म्यांमार भूकंप में मरने वालों की संख्या 3,000 के पार

म्यांमार के हाल ही में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है, येसु समाजी प्रांतीय अधिकारी फादर गिरीश संतियागो ने क्षति का आकलन करने और मानवीय सहायता हेतु मांडले क्षेत्र का दौरा किया।

म्यांमार में हाल ही आये भूकंम्प में गुरुवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 3,085 हो गई है, वहीं 341 अब भी लापता हैं जबकि 4,700 से अधिक लोगों को घायल बताया गयी है।

संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने बताया कि पीड़ितों में 50 बच्चे और दो शिक्षक शामिल हैं, जो मंडाले के निकट प्रीस्कूल के ढह जाने से मारे गए। एजेंसी ने सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों की भयावह स्थितियों पर प्रकाश डाला, जहां समुदाय शुद्ध पानी, स्वच्छता और आपातकालीन सहायता के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

म्यांमार में संकट
म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर की सड़कों पर सड़ते शवों की बदबू फैलनी शुरू हो गई है, क्योंकि लोग जीवित बचे लोगों को खोजने की उम्मीद में मलबा हटाने के लिए बेतहाशा काम कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय सहायता समूहों सहित आपातकालीन दल जीवन रक्षक सहायता प्रदान करने के लिए समय के विरूध दौड़ते नजर आ रहे हैं।

म्यांमार प्रांत के येसु समाजी अधिकारी फादर गिरीश संतियागो, दस घंटे की कठिन यात्रा के बाद सोमवार शाम को मांडले पहुंचे। वे तुरंत महाधर्माध्यक्ष मार्को टिन विन से मिलने उनके निवास पर गए, जहां उन्हें रात्रि भोज के दौरान भूकंप के झटके महसूस हुए। उन्होंने स्थानीय समाचार पत्रों से बातें करते हुए कहा, “हम दौड़कर बाहर निकले और खुले में भोज ग्रहण किया। उस रात- यहाँ तक कि महाधर्माध्यक्ष ने भूकंप के डर से पेड़ के नीचे सोकर रात बिताई।”

मांडले और मध्य म्यांमार में भूकंप के बाद के झटके लगातार आ रहे हैं, जिसके कारण भयभीत निवासियों को अस्थायी आश्रयों में बाहर सोने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। मांडले में अंतरराष्ट्रीय बचाव समिति के एक कार्यकर्ता ने बताया, "भूकंप के आतंक से पीड़ित लोगों को अब भूकंप के झटकों का डर सता रहा है और वे सड़कों पर या खुले मैदानों में सोने को बाध्य हैं।"

लोगों का अडिग  विश्वास
फादर गिरीश ने कहा कि तबाही के बावजूद,  लोगों का विश्वास अडिग है। “हमने मंगलवार की सुबह धर्माध्यक्ष के निवास के सामने एक खुली जगह में मिस्सा बलिदान अर्पित किया, जहाँ भारी क्षति हुई है।”

धर्माप्रांत के कार्यालय अब खुले में चलाये जा रहे हैं, और कर्मचारी अब खुले स्थानों पर खाना खाते और काम करते हैं। मोटरसाइकिल से यात्रा करते हुए फादर संतियागो पूरे मंडले में पीड़ितों से मिलते हुए उन्हें सांत्वना और सहायता देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “अमीर और गरीब दोनों तरह के लोगों ने सड़क किनारे आश्रय बना लिया है जिनकी स्थिति दिल दहला देने वाली है।” स्वयंसेवी दलों के द्वारा विस्थापितों के लिए भोजन, स्वच्छ पानी, दवा और आश्रय की तत्काल व्यवस्था करने की कोशिश जारी है।

धर्मसंगियों द्वारा सेवा के कार्य
सर्वाइट धर्मबहनों का निवास और बगल में ही संत एंथोनी पल्ली का गिरजाघर दोनों इमारतें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इसके बावजूद अपनी कठिनाइयों की चिंता किये धर्म बहनें भोजन पकाने और ज़रूरतमंदों को भोजन वितरित का कार्य जारी किये हैं।  संत जोसेफ ऑफ द अपैरिशन की बहनें, जिन्होंने तीन साल पहले म्यांमार में अपने धर्मसमाज की प्रेरिताई के 175 साल पूरे होने की सालगिरह मनाई थी, पूरी तरह प्रभावित हो गई हैं।

उनके निवास में जहाँ 44 आंतरिक रूप से विस्थापित बच्चे रहा करते थे, जो अपनी कठिनाइयों के बावजूद धर्मबहनों को भोजन तैयार करने और वितरित करने में सक्रिय रूप से मदद कर रहे हैं। 7.7 तीव्रता का भूकंप, जो म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में एक सदी में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप था, ने व्यापक विनाश किया।

भूकंप में क्षति
प्राचीन पगोडा, आधुनिक इमारतें और महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे मलबे में तब्दील हो गये हैं। बैंकॉक में, निर्माणाधीन 30-मंजिला सरकारी इमारत ढह गई, जिसके मलबे में दर्जनों लोग फंसे हुए हैं।  बैंकॉक में बचाव दल ढही हुई गगनचुंबी इमारत में जीवित बचे लोगों की तलाश जारी रखे हुए हैं, हालांकि उम्मीदें कम दिखाई देती हैं। स्वयंसेवी बचाव दल के नेता बिन बनलुएरिट ने कहा, “नीचे कबीब 70 शव हैं, और हम चमत्कार के लिए प्रार्थना करते हैं-शायद एक या दो लोग अभी भी जीवित हों।" घटनास्थल पर मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है, जबकि 74 लोग अभी भी लापता हैं। भूकंप से थाईलैंड में मरने वालों की संख्या 20 है।

धर्मप्रांत की अपील  
संकट के जवाब में, थाईलैंड के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने म्यांमार में प्रभावित लोगों की सहायता के लिए मंगलवार को एक आपातकालीन धन जमा करने की अपील की। सीबीसीटी  के अध्यक्ष, बैंकॉक के महाधर्माध्यक्ष फ्रांसिस जेवियर वीरा अर्पोंद्रताना ने कहा, “कारितास म्यांमार उन लोगों की सहायता के लिए अथक प्रयास कर रहा है, जिन्होंने अपने घर, पल्ली और कॉन्वेंट खो दिए हैं।” “हमें तत्काल आपातकालीन सहायता की अति आवश्यकता है।” म्यांमार और इसके व्यापक क्षेत्र विनाशकारी भूकंप के बाद अपनी दैनीय हालात से जूझ रहे हैं, मानवीय समूह संसाधन जुटाना जारी रखे हुए हैं, जबकि बचे हुए लोग की उम्मीदें खंडहरों के बीच चिपकी हुई हैं।