शांति के नाम पर भाई-भाई

"लोस्सेरवातोरे रोमानो" के साथ एक साक्षात्कार में, दो शांति कार्यकर्ता - इस्राएली माओज इनोन और फिलिस्तीनी अजीज अबू साराह, जिन्होंने मई 2024 में उत्तरी इतालवी शहर वेरोना में "शांति के अखाड़े" कार्यक्रम में भाग लिया था, जहाँ उन्हें पोप फ्राँसिस का व्यक्तिगत आलिंगन और समर्थन प्राप्त हुआ था, शांति के अपने साझा दृष्टिकोण के बारे बात कर रहे हैं।

माओज कहते हैं, "7 अक्टूबर को मैंने अपने माता-पिता को खो दिया, लेकिन मुझे एक भाई मिला।" उस भयानक सुबह, नेटिव हाअसारा में उनके घर में, माओज के माता-पिता हमास द्वारा दागे गए एक आग लगाने वाले रॉकेट से मारे गए। उस दिन से, 50 वर्षीय इस्राएली पर्यटन उद्यमी माओज इनोन ने अपने दुःख को युद्ध के खिलाफ और दो लोगों के बीच शांति के लिए एक दृढ़ और साहसी प्रतिबद्धता में बदलने का फैसला किया है, साथ ही "दूसरों" की पीड़ा को भी पहचाना है।

वे जिस व्यक्ति को अपना नया भाई कहते हैं, वे अजीज अबू साराह हैं, जो अल-इज़ारिया (येरूसालेम और पश्चिमी तट के बीच की सीमा पर स्थित एक शहर) का एक 45 वर्षीय फिलिस्तीनी पर्यटन गाईड है, जिसे बेथनी के नाम से जाना जाता है। जब अजीज सिर्फ नौ साल का था, तो उसके 18 वर्षीय भाई, तैसीर को इजरायली सैनिकों ने इजरायली लाइसेंस प्लेट वाली गाड़ियों पर पत्थर फेंकने के संदेह में गिरफ्तार कर लिया था। तैसीर करीब एक साल तक इस्राएली जेल में रहा। आखिरकार रिहा होने के बाद, हिरासत के दौरान यातना के कारण लगी आंतरिक चोटों के कारण कुछ ही हफ्तों बाद उसकी मौत हो गई।

अज़ीज के लिए भी, इस पीड़ा ने दोनों लोगों के बीच शांति के लिए एक अटूट प्रतिबद्धता को जन्म दिया। माओज ने लोस्सेरवातोरे रोमानो को बताया, "7 अक्टूबर को, मेरे परिवार पर आई त्रासदी के बारे में सूचित किए जाने के बाद, मुझे सबसे पहले अज़ीज की ओर से संवेदना और हार्दिक समर्थन का फोन आया। शांति के लिए हमारी लड़ाई ने हमें भाई बना दिया है, रक्त संबंधी से कहीं ज्यादा।"

हालांकि, माओज और अजीज को शांति के इस बंधन तक ले जाने वाली यात्रा 7 अक्टूबर को शुरू नहीं हुई थी। एक पर्यटन उद्यमी के रूप में अपने सफल करियर में, माओज ने ऐसे यात्रा कार्यक्रम आयोजित किए थे जिनमें कब्जेवाले फिलिस्तीनी क्षेत्र शामिल थे। वे पर्यटन के लिए जाने जाते थे जिसके लिए उन्हें इस्राएली किरायेदारों की आलोचना का सामना करना पड़ा था। अजीज, अपने भाई की मृत्यु के बाद, पहचान पत्र प्राप्त करने के लिए येरुसालेम चले गए। वहाँ, वे फतह के युवा आंदोलन में शामिल हो गए और इस्राएली कब्ज़ेदारों के खिलाफ अपने कठोर लेखन के लिए जाने गए, जो कम उम्र से ही गहरे गुस्से और हताशा से प्रेरित थे। इन लेखों के कारण उन्हें गिरफ़्तार किया गया और छह महीने की जेल हुई। हालाँकि, येरुसालेम में रहने से उन्हें सीधे तौर पर इजरायली समाज का अनुभव करने, हिब्रू सीखने और एक ईसाई कॉलेज में जाने का मौका मिला - इन अनुभवों ने उन्हें संघर्ष को एक अलग नजरिए से देखने में मदद की।

