धर्माध्यक्ष मर्तिनेल्ली : धर्मसभा शांतिपूर्ण सहअस्तित्व का मार्ग
मध्य पूर्व में बढ़ती हिंसा के बारे में वाटिकन न्यूज से बात करते हुए, दक्षिणी अरब के प्रेरितिक विकर ने दोहराया कि धर्म शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं, और कहा कि धर्मसभा इस बात का ठोस उदाहरण प्रस्तुत करती है कि किस प्रकार अंतरधार्मिक संवाद और एक-दूसरे की बात सुनने के माध्यम से हम एक साथ रह सकते हैं।
दक्षिणी अरब के प्रेरितिक विकर धर्माध्यक्ष पाओलो मर्तिनेल्ली ओएफएम कैप ने कहा कि "हिंसा के मौजूदा चक्र को रोकने के लिए कूटनीति के नवाचार को संशोधित करने की तत्काल आवश्यकता है, लेकिन हमें विश्वास करनेवाले लोगों की गवाही की भी आवश्यकता है जो दिखलाते हैं कि हम एक साथ चल सकते हैं, कि धर्म दुनिया के मानवीकरण में योगदान कर सकते हैं।"
प्रतिशोध के दुष्चक्र को तोड़ना
कपुचिन फ्रायर जो पिछले दो वर्षों से संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और यमन में कलीसिया के शीर्ष अधिकारी के रूप में सेवारत हैं, रोम में धर्मसभा में भाग लेने आए हैं। उन्होंने सभा के दौरान वाटिकन न्यूज़ से पवित्र भूमि और अरब प्रायद्वीप पर लेबनान में चल रहे युद्ध के नतीजों के बारे में बात की, विशेष रूप से युद्धग्रस्त यमन पर, जो सीधे तौर पर इजरायल-हमास संघर्ष से प्रभावित है, जिसमें हौथी विद्रोही इजरायल के साथ गोलीबारी कर रहे हैं और लाल सागर में जहाजों पर हमला कर रहे हैं।
धर्माध्यक्ष मार्तिनेली ने कूटनीति को फिर से शुरू करके प्रतिशोध के इस दुष्चक्र को तोड़ने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "हमें सभी की भलाई के लिए मेल-मिलाप और शांति के रास्ते खोजने की जरूरत है।" हम प्रार्थना करते हैं कि युद्ध जल्द ही समाप्त हो जाए, और हम पुनर्निर्माण शुरू कर सकें, ताकि हम अंततः अच्छाई, बांटने और एक साथ चलने की परियोजनाओं को पूरा कर सकेंगे।"
शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व संभव है
उन्होंने कहा कि धार्मिक समुदाय बेहतर दुनिया के लिए संवाद और शांति में योगदान दे सकते हैं “राष्ट्रवादी उद्देश्यों के लिए खुद को साधन बनने न देकर” और उन्हें ऐसा करना भी चाहिए। उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात और ओमान का उदाहरण दिया, जहाँ उन्होंने कहा, “आप एक काथलिक गिरजाघर, एक मस्जिद और एक सभागृह एक साथ खड़े पा सकते हैं, जो दर्शाता है कि शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व संभव है: “यह स्पष्ट है कि अपनी आध्यात्मिक परंपराओं को साझा करना सभी के लिए फायदेमंद है।”
धर्माध्यक्ष मार्तिनेली के अनुसार, सिनॉडालिटी पर चल रही धर्मसभा का अनुभव शांति की इस संस्कृति को फैलाने में कलीसिया के योगदान का एक ठोस प्रमाण है। उन्होंने कहा, "इससे मिलनेवाले किसी भी तकनीकी परिणाम से परे, यह तथ्य कि हम एक-दूसरे की बात सुनते हैं, सार्थक है।" "मतभेदों की समृद्धि को पहचानना और ईश्वर की इच्छा को एक साथ समझने सीखना कलीसिया और दुनिया के लिए एक उदाहरण है, जो समाज के लिए अच्छाई के मार्ग को प्रेरित कर सकता है।
विविधताओं को स्वीकार करना
पोप फ्राँसिस की एशिया और ओशिनिया की हालिया प्रेरितिक यात्रा पर टिप्पणी करते हुए दक्षिणी अरब के प्रेरितिक विकर ने 2019 में संयुक्त अरब अमीरात और 2023 में बहरीन की दो ऐतिहासिक यात्राओं के साथ कई समानताओं का उल्लेख किया, जिसमें इंडोनेशिया में अंतरधार्मिक सद्भाव घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करना भी शामिल है, जो, उन्होंने कहा, दिखाता है कि "भाईचारे की दिशा में मार्ग आगे बढ़ रहा है।"
उन्होंने कहा, "मुझे विवधताओं की सराहना बेहद रोमांचक लगती है।" "जीवन का आदर्श विविधताओं को दूर करना नहीं है, जहां हर कोई एक जैसा है, बल्कि दूसरों के साथ मुलाकात का आनंद लेना है क्योंकि वे अलग हैं।"