेहेम का अर्थ “रोटी का घर” है। वहाँ, बच्चे के जन्म का समय पूरा होता और मरियम द्वारा येसु का जन्म होता है, स्वर्ग से उतरती रोटी दुनिया की भूख को मिटती है। स्वर्गदूत गब्रियेल ने मुक्तिदाता राजा के जन्म की घोषणा महान निशानियों में की थी, “देखिए, आप गर्भवती होगीं, पुत्र प्रसव करेंगी, और उनका नाम येसु रखेंगी। वे महान होंगे और सर्वोच्च ईश्वर के पुत्र कहलायेंगे, ईश्वर उन्हें अपने पिता दाऊद का सिंहासन प्रदान करेंगे। वे याकूब के घराने पर सदा सर्वदा राज्य करेंगे और उनके राज्य का अंत कभी नहीं होगा।”
अभूतपूर्व राजा
हालाँकि, येस का जन्म एक ऐसे रूप में हुआ जो एक राजा के लिए पूरी तरह से अभूतपूर्व था। वास्तव में, जब वे वहाँ थे, मरियम के लिए बच्चे को जन्म देने का समय पूरा हुआ, उसे अपने पहलौठे को जन्म दिया। उसने उन्हें कपड़ों में लपेटकर चरनी में लिटा दिया क्योंकि उनके लिए सराय में कोई जगह नहीं थी। ईश्वर के पुत्र का जन्म राजघराने में नहीं होता है बल्कि एक उस घर में जहाँ जानवरों को रखा जाता था।
येसु का आगमन नम्रता में
संत लूकस इस भांति हमारे लिए इस बात को प्रकट करने की चाह रखते हैं कि ईश्वर अपनी शान-शौकत में इस दुनिया में प्रवेश नहीं करते हैं, वे अपने आने का ढ़िढ़ोरा नहीं पीटते हैं लेकिन वे अपनी यात्रा की शुरूआत नम्रता में करते हैं। और कौन सर्वप्रथम इस घटना का साक्ष्य देने को आते हैंॽ वे चरवाहे होते हैं, वे अल्प-संस्कृति के लोग हैं, जानवरों के साथ लगातार संपर्क के कारण उनसे दुर्गंध आती है, वे समाज के हाशिये पर रहते हैं। इसके बावजूद उनके कार्य के मध्य ईश्वर अपने को लोगों के बीच प्रस्तुत करते हैं। ईश्वर उन्हें सर्वश्रेष्ठ सुसमाचार के धारक स्वरूप चुनते हैं जो इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। “डरिए नहीं, देखिए, मैं आपको सभी लोगों के लिए बड़े आनंद का सुसमाचार सुनाता हूँ। आज दाऊद के नगर में आपके मुक्तिदाता, प्रभु मसीह का जन्म हुआ है। यह आप लोगों के लिए एक पहचान होगी- आप एक बालक को कपड़ों में लपेटा और चरनी में लिटाया हुआ पायेंगे।”