वाटिकन में 21 और 22 मार्च को ‘बच्चों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जोखिम और अवसर’ शीर्षक से एक सम्मेलन की मेज़बानी की जा रही है, जिसका आयोजन विश्व बाल्यावस्था न्यास और परमधर्मपीठीय ग्रेगोरियन विश्वविद्यालय के सहयोग से पोंटिफिकल एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा किया जा रहा है।
सिस्टर सैली जॉन भारत में वर्धा स्थित महात्मा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में मनोचिकित्सा की एसोसिएट प्रोफेसर हैं। सेंट जॉन द बैपटिस्ट की सिस्टर्स की सदस्य नैदानिक देखभाल, शिक्षण और सामुदायिक मनोचिकित्सा में लगी हुई हैं, जो बाल और किशोर आउटरीच जैसी परियोजनाओं के साथ-साथ जेरियाट्रिक और उपशामक देखभाल कार्यक्रमों का निर्देशन करती हैं।
पोप लियो 14 वें ने इतालवी टेलेविज़न राय को दी एक भेंटवार्ता में वाटिकन रेडियो की सेवा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दूरदराज़ के क्षेत्रों में जीवन यापन करनेवालों के लिये वाटिकन रेडियो की भूमिका अहं है।
“ऐसी दुनिया में जहाँ सबसे कमज़ोर लोग जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभावों से सबसे पहले पीड़ित होते हैं, सृष्टि की देखभाल करना आस्था और मानवता का सवाल बन जाता है।” यह 1 सितंबर 2025 में सृष्टि की देखभाल के लिए विश्व प्रार्थना दिवस के संदेश में से एक है, जिसमें पोप ने शब्दों के साथ-साथ कर्मों का पालन करने की आवश्यकता को याद दिलाया है।
16 जून को, अंतर्राष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस पर, भारत सहित दुनिया भर में घरेलू कामगार संगठनों, यूनियनों और उनके सहयोगियों ने इस कार्यबल का जश्न मनाया, चाहे वे अंतर्राष्ट्रीय या आंतरिक प्रवासी कामगार हों या स्थानीय कामगार।