इसके बाद वे पेरेंट्स सर्कल फैमिली फोरम में शामिल हो गए, जो इस्राएल और फिलिस्तीनी दोनों परिवारों का एक संगठन है, जिन्होंने संघर्ष में अपने प्रियजनों को खो दिया है और जो बदला नहीं बल्कि मेल-मिलाप, शांति और सहिष्णुता चाहते हैं।

7 अक्टूबर से माओज़ और अज़ीज की शांति सक्रियता उनके जीवन में केंद्रीय प्राथमिकता बन गई है, और वे अपना संदेश साझा करने के लिए दुनियाभर में यात्रा कर रहे हैं। 18 मई को वे वेरोना में पोप फ्राँसिस से मिले।

अजीज कहते हैं, "यह एक ऐसी मुलाकात थी, जिसमें संत पापा के प्रोत्साहन भरे शब्दों ने शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत और समृद्ध किया। पोप फ्राँसिस ने हमें गहराई से प्रभावित किया।”

“एक ऐसी दुनिया में जो मौजूदा विभाजनों को बढ़ानेवाली ध्रुवीकरण मानसिकता से टूटी हुई है, पोप फ्रांसिस के शब्द ही एकमात्र ऐसे शब्द हैं जो वास्तव में संवाद, सम्मान और शांति की ओर उन्मुख हैं। वे एक नए मानवतावाद की वकालत करने वाले एकमात्र विश्व नेता हैं," माओज कहते हैं।

साथ में, वे कहते हैं, "हमें उम्मीद है कि इस साक्षात्कार के माध्यम से, उन्हें हमारी ओर से शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामनाएँ मिलेंगी। उन्हें पता चले कि हम दोनों हर दिन उनके लिए प्रार्थना करते हैं।"

उनकी सक्रियता ने पहले ही एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है: शांति के लिए काम करनेवाले 60 इजरायली और फिलिस्तीनी संगठनों का गठबंधन बनाया गया है, जो अब इट्स टाइम नामक पहल के तहत एकजुट हैं। नाम का अर्थ है कि अब वक्त हो गया है - बातचीत को फिर से शुरू करने, हथियारों को शांत करने, तनाव को शांत करने और एक-दूसरे की पीड़ा को स्वीकार करने का।

माओज़ के अनुसार, इट्स टाइम अब "इजरायल और फिलिस्तीन के इतिहास में सबसे बड़ा शांति प्रदर्शन" आयोजित कर रहा है। यह कार्यक्रम 8 और 9 मई को येरुसालेम में होगा।

अजीज बतलाते हैं कि "हमारे संगठनों के अलावा, हम दुनियाभर से नागरिक समाज, राजनीति और धार्मिक समुदायों के सदस्यों को हमारे साथ शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं। पवित्र भूमि में ख्रीस्तीय संप्रदायों के प्रतिनिधियों ने पहले ही अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है। यह शहर भर में कई स्थानों पर आयोजित होने वाले दो दिवसीय कार्यक्रम होंगे - पुराने शहर सहित पूर्व और पश्चिम दोनों में। अंतिम कार्यक्रम के लिए एक बड़ी सभा भी होगी।"

माओज़ ने अंत में कहा, "अधिकांश इस्राएली और फिलिस्तीनी अब युद्ध नहीं चाहते हैं। वे और अधिक दुःख, हिंसा या पीड़ा नहीं चाहते। राजनीतिक नेताओं के लिए इसे समझने का समय आ गया है।"