‘संत बोनावेंतुरा और थॉमस अक्वीनस प्रेरणा स्रोत हैं’
संत बोनावेंतुरा और संत थॉमस एक्विनास की मृत्यु की 750वीं वर्षगांठ के अवसर पर पोप फ्राँसिस ने वाटिकन प्रेरितिक लाइब्रेरी की प्रदर्शनी "द बुक एंड द स्पिरिट" के लिए लिखे एक पत्र में कहा कि इन दो 'पवित्र शिक्षकों' ने कलीसिया को बहुत प्रेरित और समृद्ध किया। यह प्रदर्शनी कलीसिया के इन दो धर्माचार्यों को समर्पित है।
संत बोनावेंतुरा और थॉमस एक्विनास कलीसिया और संस्कृति के लिए प्रकाश एवं प्रेरणा के स्रोत का प्रतिनिधित्व करते हैं।'
पोप फ्राँसिस ने वाटिकन प्रेरितिक लाइब्रेरी की प्रदर्शनी 'द बुक एंड द स्पिरिट' को भेजे संदेश में इस बात पर जोर दिया, जो कलीसिया के दो डॉक्टरों को उनकी मृत्यु की 750वीं वर्षगांठ पर समर्पित है।
दो पवित्र शिक्षक
काथलिक कलीसिया के संग्रहालय और पुस्तकालय की देखभाल करनेवाले, महाधर्माध्यक्ष एंजेलो विन्चेंसो जानी को संबोधित पोप के पत्र में, पोप ने संतों की प्रशंसा की, और याद दिलाया कि कैसे उनके पूर्वाधिकारियों ने भी सदियों से मान्यता प्राप्त उनके योगदान की सराहना की है।
पोप ने कहा, "वास्तव में, ये दोनों पवित्र शिक्षक हमें ज्ञान, बुद्धि और दान के सर्वोच्च फल के रूप में अनन्त आनन्द की ओर देखने की शिक्षा देते हैं, तथा हमें विश्वास में तीर्थयात्री बनने का आग्रह करते हैं।"
प्रतिभाशाली प्रकाशमान व्यक्ति
पोप ने उन्हें ज्ञान और विशेष रूप से ईशशास्त्र के प्रति उनके दृष्टिकोण के लिए "प्रकाशमान व्यक्ति" के रूप में याद किया, "जिनमें बौद्धिक गहराई और आध्यात्मिक जीवन, विज्ञान एवं ज्ञान, विनम्रता तथा उदारता, एक दूसरे में समाहित हैं और एक दूसरे को पोषित करते हैं।"
इसके अलावा, उन्होंने कहा, उन्होंने अपने शोध के परिणामों को अपने पास नहीं रखा, बल्कि उसे "उदार पुरोहित और मिशनरी उत्साह" के साथ साझा किया।
ख्रीस्त की ओर यात्रा करने में सभी की सहायता करें
"इस अर्थ में," पोप ने प्रशंसा करते हुए कहा, "डॉक्टर कम्युनिस और डॉक्टर सेराफ़िकुस ख्रीस्त की ओर यात्रा करने वाले प्रत्येक तीर्थयात्री के लिए एक अनमोल 'साथी' का निर्माण करते हैं।"
संदेश में, पोप ने इस प्रयास में शामिल सभी लोगों के प्रति अपनी सराहना व्यक्त की, जिनमें परमधर्मपीठ में फ्रांस का दूतावास, रोम में संत लुईस सेंटर, लियोनिन आयोग, परमधर्मपीठीय यूनिवर्सिटी अंजेलिकुम, अंतोनियानुम और ग्रेगोरियन के परमधर्मपीठीय विश्वविद्यालय और पेरिस-1 सोरबोन विश्वविद्यालय शामिल हैं, जहां संत थॉमस और संत बोनावेंतुरा दोनों ने ईशशास्त्र के मास्टर के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
पोप फ्राँसिस ने अंत में इस पहल की सफलता की कामना करते हुए, इसे संभव बनानेवाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया तथा अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।