विश्वभर के धर्मसमाजी जुबली 2025 की तैयारी हेतु रोम में

धर्मसंघी एवं प्रेरिताई हेतु समर्पित जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय विभाग ने जानकारी दी है कि 1 से 4 फरवरी 2024 को 60 से अधिक देशों के विभिन्न प्रकार के समर्पित जीवन के करीब 300 प्रतिनिधि रोम में एकत्रित होंगे।

हर देश का प्रतिनिधित्व एक धर्मसंघी पुरुष, एक धर्मसमाजी महिला, एक धर्मप्रांतीय संस्था के सदस्य और समर्पित कुँवारी (ऑर्डो वर्जिनम) संघ की एक महिला करेंगे।

धर्मसंघी एवं प्रेरिताई हेतु समर्पित जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह जुबली वर्ष 2025 की ओर यात्रा करने का एक नया चरण खोलेगा। यह मुलाकात और संबंधपरक अनुभवों का समृद्ध आदान-प्रदान, उन्हें लोगों के बीच मेल-मिलाप के चिन्ह स्वरूप, अपने देश लौटने के लिए तैयार करेगा।

समर्पित लोगों के लिए 8-9 अक्टूबर, 2025 को रोम मनाये जानेवाली जयन्ती की विषयवस्तु होगी, “आशा के तीर्थयात्री, शांति के मार्ग पर।''

विज्ञप्ति में कहा गया है कि समर्पित स्त्री और पुरूष शांति की अति आवश्यकता पर चिंतन करना चाहते हैं जो कि हमारे समय में बहुत आवश्यक है। यह पोप फ्राँसिस के उस निमंत्रण का प्रत्युत्तर है जिसमें वे जयन्ती यात्रा द्वारा आशा का माहौल एवं भरोसा को पुनःजन्म का चिन्ह बनाना चाहते हैं, जिसकी चाह पूरी मानवजाति को है।   

धर्मसंघी एवं प्रेरिताई हेतु समर्पित जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय विभाग के अध्यक्ष कार्डिनल जो ब्राज दी अविज ने धर्मसमाजियों का आह्वान करते हुए कहा है, “प्रिय धर्मसंघी पुरुषो और महिलाओ, आइए हम शीघ्र एक साथ इस तीर्थयात्रा को शुरू करें, सच्ची आशा जगाते हुए जो हमारे दिलों में है और जिसकी सेवा में हमारा जीवन समर्पित है।”

कार्यक्रम के चार मुख्य विषयवस्तु : 1 फरवरी - आशा पर विश्वास; 2 फरवरी - उदार में बढ़ना; 3 फरवरी – विश्वास की शक्ति; 4 फरवरी – आशा का साक्ष्य।

संवाद को समृद्ध करने के लिए रोमन कूरिया के अन्य विभागों के प्रतिनिधि भी उपस्थित होंगे, जिनमें प्रमुख हैं, अंतरधार्मिक वार्ता विभाग के उपसचिव फादर पौलिन बटेरवा कुबुया एस एक्स, समग्र मानव विकास विभाग की सचिव सिस्टर अलेसांद्रा स्मेरिल्ली एफएमए।

जयंती आध्यात्मिक, सामाजिक और धार्मिक महत्व का एक महान अवसर है, एक महत्वपूर्ण समय, जब

ईश प्रजा क्षमा और दया का अनुभव करना चाहती है। कलीसिया के पूरे इतिहास में जयंती वर्ष

मील के पत्थर की तरह, कलीसियाई यात्रा को चिह्नित किया है। धर्मसमाजी पुरुषों और महिलाओं को बुलाया जाता है कि वे आशा और शांति के साक्षी और भविष्यवक्ता बनें, विशेषकर आगामी जयंती वर्ष के अवसर पर।

रोम में यह कार्यक्रम तब हो रहा है जब कलीसिया 2 फरवरी को समर्पित जीवन विश्व दिवस मनाती है। परंपरा के अनुसार, उस दिन पोप फ्रांसिस संत पेत्रुस महागिरजाघर समारोह की अध्यक्षता करेंगे।

कार्डिनल अविज ने कहा, “हम बहुत खुश हैं क्योंकि संत पापा ने निश्चित किया है कि वे हमारे साथ समारोह मनाने आयेंगें। हम एक साथ जुबली की तैयारी में आगे बढ़ेंगे, उन मूल्यों के साथ जिनको स्वयं संत पापा ने हमारे लिए दर्शाया है कि ऐसे समय में हमें 'आशा के तीर्थयात्री' बनना है जब जीवन युद्धों और बीमारियों से प्रभावित है।''

परमधर्मपीठीय विभाग की उम्मीद है कि आशा का सदगुण जो एक ख्रीस्तीय के दिल में है वह वर्तमान कठिनाइयों से उभर सकता है। कार्डिनल ने कहा कि "हमारे समुदायों और पूरी दुनिया में शांति की आकांक्षा के साथ पवित्र वर्ष की तैयारी करने की भी इच्छा है।"