कलीसिया की सच्ची पहुँच ईश्वर की करुणा का प्रचार है, न कि ‘लाइक’ पाने का प्रयास
गलत सूचना और "फेक न्यूज" से भरी दुनिया में, एक काथलिक धर्माध्यक्ष ने इस बात पर जोर दिया है कि कलीसिया का सच्चा प्रभाव ईश्वर की दया, करुणा और दयालुता की सच्चाई को साझा करने में निहित है। इलिगन के धर्माध्यक्ष जोस रपादास ने काथलिक संचारकों से कहा है कि अपनी प्रेरिताई में इन गुणों को अपनाकर, वे ईश्वर के राज्य को दुनिया में दृश्यमान और सराहनीय बनाते हैं।
धर्माध्यक्ष रपादास ने कहा, "कलीसिया के लिए प्रभावी और प्रामाणिक संचारक बनने के लिए... हमें ईश्वर की दया और करुणा का साक्षी बनना होगा।"
उन्होंने जोर देकर कहा, “ईश्वर के राज्य की प्रशंसा तभी की जायेगी जब हम अपनी दयालुता से उसका साक्ष्य देंगे, - यह हमारे सोशल मीडिया का एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है।”
धर्माध्यक्ष ने यह बात लिपा सिटी में राष्ट्रीय काथलिक सामाजिक संचार सम्मेलन के दूसरे दिन 6 अगस्त को ख्रीस्तयाग के दौरान अपने प्रवचन में कही।
8 अगस्त तक चलनेवाले इस कार्यक्रम के लिए 300 से अधिक सामाजिक संचार प्रेरिताई के सदस्य एकत्रित हुए हैं।
धर्माध्यक्ष ने कहा, “हम येसु के साथ अपनी मुलाकात एवं हमारे जीवन में उनकी परिवर्तनकारी शक्ति का साहस पूर्वक साक्ष्य देने के लिए बुलाये गये हैं।"
चार दिवसीय सम्मेलन का आयोजन सीबीसीपी के सामाजिक संचार विभाग द्वारा किया गया है डिजिटल प्रचार में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका पर चर्चा शामिल है।
नोवालिचेस के धर्माध्यक्ष रॉबेतो गा ने कहा कि एआई एक शक्तिशाली उपकरण है जो संचार को सुविधाजनक बना सकता है, लेकिन इसमें आमहित को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक मानवीय ज्ञान का अभाव है।
विश्व सामाजिक संचार के लिए पोप फ्राँसिस के शब्दों में उन्होंने जोर दिया कि एआई मानव हृदय की प्रज्ञा का स्थान कभी नहीं ले सकता।
धर्माध्यक्ष गा ने कहा कि यह किसी ऐसे दिल से नहीं आता जो दूसरे दिल से जुड़ा हो। सिर्फ हम हैं जो दूसरों से जुड़ सकते हैं।
“और उम्मीद है कि हमारे पास एक ऐसा दिल होगा जो सुनता है, एक ऐसा दिल जो अनुभव करता है, और एक ऐसा दिल जो साझा करता है।”