विश्व दादा-दादी दिवस हेतु पोप के संदेश के केंद्र में “अकेलापन”
पोप फ्राँसिस ने दादा-दादी और बुजुर्गों के लिए 2024 विश्व दिवस हेतु अपने संदेश की विषयवस्तु जारी की: "बुढ़ापे में मुझे मत त्यागो।"
रविवार, 28 जुलाई को, दुनियाभर के काथलिकों को अपने दादा-दादी और बुजुर्गों द्वारा दी गई महान विरासत और प्रज्ञा पर चिंतन करने के लिए समय निकालने का निमंत्रण दिया गया है।
दादा-दादी और बुजुर्गों के लिए चौथे विश्व दिवस की तैयारी में, वाटिकन के लोकधर्मी, परिवार और जीवन विभाग ने 2024 की पुनरावृत्ति के लिए विषयवस्तु जारी की।
पोप के संदेश की विषयवस्तु है: "बुढ़ापे में मुझे मत त्यागो" (स्तोत्र 71:9)
वाटिकन विभाग की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इसका मतलब है "इस तथ्य पर ध्यान आकर्षित करना कि दुर्भाग्य से, अकेलापन कई बुजुर्गों के जीवन में कड़वी समस्या है, जो अक्सर फेंक देनेवाली संस्कृति के शिकार होते हैं।"
अपने संदेश में, पोप फ्राँसिस स्तोत्र 71 की पंक्ति का सहारा लेंगे जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति के आग्रह को दर्शाया गया है जो ईश्वर के साथ उनकी दोस्ती की कहानी को दर्शाता है।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, "विश्व दिवस, दादा-दादी और बुजुर्गों के करिश्मे और कलीसिया के जीवन में उनके योगदान को संजोकर, पीढ़ियों के बीच संबंध बनाने और अकेलेपन से निपटने के लिए हर कलीसियाई समुदाय के प्रयासों का समर्थन करना चाहता है, इस चेतना के साथ कि - जैसा कि धर्मग्रंथ कहता है - "मनुष्य के लिए अकेला रहना अच्छा नहीं है।" (उत्पत्ति 2:18)
ख्रीस्तीय समुदाय का अकेलापन और कोमलता
लोकधर्मी, परिवार और जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय विभाग के अध्यक्ष कार्डिनल केविन फैरेल ने कई बुजुर्गों के अकेलेपन को उजागर करने के लिए पोप के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, "इस वास्तविकता का सामना करते हुए, परिवारों और कलीसियाई समुदाय को, मुलाकात की संस्कृति को बढ़ावा देने, साझा करने, सुनने, समर्थन और स्नेह प्रदान करने के लिए स्थान बनाने में सबसे आगे रहने के लिए कहा जाता है: इस प्रकार, सुसमाचार का प्यार साकार हो जाएगा।”
कार्डिनल ने स्वीकार किया कि अकेलापन मानव जीवन का एक अनिर्वाय स्थिति हैं, साथ ही सांत्वना दाता पिता ईश्वर की ओर मुड़ने का निमंत्रण दिया।
उन्होंने कहा, ख्रीस्तीय होने के नाते, दादा-दादी और बुजुर्गों को समर्पित विश्व दिवस, हमें अपनी फेंक देनेवाली संस्कृति को दूर करने और अपने समुदायों के सबसे नाजुक सदस्यों के प्रति "कोमलता और स्नेहपूर्ण ध्यान" प्रकट करने के लिए कहता है।
जुबली के लिए प्रार्थनामय तैयारी
दादा-दादी और बुजुर्गों के लिए 2024 विश्व दिवस, प्रार्थना वर्ष में मनाया जाएगा, जिसे पोप फ्राँसिस ने काथलिकों को जयंती वर्ष 2025 की तैयारी में मदद करने के लिए बुलाया है।
पोप फ्राँसिस ने 2021 में दादा-दादी एवं बुजूर्गों के लिए विश्व दिवस की स्थापना की, जिसको जुलाई के चौथे रविवार को येसु के दादा-दादी संत अन्ना और ज्वोकिम के पर्व के निकट मनाया जाता है।