ख्रीस्तानुयायी आस्था और एकता को करें सघन, पोप फ्राँसिस
घाना के आक्करा में जारी ग्लोबल क्रिस्टियन फोरम के चौथे विश्व सम्मेलन को प्रेषित सन्देश में पोप फ्राँसिस ने विश्व के समस्त ख्रीस्तीयों के बीच एकता को प्रोत्साहित करने के लिये प्रभु ख्रीस्त में अपने विश्वास को गहरा करने तथा भाईचारे के प्रेम को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया है।
15 से 20 अप्रैल तक घाना के आक्करा शहर में ग्लोबल क्रिस्टियन फोरम का चौथा विश्व सम्मेलन जारी है, जिसमें तमाम विश्व के काथलिक एवं विभिन्न ख्रीस्तीय सम्प्रदायों के प्रतिनिधि प्रार्थना, आराधना-अर्चना, संवाद और विचारों के आदान-प्रदान के लिये एकत्र हुए हैं। सम्मेलन का विषय हैः "ताकि विश्व जान सके"। इसका उद्देश्य वर्तमान विश्व में प्रभु येसु ख्रीस्त का साक्ष्य प्रस्तुत करने हेतु नवीन मार्गों की खोज करना है ताकि विश्व में येसु मसीह के सत्य और प्रेम का प्रसार किया जासके।
सम्मेलन में उपस्थित सभी लोगों के प्रति अपना "हार्दिक अभिनंदन" व्यक्त करते हुए पोप फ्राँसिस ने वर्तमान वैश्विक विविधता की प्रशंसा की जो "समकालीन ख्रीस्तीय धर्म की एक सुंदर पच्चीकारी" को दर्शाती है और येसु मसीह के अनुयायियों के रूप में एक आम पहचान को साझा करती है।
प्रतिभागियों के समक्ष पोप का सन्देश ख्रीस्तीयों के बीच एकता को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के महासचिव महाधर्माध्यक्ष फ्लावियो पाचे द्वारा पढ़ा गया।
सन्त योहन रचित सुसमाचार से लिये गये शीर्षक, "ताकि विश्व जान सके" पर चिन्तन करते हुए पोप फ्राँसिस ने कहा कि "अपने व्यक्तिगत और कलीसियाई जीवन में त्रिएक ईश्वर की एकता और प्रेम को मूर्त रूप देने के लिये समस्त ख्रीस्तीय बुलाये गये हैं ताकि वे विभाजन और प्रतिद्वंद्विता से भयभीत दुनिया में प्रभु येसु के गवाह बनें।"
पोप ने इस तथ्य पर बल दिया कि एकता "ईश्वर के राज्य के दृष्टिकोण को अपनाने की कुँजी है" और इसके लिए "सार्वभौमिकता और ईसाई मिशन के बीच एक आंतरिक बंधन" की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल क्रिश्चियन फोरम ने अपने 25 साल के इतिहास में ऐसे स्थान प्रदान करके महत्वपूर्ण योगदान दिया है जहां ईसाई धर्म की विभिन्न ऐतिहासिक अभिव्यक्तियों के सदस्य "येसु मसीह में विचारों के आदान प्रदान तता सम्वाद द्वारा आपसी सम्मान और भाईचारे में प्रगति कर पाये हैं।"
सभी को अपनी आशीश प्रदान करते हुए पोप ने कहा, "आप सभी पर, मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर के आशीर्वाद का आह्वान करता हूं, और प्रार्थना करता हूं कि यह सम्मेलन विश्व के समस्त ख्रीस्तानुयायियों के बीच दृश्यमान एकता को आगे बढ़ा पाये।"