पेपल फाउंडेशन के सदस्यों से पोप फ्रांसिस
वाटिकन में शुक्रवार को पोप फ्राँसिस ने विश्व के विभिन्न देशों में मानवतावादी कार्यों में संलग्न पेपल फाऊन्डेशन अथवा परमाध्यक्षीय न्यास के सदस्यों, न्यासियों और प्रबंधकों का साक्षात्कार कर उनके शैक्षणिक एवं लोकोपकरी कार्यों के लिये हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया।
वाटिकन में शुक्रवार को पोप फ्राँसिस ने विश्व के विभिन्न देशों में मानवतावादी कार्यों में संलग्न पेपल फाऊन्डेशन अथवा परमाध्यक्षीय न्यास के सदस्यों, न्यासियों और प्रबंधकों का साक्षात्कार कर उनके शैक्षणिक एवं लोकोपकरी कार्यों के लिये हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया।
"रोम में आपकी वार्षिक तीर्थयात्रा के अवसर पर आप सभी का स्वागत करते मैं हर्षित हूँ। ईस्टर की अवधि के दौरान, हम प्रभु येसु के पुनरुत्थान तथा पाप और मृत्यु पर उनकी विजय का जश्न मनाते हैं, और अपनी स्थापना के बाद से ही पेपल फाउंडेशन तमाम विश्व के अनगिनत भाइयों और बहनों के लिए येसु की निकटता, करुणा और कोमल प्रेम लाकर प्रभु के पुनःरुत्थान महापर्व यानि ईस्टर की खुशी का वाहक रहा है।" इन शब्दों से सन्त पापा फ्राँसिस ने परमाध्यक्षीय न्यास के सदस्यों और प्रतिनिधियों का अभिवादन किया।
उन्होंने कहा, "विभिन्न शैक्षिक, धर्मार्थ और प्रेरितिक परियोजनाओं में आपका समर्थन निर्धनों, शरणार्थियों, आप्रवासियों और आजकल युद्ध और हिंसा से प्रभावित लोगों की बड़ी संख्या सहित कई लोगों के समग्र विकास को बढ़ाता है, जो कि सराहनीय है। साथ ही, उन्होंने कहा, विभिन्न विकासशील देशों में सामान्य जन और लोकधर्मियों, समर्पित धर्मसंघियों एवं धर्मसमाजियों, गुरुकुल छात्रों और पुरोहितों को प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्तियां उन्हें रोम में परमधर्मपीठीय विश्वविद्यालयों में अध्ययन करने के अवसर देती तथा अधिक प्रभावी ढंग से सुसमाचार की गवाही देने में सक्षम बनाती हैं।"
पोप ने कहा कि इस प्रकार "परमाध्यक्षीय न्यास के सदस्य स्थानीय कलीसिया के निर्माण सम्बन्धी सन्त पेत्रुस के उत्तराधिकारी, सन्त पापा की पहलों में महान योगदान प्रदान करते हैं और आपकी इस उदारता के लिए मैं हार्दिक धन्यवाद देता हूँ।"
पोप ने कहा कि मानवतावादी एवं लोकोपकारी कार्यों के लिये बल काथलिक विश्वास से मिलता है इसलिये विश्वास को कलीसियाई जीवन में सहभागी होकर, संस्कारों को ग्रहण कर तथा प्रभु ईश्वर के समक्ष प्रार्थना में लीन होकर सुदृढ़ किया जा सकता है। इस सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि न्यास के सदस्यों की रोम तीर्थयात्रा 2025 में मनाई जा रही कलीसिया की जयन्ती की तैयारी में प्रार्थना वर्ष के दौरान हो रही है।
बाईबिल धर्मग्रन्थ में निहित प्रेरित चरित ग्रन्थ के शब्दों को उद्धृत कर उन्होंने कहा कि प्रार्थना में दृढ़ता से हम शनैःशनैः "येसु और अन्य लोगों के साथ एकहृदय और एकप्राण बन जाते हैं, जिससे एकजुटता सिंचित होती तथा हमारी दैनिक रोटी साझेदारी में तब्दील हो जाती है।"
उन्होंने कहा, "आध्यात्मिक जीवन का यह फल आपके नेक प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण है, हालाँकि आप सहायता पानेवालों से व्यक्तिगत रूप से कभी नहीं मिलते हैं, तथापि पेपल फाउंडेशन के कार्यक्रम कई अलग-अलग संस्कृतियों, भाषाओं और क्षेत्रों के लोगों के साथ आध्यात्मिक और भाईचारा के बंधन को प्रोत्साहन देते हैं, जिसकी आज, व्यक्तिवाद और उदासीनता से ग्रस्त हमारे समय में, नितान्त आवश्यकता है। मैं आपके कार्य और रोम की आपकी तीर्थयात्रा के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।"