होलोकॉस्ट : नफरत और हिंसा को कभी उचित नहीं ठहराया जा सकता, पोप फ्राँसिस
पोप फ्राँसिस ने कहा है कि नफरत और हिंसा को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि यह हमारी मानवता को नकार देती है।
27 जनवरी को होलोकॉस्ट मेमोरियल डे मनाया जाता है। इसे यहूदी नरसंहार स्मृति दिवस भी कहा जाता है क्योंकि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लाखों यहूदियों का कत्ल कर दिया था।
इसकी याद करते हुए पोप फ्राँसिस ने कहा, “पिछली शताब्दी के दौरान लाखों यहूदियों और अन्य धर्मों के लोगों के भयानक विनाश की याद और निंदा, हम सभी को यह न भूलने में मदद करे कि नफरत और हिंसा को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि यह हमारी मानवता को नकारती है।”#WeRemember
अंतरराष्ट्रीय होलोकॉस्ट यादगारी दिवस पर विश्व यहूदी कॉन्ग्रेस ने #WeRemember अभियान जारी करते हुए कहा, हम नरसंहार की स्मृति को जीवित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अपनी आवाज उठाकर और इतिहास से सीखने में असफल होने के खतरों पर प्रकाश डालकर हमसे और दुनिया भर के लाखों लोगों से जुड़ें।
बीता वर्ष यहूदी लोगों और दुनिया भर के अन्य कमजोर समुदायों के लिए कठिन रहा। बढ़ती यहूदी विरोधी भावना और ऑनलाइन होलोकॉस्ट इनकार के निरंतर प्रसार ने नए खतरों को जन्म दिया है जो तत्काल कार्रवाई की मांग करती है।
समाज को अतीत के सबक पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित करने से यह सुनिश्चित हो सकता है कि भावी पीढ़ियाँ इन चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए ज्ञान और कौशल विकसित करेंगे।
#WeRemember अभियान दुनिया को यह याद दिलाना चाहता है कि जब नफरत को अनियंत्रित रूप से पनपने दिया जाए तो क्या परिणाम हो सकता है।