युवाओं को हाशिए पर पड़े लोगों से मिलने की जरूरत है
जब युवा जरूरतमंद लोगों से मिलते हैं, तो इसका उनके जीवन पर गहरा परिवर्तनकारी असर पड़ता है। बोयनोस आयरिस के ला मतांजा के युवाओं के एक समूह ने अपने समुदायों में गरीबों की मदद करने का फैसला किया है।
पोप फ्राँसिस ने 20 नवंबर, 2022 को अस्ती के महागिरजाघर में देवदूत प्रार्थना के दौरान कहा था, "हमें ऐसे युवाओं की आवश्यकता है जो वास्तव में" अतिक्रमणकारी हों", गैर-अनुरूपतावादी हों, जो अपने मोबाइल फोन के गुलाम न हों, बल्कि जो मरियम की तरह दुनिया को बदल दें, येसु को दूसरों तक पहुंचाएँ, दूसरों की देखभाल करें, लोगों के साथ भाईचारा वाले समुदायों का निर्माण करें और शांति के सपनों को पूरा करें।"
चाको प्रांत के प्रेसिदेत्सा रोके सेन्ज पेना के सुदूर इलाकों में, ओपेरा डॉन ओरियोन के धर्मसमाजियों के साथ युवाओं के एक समूह ने 19-22 जुलाई, 2023 को एक मिशन में भाग लिया, जिसने उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया, जिसका फल आज मिल रहा है।
यह सेवा की यात्रा के रूप में शुरू हुआ और जल्द ही एक परिवर्तनकारी अनुभव में बदल गया, जिसमें सुसमाचार प्रचार का सही अर्थ हर अच्छे और करुणा के कार्य में प्रकट हुआ। युवा सूर्योदय से सूर्यास्त तक भले कार्यों के लिए पूरी तरह समर्पित रहते हैं।
उन्होंने आस-पड़ोस के बच्चों के लिए कार्यशालाएँ आयोजित कीं, परिवारों के साथ प्रार्थना और चिंतन के पल साझा किए और उन लोगों की मदद की जिनके पास कोई संसाधन नहीं थे। प्रत्येक कार्य, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, प्रेम और सच्चे मन से किया जाता था।
फिर भी, भौतिक कार्यों से परे, जिस चीज ने वास्तव में स्थायी प्रभाव डाला, वह थी खुशी और सौहार्द की भावना जो हरेक सामूहिक अवसर को चिह्नित की। हँसी और मुस्कुराहट के बीच, इन युवाओं ने सेवा का असली सार खोजा। यह केवल दूसरों के लिए कुछ करने के बारे में नहीं था, बल्कि वास्तव में उपस्थित होने, उन लोगों के साथ जीवन और अनुभव साझा करना था जिनकी उन्होंने सेवा की थी।
सुकून भरी तारों की रातों में गहन और महत्वपूर्ण बातचीत हुई जो अनंत काल के रहस्यों को फुसफुसाती हुई प्रतीत हुई। युवाओं ने विश्वास और आशा की अपनी कहानियाँ साझा कीं, उन लोगों के अनुभवों को ध्यान से सुना जिनकी वे सेवा कर रहे थे। अंतरंगता और जुड़ाव के उन क्षणों में, ऐसे बंधन बने जो समय और स्थान दोनों की सीमाओं को पार कर गए।
अपने कार्यों के माध्यम से, इन युवाओं ने दिखाया कि दूसरों की सेवा करना न केवल मसीह के संदेश को फैलाने का एक कुशल तरीका है, बल्कि खुशी और व्यक्तिगत उपलब्धि का एक अटूट स्रोत भी है। उन्होंने पाया कि उनका उदाहरण दूसरों को उनकी यात्रा का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करता है, जहाँ भी वे जाते हैं, प्यार और आशा के बीज बोते हैं।
दो युवा मिशनरियों की गवाही
सोलह वर्षीय मिकीस ने परिवर्तन के अपने अनुभव को साझा किया। उसके पड़ोस में हर रोज हिंसा, लड़ाई और हथियारों एवं नशीली पदार्थों के दृश्य का दौर चलता रहता था।
मिकीस अपने दोस्तों के साथ परेशानी खड़ी करते हुए सड़कों पर अपना दिन बिताता था। हालाँकि, एक दिन उसे अपने पैरिश में "कासिना मी एस्पेरांत्सा" (मेरी आशा का घर) जाने का निमंत्रण मिला, जो पड़ोस के युवा लोगों के लिए समर्पित था।
मिकीस अब पल्ली के युवा दल में सक्रिय भागीदार है, जो सप्ताह में तीन दिन दल से मिलता है और जिसका उद्देश्य बच्चों को सड़कों से दूर रखना है।
वह कासिना मी एस्पेरांत्सा के साथ भी सहयोग करता है, वहाँ वह छोटे बच्चों की सहायता करता है। उसका काम खेलों का आयोजन करना और उन्हें सहायता प्रदान करना है, जिससे उन्हें पता चले कि जीवन में और भी सकारात्मक विकल्प हैं। अपने जीवन के इस चरण में वह दूसरों की मदद कर रहा है और एक सकारात्मक रोल मॉडल बन गया है।
कैंडेला 14 साल की है और एक साधारण इलाके से आती है। वह अपने पैरिश के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेती है। किशोरों और एक्सप्लोरर्स समूह में, वह बच्चों के साथ समय बिताती है, उन्हें एक ऐसी जगह प्रदान करती है जहाँ वे रविवार को एक साथ मिल सकते हैं। इसके अलावा, वह पैरिश के लोकगीत और उल्लास क्लब की सदस्य भी है।
इस मिशन में भाग लेने के लिए, उसे अज्ञात वास्तविकताओं के अनुभव के अवसर ने प्रेरित किया था। परिवारों से मिलना, अलग-अलग लोगों से बात करना और उनके जीवन में वास्तविक रुचि दिखाना उसके लिए एक संतुष्टिदायक अनुभव बन गया।
कैंडेला जिस इलाके में जाती थी, वहाँ के लोगों की भावनाओं को समझ पाती थी, जिससे वह उनके परिवारों में जाने लगी, उनके साथ प्रार्थना करने लगी और विभिन्न पारिवारिक स्थितियों में सहायता करने लगी।
उसके लिए एक महत्वपूर्ण पल आया जब वह एक महिला से मिली, जिसने मिशनरियों की मेजबानी की, जिनकी संख्या काफी थी। उसने उनके साथ अपनी पीड़ा साझा की। उसके भाई को न्यूरोलॉजिकल समस्या थी जिसके कारण उसे ऐंठन होती थी। उन्होंने एक साथ प्रार्थना किया और उसके घर एवं उसके परिवार के लिए आशीष की याचना की।
इस मिशन ने कैंडेला को अच्छे अनुभव प्रदान किए, जिसके कारण वह इसे जारी रखना चाहती है क्योंकि वह अपने अनुभवों को अन्य युवाओं तक पहुंचाना चाहती है, उनमें उत्साह जगाना चाहती है, उन्हें दूसरों के जीवन को उज्ज्वल बनाने की सुंदरता दिखाना चाहती है, ताकि वे दूर से भी एक साथ महसूस कर सकें।