बाल पोषण पर धर्माध्यक्षों की चिंता के बाद फिलीपीनी सरकार के धनराशि देने का वादा

फिलीपीनी सरकार ने देश के काथलिक धर्माध्यक्षों को आश्वासन दिया है कि वह बाल पोषण और शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय संकट से निपटने के लिए अरबों पेसो देने के लिए प्रतिबद्ध है।

14 अगस्त को लिखे एक पत्र में, बजट एवं प्रबंधन विभाग (डीबीएम) ने फिलीपींस के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीपी) को बताया कि उसने धर्माध्यक्षों के हालिया कार्रवाई आह्वान में उल्लिखित "मुद्दों को संबोधित करने के लिए पहले ही कदम उठा लिया है।"

डीबीएम की अवर सचिव मार्गो साल्सेडो ने कहा कि 328 स्थानीय सरकारी इकाइयों में बाल विकास केंद्र स्थापित करने के लिए अप्रैल में 1 बिलियन पेसो (लगभग 17 मिलियन अमेरिकी डॉलर) से अधिक की राशि जारी की गई थी।

उन्होंने 16 अगस्त को लीकास न्यूज़ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "जून 2025 तक, 182 राष्ट्रीय बाल विकास केंद्र पहले ही बनाए जा चुके हैं।"

साल्सेडो ने कहा कि यह परियोजना शिक्षा सुधार पर कांग्रेस आयोग के निष्कर्षों के अनुरूप शिक्षा विभाग द्वारा चिन्हित निम्न-आय वाले नगर पालिकाओं को प्राथमिकता देती है।

डीबीएम ने बौनेपन और कुपोषण से निपटने के उपायों पर भी प्रकाश डाला, जो पाँच वर्ष से कम उम्र के एक-चौथाई से ज़्यादा फ़िलिपीनो बच्चों को प्रभावित करनेवाली समस्या है।

2026 के राष्ट्रीय बजट में समाज कल्याण और विकास विभाग के पूरक आहार कार्यक्रम के लिए धनराशि 18 प्रतिशत बढ़ाकर 6.1 बिलियन पेसो कर दी गई है।

साथ ही, देश के शिक्षा विभाग को अपने स्कूल-आधारित आहार कार्यक्रम के लिए 11.8 बिलियन पेसो प्राप्त होंगे, जो 30 लाख से ज़्यादा प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों को भोजन उपलब्ध कराएगा।

जवाबदेही को मज़बूत करने के लिए, डीबीएम ने यूनिसेफ और यूरोपीय संघ के साथ मिलकर एक नया बाल बजट और व्यय टैगिंग और ट्रैकिंग टूल लॉन्च किया है।

साल्सेडो के अनुसार, यह प्रणाली "बच्चों के लिए मौजूदा प्रयासों और निवेशों को मजबूत और सुसंगत बनाएगी, तथा बच्चों के प्रति संवेदनशील सार्वजनिक वित्तपोषण के लिए एक सुसंगत, कुशल, पारदर्शी और सतत तंत्र स्थापित करेगी।"

भविष्य को देखते हुए, डीबीएम ने घोषणा की कि शिक्षा क्षेत्र को 2026 में रिकॉर्ड 1.224 ट्रिलियन पेपो (लगभग 21 बिलियन अमेरिकी डॉलर) प्राप्त होंगे।

साल्सेडो ने कहा कि इस स्तर का वित्तपोषण "अब यूनेस्को शिक्षा 2030 फ्रेमवर्क फॉर एक्शन द्वारा अनुशंसित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.0 से 6.0 प्रतिशत के शिक्षा व्यय को पूरा करेगा," और यह कुल सरकारी व्यय का 15 से 20 प्रतिशत शिक्षा पर आवंटित करने के वैश्विक मानक के भीतर आता है।

साल्सेडो ने लिकास न्यूज़ को बताया कि डीबीएम, धर्माध्यक्षों के धर्माध्यक्षीय पत्र में व्यक्त की गई तात्कालिकता को समझता है और देश की संघर्षरत शिक्षा प्रणाली की "नींव को मजबूत" करने के लिए शिक्षा विभाग जैसी कार्यान्वयन एजेंसियों को पूर्ण समर्थन सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है।

