देवदूत प्रार्थना : हमारे अभाव का प्रत्युत्तर ईश्वर प्रचुरता से देते हैं
अपने रविवारीय देवदूत प्रार्थना के दौरान, पोप फ्राँसिस ने काना में विवाह के समय प्रभु के प्रथम चमत्कार पर चिंतन करते हुए विश्वासियों को याद दिलाया कि जब हमारे पास किसी चीज की कमी होती है, तो प्रभु उसे लबालब भरना चाहते हैं, क्योंकि "वे हमारे साथ उत्सव मनाना चाहते हैं।"
वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 19 जनवरी को पोप फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया, देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को संबोधित कर कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, शुभ रविवार।
आज की धर्मविधि का सुसमाचार पाठ (यो. 2:1-11) हमें येसु के पहले चमत्कार के बारे बताता है, जब उन्होंने गलीलिया के काना में एक विवाह भोज के दौरान पानी को दाखरस में बदल दिया था। यह एक ऐसी घटना है जो येसु के संपूर्ण मिशन का पूर्वाभास कराता और उसे सारगर्भित करता है: ख्रीस्त के आगमन के दिन - जैसा कि नबियों ने कहा है - प्रभु "एक उत्तम भोज" तैयार करेंगे...जिसमें “बढ़िया अंगूरी” परोसी जायेगी।(इसा. 25:6) और “पहाड़ों से नये अंगूर का रस टपकेगा” ।(आमोस 9:13)
पोप ने कहा, “येसु ही दूल्हे हैं जो अपने प्रेम का “नया दाखरस” लाते हैं।
उनके पास दाखरस नहीं रह गई है
इस सुसमाचार में हम दो चीजें पा सकते हैं: अभाव और अधिकता। एक ओर दाखरस ख़त्म हो जाता है और मरियम अपने बेटे से कहती हैं: "उनके पास दाखरस नहीं है।"(पद 3); दूसरी ओर, येसु छह बड़े घड़ों में भरे पानी को दाखरस में बदल देते हैं और अंत में, दाखरस इतनी प्रचुर और उत्तम होती है कि भोज का स्वामी प्रशंसा करता है और दूल्हे से पूछता है कि उसने इसे अंत तक क्यों रखा (पद 10)।
वास्तव में, हमारा चिन्ह हमेशा अभावग्रस्त है लेकिन ईश्वर का चिन्ह हमेशा अधिकता से पूर्ण। और "काना की अधिकता इसका संकेत है।
ईश्वर प्रचुरता के साथ उत्तर देते हैं
मनुष्यों के अभाव की स्थिति पर ईश्वर कैसी प्रतिक्रिया करते हैं? वे अपने प्रेम की अधिकता के साथ उत्तर देते हैं। (रोम 5,20) संत पापा ने कहा, “ईश्वर कंजुस नहीं हैं। जब देते हैं तो छप्पर फाड़ के देते हैं। हमारी कमियों का जवाब प्रभु अपनी प्रचुरता से देते हैं।” इसी तरह हमारे जीवन के उत्सव में कभी-कभी हमें एहसास होता है कि दाखरस समाप्त हो रहा है: हममें ताकत की कमी हो रही है और कई अन्य चीजें घट रही हैं। ऐसा तब होता है जब हमें परेशान करनेवाली चिंताएँ, हम पर हावी होनेवाले भय या बुरी शक्तियाँ हमारे जीवन के स्वाद, आनंद और आशा के स्वाद को छीन लेती हैं।
लेकिन पोप ने कहा, “इस कमी का सामना करते हुए, जब प्रभु हमें देते हैं, तो वे बहुतायत से देते हैं। यह एक विरोधाभास जैसा लगता है: हमारे पास जितना कम होता है, उतना ही अधिक प्रभु के पास प्रचुरता होती है। क्योंकि प्रभु हमारे साथ उत्सव मनाना चाहते हैं, एक ऐसा उत्सव जो कभी खत्म नहीं होगा।”
माता मरियम से प्रार्थना
तब संत पापा ने माता मरियम से प्रार्थना करने का आह्वान करते हुए कहा, “तो फिर आइये हम कुँवारी मरियम से प्रार्थना करें जो "नई अंगुरी की नारी" हैं, हमारे लिए प्रार्थना करें, इस जयन्ती वर्ष में, हमें प्रभु येसु से मिलने की खुशी को फिर से पाने में मदद करें।”
इतना कहने के बाद पोप ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।