पोप, “हम सब शांति, न्याय और भाईचारे के एक नए युग के शिल्पकार बनें"

सशस्त्र बलों और सुरक्षाकर्मियों के लिए जयन्ती के अवसर पर सोशल नेटवर्क एक्स पर प्रकाशित चार पोस्ट में, पोप फ्राँसिस ने उनके मिशन उनकी सेवा राष्ट्रों की रक्षा करने, वैधता और न्याय बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया और युद्ध जैसी भावना विकसित करने के प्रलोभन के प्रति सतर्क किया।

पोप फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में 9 फरवरी को, करीब 25 हजार सशस्त्र बलों और सुरक्षाकर्मियों के लिए जयन्ती के अवसर पर समारोही ख्रीस्तयाग अर्पित किया।

अपने प्रवचन में पोप ने संत लूकस के सुसमाचार से लिये गये पाठ मछुओं के बुलावे को संदर्भित करते हुए सशस्त्र बलों और सुरक्षाकर्मियों के मिशन पर प्रकाश डाला, जो सामाजिक और राजनीतिक जीवन के कई पहलुओं को शामिल करता है: हमारे राष्ट्रों की रक्षा करना, सुरक्षा बनाए रखना, वैधता और न्याय बनाए रखना। इसी के मद्देनजर संत पापा ने निम्नलिखित चार ट्वीट कियाः

पहला संदेश : “जब प्रभु हमारे जीवन की नाव में सवार होकर हमें ईश्वर के प्रेम का शुभ समाचार देते हैं, तब जीवन नए सिरे से शुरू होता है, आशा का पुनर्जन्म होता है, फिर से उत्साह का संचार होता है और हम एक बार फिर समुद्र में अपने जाल डाल सकते हैं।”

दूसरा संदेश : “जब हम सशस्त्र बलों, पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की जयंती मना रहे हैं, तो मैं आपको प्रोत्साहित करना चाहूँगा कि आप अपनी सेवा और अपनी सभी गतिविधियों के उद्देश्य को कभी न भूलें, जो जीवन को बढ़ावा देना, जीवन को बचाना और जीवन का निरंतर रक्षक बनना है।”

तीसरा संदेश :  “मैं आपसे युद्ध जैसी भावना विकसित करने के प्रलोभन के प्रति सतर्क रहने के लिए कहता हूँ। सावधान रहें, कहीं ऐसा न हो कि आप उस प्रचार से विषाक्त न हो जाएँ जो नफ़रत फैलाता है, दुनिया को दो भागों में बाँट देता है, पहला मित्र की रक्षा करना और दूसरा शत्रु से लड़ाई।”

4था संदेश :  “हमारे पिता ईश्वर के प्रेम के साहसी गवाह बनें, जो चाहते हैं कि हम सभी भाई-बहन बनें। आइए, हम सब मिलकर शांति, न्याय और भाईचारे के एक नए युग के शिल्पकार बनें।”