“जयन्ती की कृपा” : वाटिकन ने जयन्ती वर्ष में दण्डमोचन की घोषणा की
पिछले हफ्ते जयंती वर्ष 2025 के लिए संत पापा फ्राँसिस के घोषणा पत्र जारी होने के बाद, प्रेरितिक प्रायश्चित विभाग ने एक आज्ञप्ति प्रकाशित की है जो पवित्र वर्ष के दौरान दिए जानेवाले दण्मोचन का विवरण प्रदान करती है।
वाटिकन के प्रेरितिक प्रायश्चित विभाग ने एक नई आज्ञप्ति जारी कर बतलाया है कि काथलिक विश्वासी 2025 जयन्ती वर्ष के लिए जुबली दण्डमोचन कई तरीकों से प्राप्त करेंगे।
द्वितीय वाटिकन महासभा के मद्देनजर, संत पापा पॉल छठवें ने सिखाया है कि "दण्डमोचन ईश्वर के समक्ष उन पापों के लिए अस्थायी दंड की छूट है, जिनके अपराध को पहले ही माफ कर दिया गया है, जिसे कलीसियाके कार्य के माध्यम से कुछ निर्धारित शर्तों के तहत उचित रूप से निपटाए गए वफादार ख्रीस्तीय को लाभ मिलता है, जो मुक्ति के प्रेरित के रूप में, मसीह और संतों की संतुष्टि के खजाने को वितरित करता है और अधिकार के साथ लागू करता है।
सभी ख्रीस्तियों को आशा के "तीर्थयात्री" बनने के लिए निमंत्रण को याद करते हुए, प्रेरितिक प्रायश्चित विभाग की आज्ञप्ति का उद्देश्य "विश्वासियों की आत्माओं को प्रोत्साहित करना और [जयंती] दण्मोचन प्राप्त करने की पवित्र इच्छा को पोषित करना है, जिसे पवित्र वर्ष में विशेष अनुग्रह के उपहार के रूप में देखा जाता है।”
आज्ञप्ति कहती है कि “आशा एक ऐसा गुण है जो सबसे बढ़कर ईश्वर की कृपा और उनकी दया की परिपूर्णता में निहित होनी चाहिए।" पोप की घोषणा को याद करते हुए कि जुबली दण्डमोचन "ईश्वर की असीम दया की खोज करने का एक तरीका है," प्रायश्चित विभाग का कहना है कि इसलिए "[पवित्र वर्ष] दण्डमोचन, जुबली की एक कृपा है।"
यह पुष्टि करते हुए कि अन्य सभी दण्मोचन लागू रहेंगे, प्रायश्चित विभाग ने जुबली दण्डमोचन प्राप्त करने के लिए तीन मुख्य तरीके बतलाये हैं: किसी भी जुबली स्थल की तीर्थयात्रा; पवित्र स्थानों की यात्राएँ, और दया एवं तपस्या के कार्य करना।
जुबली स्थलों की पहली श्रेणी में रोम में चार प्रमुख महागिरजाघर (संत पेत्रुस महागिरजाघर, संत जॉन लातेरन महागिरजाघर, संत मरियामेजर महागिरजाघर और संत पौल महागिरजाघर) शामिल हैं; और येरूसालम में पवित्र कब्र का महागिरजाघर, बेथलहम में येसु के जन्म का महागिरजाघर, और नाजरेथ में दूत संवाद महागिरजाघर; साथ ही धर्माध्यक्षों द्वारा निर्दिष्ट महागिरजाघर और अन्य पवित्र स्थल शामिल हैं।
दण्डमोचन, स्थल पर पवित्र मिस्सा में "भक्तिपूर्वक" भाग लेने, या शब्द समारोह में हिस्सा लेने, दैनिक प्रार्थना (बाईबिल पाठ, सुबह की प्रार्थना, शाम की प्रार्थना), क्रूस रास्ता, रोजरी प्रार्थना, पापस्वीकार संस्कार में भाग लेने से प्राप्त किया जा सकता है।
