ईसा और बेलज़ेबुल / पवित्र आत्म के विरुध्द पाप
सन्त मारकुस 3:22-30
येरूसालेम से आये हुए शास्त्री कहते थे, "उसे बेलजे़बुल सिद्ध है" और "वह नरकदूतों के नायक की सहायता से नरकदूतों को निकालता है"।
ईसा ने उन्हें अपने पास बुला कर यह दृष्टान्त सुनाया, "शैतान शैतान को कैसे निकाल सकता है?
यदि किसी राज्य में फूट पड़ गयी हो, तो वह राज्य टिक नहीं सकता।
यदि किसी घर में फूट पड़ गयी हो, तो वह घर टिक नहीं सकता।
और यदि शैतान अपने ही विरुद्ध विद्रोह करे और उसके यहाँ फूट पड़ गयी हो, तो वह टिक नहीं सकता, और उसका सर्वनाश हो गया है।
"कोई किसी बलवान् के घर में घुस कर उसका सामान तब तक नहीं लूट सकता, जब तक कि वह उस बलवान् को न बाँध ले। इसके बाद ही वह उसका घर लूट सकता है।
"मैं तुम लोगों से यह कहता हूँ - मनुष्य चाहे जो भी पाप या ईश-निन्दा करें, उन्हें सब की क्षमा मिल जायेगी;
परन्तु पवित्र आत्मा की निन्दा करने वाले को कभी भी क्षमा नहीं मिलेगी। वह अनन्त पाप का भागी है।"
उन्होंने यह इसीलिए कहा कि कुछ लोग कहते थे, "उसे अपदूत सिद्ध है"।