इस्राएली बन्धकों से मिले पोप फ्राँसिस

वाटिकन में गुरुवार को पोप फ्राँसिस ने हमास द्वारा बंधक बनाए गए पुरुषों, महिलाओं एवं बच्चों के एक समूह से मुलाकात कर उन्हें अपना आशीर्वाद दिया। परमधर्मपीठ में इस्राएली दूतावास ने इस मुलाकात को "भावपूर्ण" निरूपित कर कहा कि इससे "पीड़ितों के प्रति सन्त पापा फ्राँसिस की निकटता का पता चलता है"।

7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा अपहृत किए गए इजरायली बंधकों के एक समूह ने गाज़ा में महीनों तक कैद में रहने के बाद गुरुवार को वाटिकन में पोप से मुलाकात की। इनमें, दस महिलाएँ, चार पुरुष और दो बच्चे शामिल थे। उपस्थित लोगों में से एक ने पोप को "ताल शोहम" के नाम की एक फुटबॉल शर्ट भेंट की। इस व्यक्ति को उसकी पत्नी, बच्चों, सास और अन्य रिश्तेदारों के साथ बंधक बना लिया गया था।

भावपूर्ण मुलाकात
गुरुवार को पोप से मिलनेवाले वे लोग थे जिन्हें कतर, मिस्र और संयुक्त राज्य अमरीका द्वारा किए गए अस्थायी युद्धविराम समझौते के तहत रिहा कर दिया गया था। मुलाकात के अवसर पर कई प्रतिभागियों ने अपने लापता या बंदी परिवार के सदस्यों के चेहरे और नाम प्रदर्शित करने वाली तख्तियां पकड़ी हुई थीं, जिन पर लिखा था, "उन्हें वापस घर ले आओ।"

पोप फ्रांसिस ने आशीर्वाद के संकेत के रूप में प्रत्येक छवि को छुआ और मौन प्रार्थना में रुक गए। परमधर्मपीठ में इल्राएली दूतावास ने इस मुलाकात को "भावपूर्ण" निरूपित कर कहा कि यह "उस भयानक दिन के पीड़ितों के प्रति सन्त पापा के सामीप्य और बन्धकों की रिहाई के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है"।

शांति हेतु पोप की अपीलें
7 अक्टूबर 2023 को इस्राएल पर हमास के हमलों के बाद से, पोप फ्रांसिस ने लगातार अपने सार्वजनिक संबोधनों का उपयोग हमले में पकड़े गए बंधकों की तत्काल रिहाई के लिए किया है। साथ ही उन्होंने गाज़ा में युद्ध विराम और प्रभावित लोगों तक मानवीय पहुंच का आग्रह किया है।

हमास के नेतृत्व वाले हमले के बाद भड़की इस हिंसा की कार्रवाइयों और विनाशकारी संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में उन्होंने बन्धकों की रिहाई और गाज़ा के लोगों तक मानवतावादी पहुँच को आवश्यक कदम बताया है।  ग़ौरतलब है कि हमास के उक्त हमले के परिणामस्वरूप 1,100 से अधिक मौतें हुईं और महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों सहित 240 लोगों का अपहरण कर लिया गया था।

इसी बीच हमास के हमले के जवाबी कार्रवाई के रूप में गाज़ा पर इस्राएल के सशस्त्र आक्रमण  में बताया जाता है कि कम से कम 43,700 व्यक्ति मारे गये हैं।