वाटिकन का मातेर एक्लेसिया अब मठवासियों का घर बन गया है

वाटिकन में मातेर एक्लेसिया मठ अब फिर से मठवासी समुदाय के लिए एक "घर" बन गया है। 2013 में मठवासियों के जाने के बाद यह मठ लगभग दस वर्षों तक संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें का निवास स्थान था। संत पापा ने इसे अब अर्जेंटीना के बेनेडिक्टिन धर्मबहनों के लिए खोल दिया।

वाटिकन उद्यान के मध्य में मातेर एक्लेसिया मठ को ,जो लगभग दस वर्षों तक सेवानिवृत पोप बेनेडिक्ट सोलहवें का "घर" था, अपने मूल उद्देश्य को फिर से शुरू करने के लिए खोलना है।

पोप फ्राँसिस ने कहा है कि यह एक बार फिर मठवासियों का निवास स्थान बने जहाँ मौन और एकांत में प्रार्थना आराधना और त्याग तपस्या के माध्यम से पूरी कलीसिया की दैनिक देखभाल में पोप का समर्थन कर सकें।"

सोमवार, 13 नवंबर को वाटिकन प्रेस कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि पोप फ्राँसिस ने इस वर्ष 1 अक्टूबर को एक हस्तलिखित पत्र में इस निर्णय की घोषणा की।

बयान में कहा गया है कि पोप ने विक्टोरिया, ब्यूनस आयर्स प्रांत (सैन इसिड्रो धर्मप्रांत) में संत स्कोलास्टिक मठ के बेनेडिक्टिन मठवासियों को बुलाया है, जिन्होंने संत पापा के निमंत्रण को उदारतापूर्वक स्वीकार किया है।

25 मार्च 1994 के अपने संक्षिप्त "द कंटेम्पलेटिव लाइफ" में, संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने वाटिकन सिटी में में मठवासी धर्मबहनों के लिए ‘मातेर एक्लेसिया मठ’ की स्थापना की थी।

सेवानिवृत पोप बेनेडिक्ट सोलहवें ने 11 फरवरी 2013 को अपने ऐतिहासिक इस्तीफे के बाद वहां रहने की इच्छा व्यक्त की थी। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम वर्ष वहां बिताए, अपने सहयोगियों की सहायता से और 31 दिसंबर 2022 को अपनी मृत्यु तक प्रार्थना में कलीसिया के साथ रहे।

बयान में आगे कहा गया, मठ अब छह धर्मबहनों का स्वागत करेगा, जो क़ानून के अनुसार जनवरी की शुरुआत में मठ में रहना शुरू कर देंगे।

पोप फ्राँसिस ने यह भी निर्णय लिया है कि वाटिकन सिटी राज्य का गवर्नर मातेर एक्लेसिया मठ से संबंधित सभी मामलों के लिए जिम्मेदार होगा।