विश्व शांति दिवस 2026 की विषयवस्तु : ‘शांति आप सभी के साथ हो’

पोप लियो 14वें ने विश्व शांति दिवस 2026 के लिए विषयवस्तु जारी की है, “शांति आप सभी के साथ हो: एक 'निहत्थे और निरस्त्र' शांति की ओर," इसके साथ ही वाटिकन पब्लिशिंग हाउस ने "एंड लेट देयर बी पीस" नामक एक पुस्तक प्रकाशित की है।
समग्र मानव विकास के लिए स्थापित परमधर्मपीठीय विभाग ने मंगलवार को एक बयान जारी कर पोप लियो 14वें के विश्व शांति दिवस 2026 की विषयवस्तु की जानकारी दी।
विभाग ने कहा, “शांति आप सभी के साथ हो: एक 'निहत्थे और निरस्त्र' शांति की ओर," सार्वभौमिक शांति को समर्पित वार्षिक पर्व की विषयवस्तु है, जिसे 1 जनवरी को ईश्वर की माता मरियम के पर्व दिवस के अवसर पर मनाया जाता है।
बयान में कहा गया है कि विषयवस्तु मानवजाति को निमंत्रण देता है कि वह हिंसा और युद्ध के तर्क का बहिष्कार करे और प्रेम एवं न्याय पर आधारित, सच्ची शांति को अपनाये।
8 मई, 2025 को पोप चुने जाने की शाम, और उसके बाद कई अन्य अवसरों पर, पोप लियो 14वें ने एक विशिष्ट वाक्यांश—“निहत्थे और निरस्त्र”—के साथ शांति की अपील की, जो उस शांति को दर्शाता है जिसकी वे विश्व के लिए आशा करते हैं।
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “यह शांति निहत्थी होनी चाहिए, अर्थात भय, धमकियों या हथियारों पर आधारित नहीं। और निहत्थी होते हुए इसे, संघर्षों को सुलझाने, दिलों को खोलने और आपसी विश्वास, सहानुभूति और आशा जगाने में सक्षम होना चाहिए।”
इसमें कहा गया है, “केवल शांति का आह्वान करना ही पर्याप्त नहीं है। हमें इसे एक ऐसे जीवन-शैली में अपनाना होगा जो हर प्रकार की हिंसा को अस्वीकार करे, चाहे वह प्रत्यक्ष हो या व्यवस्थित।”
विभाग के प्रेस वक्तव्य में समस्त मानवता से शांति की खोज करने के सार्वभौमिक आह्वान की ओर इशारा किया गया, चाहे हमारी धार्मिक संबद्धता या समाज में हमारी भूमिका कुछ भी हो।
बयान के अंत में कहा गया, "पुनर्जीवित ख्रीस्त का अभिवादन, 'तुम्हें शांति मिले' (यो. 20:19), सभी को—विश्वासियों, अविश्वासियों, राजनीतिक नेताओं और नागरिकों—ईश्वर के राज्य का निर्माण करने और एक मानवीय एवं शांतिपूर्ण भविष्य के निर्माण के लिए मिलकर काम करने का निमंत्रण है।"
पोप के पहले भाषणों की नई पुस्तक
इसके अलावा, वाटिकन पब्लिशिंग हाउस (एलइवी ने एक नई पुस्तक जारी की है जिसमें पोप लियो 14वें के पहले सार्वजनिक भाषणों को शांति के प्रबल स्वर के साथ संकलित किया गया है।
“शांति हो! शब्द कलीसिया और दुनिया के लिए" 27 अगस्त को अंग्रेजी, इतालवी और स्पेनिश में किताबों की दुकानों पर उपलब्ध होगा।
एक प्रेस विज्ञप्ति में पोप द्वारा "निहत्थे और निरस्त्र" शब्द के प्रयोग को याद करते हुए बताया गया है कि इसे सबसे पहले फ्रांसीसी मठवासी चार्ल्स-मेरी क्रिश्चियन डी चेरजे, ओ.सी.एस.ओ. ने लिखा था।
तिबिरीन स्थित एटलस की हमारी महिला मठ के मठाधीश 1996 में अल्जीरिया के सिस्टरशियन मठ में अपने छह साथी भिक्षुओं के साथ शहीद हो गए थे।
जैसा कि प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है, कार्डिनल रॉबर्ट प्रीवोस्ट को 8 मई को अल्जीरिया के शहीदों के धार्मिक स्मारक पर पोप चुना गया था।
किताब की समग्री का सार बतलाते हुए प्रेस वक्तव्य में कहा गया है कि पोप लियो ने अपनी कई प्राथमिकताओं को व्यक्त किया है, जिनमें "ईश्वर को प्राथमिकता, कलीसिया की सहभागिता और शांति की खोज" शामिल हैं।
"मेल-मिलाप के लिए उनकी पहले से ही की गई कई अपीलें न केवल राजनीति के लिए, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति के हृदय तक पहुँचती हैं," विज्ञप्ति में पोप का हवाला देते हुए लिखा गया है, "शांति हम प्रत्येक से शुरू होती है: जिस तरह हम दूसरों को देखते, दूसरों को सुनते और दूसरों के बारे बोलते हैं।"