दूसरी श्रेणी में वर्णित "पवित्र स्थानों" में रोम में येरूसालेम का पवित्र क्रूस महागिरजाघर (संता क्रोचे दी जेरूसालेमे) संत लोरेंजो अल वेरानो और संत सेबास्तियान महागिरजाघर एवं दिव्य प्रेम (दिविनो अमोरे) मरियम तीर्थस्थल शामिल हैं; साथ ही त्रे फोंताने में संत पॉल गिरजाघर और कटाकुम्ब। यूरोपीय संघ के सदस्य देशों से जुड़े जुबली रास्ते के गिरजाघरों और कलीसिया की महिला संरक्षिका संतों और धर्माचार्यों का विशेष उल्लेख किया गया है।
दुनिया भर में अन्य पवित्र स्थानों में असीसी के दो महागिरजाघर, इटली में मरियम तीर्थस्थल और कोई भी छोटी बसिलिका, तीर्थस्थल, या स्थानीय धर्माध्यक्ष द्वारा नामित कोई भी प्रतिष्ठित गिरजाघर शामिल हैं।
विश्वासियों को अपनी यात्रा के दौरान पवित्र संस्कार की आराधना और ध्यान साधना में "उपयुक्त" समय व्यतीत करना, हे हमारे पिता की प्रार्थना, प्रेरितों के धर्मसार की विन्ती एवं प्रणाम मरियम की विन्ती करना है।
जो लोग गंभीर कारणों से तीर्थयात्रा पर नहीं जा सकते या किसी पवित्र स्थान की यात्रा नहीं कर सकते हैं, वे ऐसा करनेवालों के साथ आध्यात्मिक रूप से एकजुट होकर और हे हमारे पिता, प्रेरितों का धर्मसार और जुबली वर्ष से संबंधित अन्य प्रार्थनाओं को करके, अपने कष्टों या कठिनाइयों को अर्पित करते हुए जहां कहीं भी हों, जयन्ती वर्ष का दण्डमोचन प्राप्त कर सकते हैं।
अंत में, आज्ञप्ति दया और तपस्या के कार्य करके दण्डमोचन प्राप्त करने की क्षमता प्रदान करती है।
वे संत पापा की इच्छा अनुसार, लोकप्रिय मिशन, आध्यात्मिक अभ्यासों, या वाटिकन द्वितीय और धर्मशिक्षा के दस्तावेजों पर गठन गतिविधियों में भाग लेकर; या जरूरतमंद लोगों से मुलाकात करके ("एक अर्थ में, उनमें मौजूद मसीह की तीर्थयात्रा करना") ऐसा कर सकते हैं।
इसी तरह, वे प्रायश्चित्त (जैसे कि उपवास और संयम) कर सकते हैं, गरीबों को दान दे सकते हैं, धार्मिक और परोपकार के कार्यों का समर्थन कर सकते हैं ("विशेष रूप से इसके सभी चरणों में जीवन की रक्षा में"), या अन्य स्वयंसेवी गतिविधियों में संलग्न हो सकते हैं।
प्रेरितिक प्रायश्चित विभाग धर्माध्यक्षों को "महागिरजाघर में मुख्य जयंती समारोह के अवसर पर और व्यक्तिगत जुबली गिरजाघरों में, आवश्यक शर्तों के साथ, आशीर्वाद प्राप्त करनेवाले सभी लोगों के लिए दण्डमोचन के साथ" पोप का आशीर्वाद प्रदान करने की संभावना भी प्रदान करता है।
आज्ञप्ति "सभी पुरोहितों" से पाप-स्वीकार संस्कार में उदार होने का आग्रह करती है, विशेष रूप से ख्रीस्तयाग के दौरान पापस्वीकार सुनने की संभावना को याद करते हुए। तीर्थयात्री दलों के साथ जानेवाले पुरोहितों को अपने धर्मप्रांत के बाहर उन्हीं विभागों का प्रयोग करने की संभवना प्रदान की जायेंगी जो उन्हें अपने धर्मप्रांत में दिए गए हैं, जबकि पोप के महागिरजाघर और अन्य जगहों पर पापमोचकों को विशेष विभाग प्रदान किए जाएंगे।