डीबीएम का यह आश्वासन 30 जून से 7 जुलाई तक बोहोल के आंदा में आयोजित अपनी 130वीं पूर्ण सभा के बाद धर्माध्यक्षों द्वारा जारी एक धर्माध्यक्षीय वक्तव्य के बाद आया है।

"तत्काल कार्रवाई का आह्वान: पोषण और प्रारंभिक बाल्यावस्था विकास में संकट का जवाब" शीर्षक वाले अपने पत्र में, सीबीसीपी ने चेतावनी दी कि फिलीपींस एक गहराते शिक्षा संकट का सामना कर रहा है, "जिसकी जड़ में गंभीर बौनापन और कुपोषण, बाल देखभाल और विकास में कम भागीदारी, एवं कार्यात्मक रूप से निरक्षर बच्चों की बड़ी संख्या है।"

धर्माध्यक्षों ने द्वितीय कांग्रेस की शिक्षा आयोग (ईडीसीओएम II) के निष्कर्षों का हवाला दिया, जिसमें बताया गया था कि पाँच वर्ष से कम आयु के 26.7 प्रतिशत फ़िलिपीनी बच्चे बौने हैं—यह दर वैश्विक औसत 22.3 प्रतिशत से अधिक है—और 2000 से स्थिर बनी हुई है।

उन्होंने बताया कि छह से 12 महीने की आयु के केवल एक-चौथाई फ़िलिपीनी बच्चे ही अनुशंसित ऊर्जा सेवन पूरा कर पाते हैं, और कई बच्चों में विकास के लिए आवश्यक प्रोटीन और स्वस्थ वसा की कमी होती है।

प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल में भागीदारी चिंताजनक रूप से कम बनी हुई है, तीन से चार वर्ष की आयु के केवल 21 प्रतिशत बच्चे प्रारंभिक शिक्षा में शामिल हैं, और शून्य से दो वर्ष की आयु के बच्चों में तो यह संख्या और भी कम है।

धर्माध्यक्षों ने यह भी उल्लेख किया कि 1990 से ही कानून द्वारा बाल विकास केंद्रों के अस्तित्व को अनिवार्य बनाने के बावजूद, देशभर में 5,800 बारांगाय (गाँव) में अभी भी बाल विकास केंद्रों का अभाव है।

धर्माध्यक्षों ने लिखा, "ये परिणाम चिंताजनक हैं।" उन्होंने बताया कि कक्षा 1 से 3 तक के लगभग आधे छात्र अपनी कक्षा के स्तर के लिए तैयार नहीं हैं, कक्षा 3 के 80 प्रतिशत छात्र बुनियादी गणित में कठिनाई महसूस करते हैं, और 30 प्रतिशत कार्यात्मक रूप से साक्षर नहीं हैं।

पत्र में सरकार से "गर्भवती महिलाओं और 0-4 वर्ष की आयु के बच्चों के पोषण में सुधार लानेवाले कार्यक्रमों को प्राथमिकता देने और उन्हें पूरी तरह से वित्तपोषित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने, प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा तक पहुँच का विस्तार करने... और कम आयवाले समुदायों की नगर पालिकाओं को प्राथमिकता देते हुए, प्रत्येक बारांगाय में बाल विकास केंद्र और प्रारंभिक शिक्षा के अवसर स्थापित करने में तत्काल निवेश करने" का आह्वान किया गया है।

सीबीसीपी के अध्यक्ष कार्डिनल पाब्लो वर्जिलियो डेविड ने इस वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए और इस बात पर ज़ोर दिया कि बच्चों की देखभाल एक नैतिक कर्तव्य और राष्ट्रीय अनिवार्यता दोनों है।

उन्होंने लिखा, "हमारे बच्चों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में देरी करना, उनकी अनदेखी करना या उन्हें पूरा करने में विफल रहना, हमारे देश के भविष्य की प्रगति में देरी करना है।"