पोप ने एशिया में बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रार्थना की, शांति की अपील दुहराई

रविवार को देवदूत प्रार्थना के बाद, पोप फ्राँसिस ने वियतनाम और म्यांमार में बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रार्थना की, फादर मोइसेस लीरा सेराफिन को संत घोषित किए जाने पर खुशी जाहिर की, एएलएस से पीड़ित लोगों को याद किया, तथा एक बार फिर पूरे विश्व में शांति की अपील की।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत पोप ने विभिन्न घटनाओं की याद की।

उन्होंने बाढ़ से पीड़ित वियतनाम एवं म्यांमार के लोगों के लिए सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा, “मैं वियतनाम और म्यांमार की जनता के प्रति अपना सामीप्य व्यक्त करता हूँ, जो एक भयंकर तूफान के कारण आई बाढ़ से पीड़ित हैं। मैं मृतकों, घायलों और विस्थापितों के लिए प्रार्थना करता हूँ। ईश्वर उन लोगों को सांत्वना दे जिन्होंने अपने प्रियजनों और अपने घर को खो दिया है, और उन लोगों को आशीर्वाद दे जो उनकी सहायता कर रहे हैं।“

उसके बाद मेक्सिको के धन्य मोसेस लीरा सेराफिम की याद करते हुए उन्होंने कहा, “कल, मोसेस लीरा सेराफिन को मेक्सिको सिटी में संत घोषित किया गया। वे एक पुरोहित और निष्कलंक कुँवारी मरियम की मिशनरीज ऑफ चैरिटी के संस्थापक थे, उनका निधन 1950 में हुआ। उन्होंने अपना जीवन लोगों को विश्वास और प्रभु के प्रेम में आगे बढ़ने में मदद करने में बिताया। ईश्वर की पवित्र प्रजा की आध्यात्मिक भलाई के लिए उनके प्रेरितिक उत्साह से पुरोहितों को बिना किसी शर्त के खुद को समर्पित करने हेतु प्रोत्साहन मिले।“ उन्होंने नए धन्य को ताली की गड़गड़ाहट के साथ सम्मानित किया।

आज इटली में विश्व एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस दिवस मनाया जा रहा है। संत पापा ने पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना का आश्वासन दिया; मैं इस विकृति पर शोध कार्य और स्वयंसेवी संगठनों को प्रोत्साहित किया।

तत्पश्चात् उन्होंने कहा, “और हमें उन युद्धों को नहीं भूलना चाहिए जो दुनिया में खून-खराबा पैदा कर रहे हैं। मैं यूक्रेन, म्यांमार, मध्य पूर्व के बारे में सोचता हूँ। कितने मासूम पीड़ित हैं। मैं उन माताओं के बारे में सोचता हूँ जिन्होंने युद्ध में अपने बेटों को खो दिया है। कितने युवा असमय समाप्त हो गए! मैं हर्श गोल्डबर्ग-पोलिन के बारे में सोचता हूँ, जो सितंबर में गज़ा में पाँच अन्य बंधकों के साथ मृत पाए गए।”

पिछले साल नवंबर में, पोप उनकी माँ, राहेल से मिले थे। संत पापा ने कहा, “उन्होंने अपनी मानवता से मुझे प्रभावित किया। मैं इस पल में उनके साथ हूँ। फिलिस्तीन और इज़राइल में संघर्ष समाप्त हो! हिंसा समाप्त हो! घृणा खत्म हो! बंधकों को रिहा किया जाए, बातचीत जारी रहे, और शांतिपूर्ण समाधान निकाला जाए!”

उसके बाद पोप ने देश विदेश से आये सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया। “मैं आप सभी रोमवासियों और इटली तथा कई देशों से आए तीर्थयात्रियों का अभिवादन करता हूँ।”

अंत में, उन्होंने अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।