देवदूत प्रार्थना में पोप : एक दिन हम ख्रीस्त में एक हो जायेंगे
रविवार को देवदूत प्रार्थना के दौरान पोप फ्राँसिस ने कहा कि ख्रीस्त में “हम एक दिन उन चीजों और लोगों को फिर पायेंगे जो समाप्त हो चुके हैं और जो संसार में हमारे साथ रहे...हमने जो निर्माण किया और जितना प्रेम किया उसमें से कुछ नहीं खोयेगा क्योंकि मृत्यु एक नये जीवन की शुरूआत है।"
वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 17 नवम्बर को गरीबों को लिए विश्व दिवस के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया, जिसके पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बधित कर कहा, “प्रिय भाइयो एवं बहनो, शुभ रविवार।
आज की धर्मविधि के सुसमाचार में, येसु ने एक बड़े आपदा का वर्णन किया है: "सूरज अंधकारमय हो जाएगा, चंद्रमा अपनी रोशनी नहीं देगा।" (मार. 13,24) इस पीड़ा का सामना करते हुए, कई लोग दुनिया के अंत के बारे में सोचते हैं, लेकिन प्रभु हमें एक अलग व्याख्या देते हुए कहते हैं: "स्वर्ग और पृथ्वी टल जाएंगे, लेकिन मेरे शब्द नहीं टलेंगे।"(मार.13,31)
पोप ने कहा, आइये हम चिंतन करें कि क्या समाप्त हो जाएगा और क्या समाप्त नहीं होगा।
क्या समाप्त हो जाएगा
हमारे जीवन की कुछ परिस्थितियों में, जब हम किसी संकट से गुजरते हैं या किसी असफलता का अनुभव करते हैं, साथ ही जब हम अपने चारों ओर युद्ध, हिंसा, प्राकृतिक आपदाओं से होनेवाली पीड़ा देखते हैं, तो हमें ऐसा महसूस होता है कि सब कुछ अंत की ओर जा रहा है, और हम महसूस करते हैं कि सबसे खूबसूरत चीजें भी गुजर जाती हैं।”
उन्होंने कहा, “संकट और असफलताएँ, भले ही पीड़ादायक हों, लेकिन महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे हमें हर चीज को उसका सही महत्व देना सिखाती हैं, इस संसार की चाजों से अपने दिल को आसक्त नहीं करना सिखाती हैं, क्योंकि वे गुजर जाएंगी: उनका अस्त (समाप्त) होना तय है।”
क्या समाप्त नहीं होगा
साथ ही, येसु हमसे कहते हैं कि क्या शेष रह जाता है। पोप ने कहा, “सब कुछ बीत जाता है, लेकिन उनके शब्द नहीं मिटेंगे: वे हमेशा के लिए बने रहेंगे। इस प्रकार वे हमें सुसमाचार पर भरोसा करने के लिए आमंत्रित करते हैं, जिसमें मुक्ति और अनंत काल का वादा है, और अब मृत्यु की पीड़ा में नहीं जीना है।”
वास्तव में, सब कुछ बीत जाने पर भी ख्रीस्त बने रहेंगे। उनमें हम एक दिन उन चीज़ों और लोगों को फिर से पायेंगे जो बीत चुके हैं और जो हमारे सांसारिक अस्तित्व में हमारे साथ रहे हैं। पुनरुत्थान के इस वादे के प्रकाश में, प्रत्येक चीज एक नया अर्थ ग्रहण करती है: सब कुछ मर जाता है और हम भी एक दिन मर जाएंगे, लेकिन हमने जो कुछ बनाया और जितना प्रेम किया, उसमें से कुछ भी नहीं खोएगा, क्योंकि मृत्यु एक नए जीवन की शुरुआत होगी।
विश्वासियों को सम्बोधित कर पोप ने कहा, “भाइयो और बहनो, कष्टों में, संकटों में, असफलताओं में भी, सुसमाचार हमें जीवन और इतिहास को देखने के लिए आमंत्रित करता है, जो समाप्त हो जाता है उसे खोने के डर के बिना, बल्कि जो समाप्त नहीं होता, उसके लिए खुशी के साथ, क्योंकि ईश्वर हमारे लिए जीवन और आनंद का भविष्य तैयार करते हैं।”
चिंतन
अतः पोप ने चिंतन हेतु प्रेरित करते हुए कहा, “तो आइए हम अपने आप से पूछें: क्या हम पृथ्वी की चीजों से आसक्त हैं, जो शीघ्र समाप्त हो जायेगी, या प्रभु के शब्दों से जुड़े हैं जो बने रहते हैं और हमें अनंत काल की ओर ले जाते हैं?”
तब माता मरियम से प्रार्थना करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, “आइए हम कुँवारी मरयिम से प्रार्थना करें: जिन्होंने खुद को पूरी तरह से ईश्वर के वचन को सौंप दिया, हमारी मध्यस्थता करें।”
इतना कहने के बाद पोप ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।