रविवार को सुसमाचार पाठ पर चिंतन करते हुए, पोप फ्राँसिस हमें याद दिलाते हैं कि प्रभु को जानना महत्वपूर्ण है, लेकिन उनका अनुसरण करना और उनके सुसमाचार द्वारा स्वयं को परिवर्तित होने देना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, ताकि हम वास्तव में बदल सकें।
माम्मा आन्तुल्ला के नाम से विख्यात मरिया अन्तोनिया दे सान होसे आर्जेन्टीना की एक काथलिक धर्मबहन थीं जिन्होंने दिव्य उद्धारकर्ता की पुत्रियाँ नामक धर्मसंघ की स्थापना की थी।
पोप फ्राँसिस ने दिव्य उपासना और संस्कारों के अनुशासन विभाग के सदस्यों से मुलाकात की और उन्हें याद दिलाया कि पूजन-पद्धति में सुधार के बिना कलीसिया में सुधार नहीं लाया जा सकता है, जिसको ईश्वर के सभी लोगों के लिए होना चाहिए।
पोप फ्राँसिस ने पुरोहितों के लिए रोम में आयोजित सतत् प्रशिक्षण हेतु अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के प्रतिभागियों से मुलाकात की और करुणा एवं कोमलता का आह्वान करते हुए, उन पवित्र पुरोहितों की सराहना की जो अपने विश्वासियों की सेवा निष्ठा के साथ करते हैं।
पोप फ्राँसिस ने संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में आयोजित इस्लाम पर विश्वविद्यालय अनुसंधान मंच की चौथी अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस में प्रतिभागियों को एक संदेश दिया। यह आयोजन 4 फरवरी 2019 को विश्व शांति और एक साथ रहने के लिए मानव बंधुत्व पर संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर की पांचवीं वर्षगांठ का प्रतीक है।
मानव बंधुत्व पर दस्तावेज़ की 5वीं वर्षगांठ को चिह्नित करते हुए पोप फ्राँसिस ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे आज की दुनिया में भाईचारे की एकजुटता की अनुपस्थिति पर्यावरणीय विनाश और सामाजिक गिरावट का कारण बनती है और उन्होंने "धार्मिक मान्यताओं से प्रेरित सभी समाज से जायद पुरस्कार 2024 के तीन विजेताओं द्वारा सन्निहित सामाजिक मित्रता के मूल्यों को फैलाने का आह्वान किया।"
रविवार को देवदूत प्रार्थना के पूर्व अपने संदेश में पोप ने विश्वासियों से आग्रह किया कि वे अपने पहले आध्यात्मिक कर्तव्य को पूरा करें, उस ईश्वर का त्याग करें जिसको हम सोचते हैं और हर दिन को उस प्रेमी ईश्वर में बदलें जिनको येसु सुसमाचार में प्रस्तुत करते हैं।
पोप फ्राँसिस ने 1970 के दशक में अर्जेंटीना में शहीद पुरुषों और महिलाओं के बारे लिखी एक नई किताब की प्रस्तावना लिखी है। प्रोफेसर मार्को गैलो द्वारा संस्करण की प्रस्तुति में मुख्य वक्ताओं में लैटिन अमेरिका के लिए परमधर्मपीठीय आयोग के सचिव भी शामिल थे।
पोप फ्राँसिस ने साल 2024 को प्रार्थना वर्ष घोषित किया है जिसकी याद दिलाते हुए उन्होंने विश्वासियों को मिस्सा पूजा में नियमित भाग लेने एवं सुसमाचार प्रचार हेतु प्रार्थना करने का प्रोत्साहन दिया है।
पोप फ्राँसिस ने पहली फरवरी को विश्व्यापी काथलिक अभियान कम्यूनियन एण्ड लिबरेशन की स्थापना की 70 वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में अभियान के अध्यक्ष डेविड प्रॉस्परी को एक पत्र लिखकर एकता एवं करिशमाओं की रक्षा का आग्रह किया।
"जाओ और सभी को भोज में आमंत्रित करो", सन्त मत्ती रचित सुसमाचार के 22 वें अध्याय के नवें पद में निहित इन शब्दों से विश्व मिशनरी दिवस के लिये जारी अपने सन्देश का शुभारम्भ कर पोप फ्राँसिस ने कहा कि इस विषय का चयन उन्होंने इसलिये किया कि क्योंकि इसमें सुसमाचार के कई महत्वपूर्ण आयाम निहित हैं।
हर साल चालीसा काल के शुरू में पोप फ्राँसिस, कलीसिया के विश्वासियों के नाम एक विशेष संदेश प्रकाशित करते हैं और उसके माध्यम से विश्वासियों को चालीसा काल में प्रार्थना, उपवास एवं दान करने का प्रोत्साहन देते हैं।
पोप फ्राँसिस ने अमेरिकी राज्य इंडियाना में नोट्रे डेम विश्वविद्यालय के ट्रस्टी बोर्ड से मुलाकात की, और काथलिक शिक्षकों को बौद्धिक रूप से दृढ़, विश्वास से भरे प्रशिक्षण के माध्यम से छात्रों को उनके सपनों तक पहुंचने में मदद करने के लिए आमंत्रित किया।
पोप फ्राँसिस ने युद्ध के नागरिक पीड़ितों के लिए राष्ट्रीय दिवस का उल्लेख किया जो इटली में हर वर्ष 1 फरवरी को मनाया जाता है और विश्वासियों को अपने क्रोध को अन्यायपूर्ण तरीके से प्रसारित करने से बचने के लिए आमंत्रित किया और संत पौलुस की सलाह मानने को कहा।
पोप फ्राँसिस ने फरवरी माह की प्रार्थना की प्रेरिताई हेतु विश्वासियों का आह्वान किया है कि हम लाइलाज रोगियों के लिए प्रार्थना करें। उन्होंने इलाज संभव नहीं होने पर भी उनकी देखभाल करते रहने का प्रोत्साहन दिया है।
इटालियन अखबार 'ला स्ताम्पा' के साथ एक साक्षात्कार में, पोप फ्राँसिस ने वैश्विक युद्धविराम के लिए नए सिरे से आह्वान किया। उन्होंने चेतावनी दी कि दुनिया रसातल के कगार पर है। उनकी हाल में प्रकाशित 'फिदुचा सुप्लिकान्स' विभाजित करने की नहीं, बल्कि सबको जोड़ने करने का प्रयास करती है।
देवदूत प्रार्थना के अंत में संत पापा ने म्यांमार, मध्यपूर्व, यूक्रेन और हैती के पीड़ितों की याद की। और सभी से आग्रह किया कि हम शांति के रास्ते को अपनायें।
रविवार को देवदूत प्रार्थना के दौरान पोप ने विश्वासियों से आग्रह किया कि वे प्रलोभन से बचने के लिए येसु का आह्वान करें और बतलाया कि शैतान से कभी वार्तालाप नहीं करनी चाहिए।
पोप फ्राँसिस ने वाटिकन में गरीबों की सेवा में सॉवरेन मिलिट्री ऑर्डर ऑफ माल्टा (एसएमओएम) के राजदूतों उनके राजनयिक कार्यों के लिए प्रशंसा की और वाटिकन कूटनीति के बीच "संयुक्त" कार्रवाई के महत्व पर जोर दिया।