स्वर्ग की रानी प्रार्थना : हमारे विश्वास को बांटना कितना सुन्दर है

पास्का के तीसरे रविवार को स्वर्ग की रानी प्रार्थना के दौरान, पोप फ्राँसिस ने विश्वासियों को प्रभु के साथ अपनी व्यक्तिगत मुलाकातों पर चिंतन करने हेतु आमंत्रित किया और कहा कि हमारे विश्वास को साझा करना और प्रसारित करना कितना सुंदर है।

वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में पोप फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया, जहाँ उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित करते हुए आज के पाठ पर चिंतन किया।

संत पापा ने कहा, “आज सुसमाचार पाठ हमें पास्का शाम की ओर वापस ले जाता है। प्रेरित पिछली व्यारी के कमरे में एकत्रित हैं, तभी दो शिष्य एम्माउस से लौटते और येसु के साथ अपनी मुलाकात के बारे में बताते हैं। और जब वे अपने अनुभव की खुशी व्यक्त करते हैं, तो पुनर्जीवित प्रभु पूरे समुदाय के सामने प्रकट होते हैं। येसु ठीक उसी समय आते हैं जब शिष्य उसके साथ अपनी मुलाकात की कहानी बतला रहे थे। 

संत पापा ने कहा, यह मुझे सोचने के लिए प्रेरित करता है कि बतलाना कितना अच्छा है, विश्वास को साझा करना कितना महत्वपूर्ण है। यह कहानी हमें पुनर्जीवित येसु में विश्वास व्यक्त करने के महत्व के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करती है।

हर दिन हम पर हजारों संदेशों की बमबारी होती है। कई सतही और बेकार हैं, कुछ अविवेकपूर्ण जिज्ञासा प्रकट करते या, इससे भी बदतर, गपशप और द्वेष से उत्पन्न होते हैं। ये ऐसी खबरें हैं जो बेकार है, बल्कि दुःख पहुंचाती है। लेकिन अच्छी, सकारात्मक और रचनात्मक खबरें भी हैं, और हम सभी जानते हैं कि अच्छी बातें सुनना कितना अच्छा लगता है, और जब ऐसा होता है तो हम कितना बेहतर महसूस करते हैं। और उन वास्तविकताओं को साझा करना भी अच्छा है, जिन्होंने बेहतर या बदतर के लिए, हमारे जीवन को प्रभावित किया है, ताकि दूसरों की मदद की जा सके।

फिर भी एक चीज है जिसके बारे में बात करने में हमें अक्सर संघर्ष करना पड़ता है। हम किस चीज के बारे बात करने में कठिनाई महसूस करते हैं? हमें सबसे खूबसूरत चीज बतानी है: येसु के साथ हमारी मुलाकात को। हममें से प्रत्येक ने प्रभु से मुलाकात की है और हम इसके बारे में बात करने के लिए संघर्ष करते हैं। हरेक जन इसके बारे में बहुत कुछ कह सकता हैं दूसरों को सिखाने के लिए नहीं, बल्कि उन अनूठे क्षणों के बारे बतलाने के लिए जिसमें हमने प्रभु को जीवित और करीब महसूस किया, जिन्होंने हमारे दिलों में खुशी जगाई या आँसू सुखा दिए, जिन्होंने विश्वास और सांत्वना, शक्ति और उत्साह का संचार किया या क्षमा, कोमलता से भर दिया। हमें येसु के साथ हुई इन मुलाकातों को बांटना और आगे बढ़ाना चाहिए।

इसे परिवार में, समुदाय में, दोस्तों के साथ साझा करना महत्वपूर्ण है। जिस तरह उन अच्छी प्रेरणाओं के बारे में बात करना अच्छा है जिन्होंने हमारे जीवन में मार्गदर्शन किया है। उन अच्छी प्रेरणाओं के बारे में बात करना अच्छा है जिन्होंने जीवन में हमारा मार्गदर्शन किया है, अच्छे विचार और भावनाएँ हमें आगे बढ़ने में बहुत मदद करती हैं, और उन प्रयासों और कोशिशों के बारे में भी बात करना जो हमें विश्वास के मार्ग को समझने और आगे बढ़ने के लिए मदद करते हैं, शायद पश्चाताप करने और अपने कदम वापस लेने के लिए भी। यदि हम ऐसा करते हैं, तो जैसा कि पास्का शाम को एम्माउस के शिष्यों के साथ हुआ था, येसु हमें आश्चर्यचकित कर देंगे और हमारी सभाओं और हमारे वातावरण को और भी सुंदर बना देंगे।

तो आइए, अब, हमारे जीवन में एक मजबूत क्षण, येसु के साथ एक निर्णायक मुलाकात को याद करने का प्रयास करें। यह हरेक के पास है, हम में से प्रत्येक का प्रभु के साथ मुलाकात हुआ है। आइए, थोड़ी देर मौन रहें और सोचें: मुझे प्रभु कब मिले? प्रभु मेरे निकट कब आये? हम मौन में चिंतन करें। और प्रभु के साथ हुई इस मुलाकात को उनकी महिमा के लिए क्या मैं दूसरों को बतलाया? और साथ ही, क्या मैंने दूसरों की बात सुनी जब उन्होंने मुझे येसु के साथ मुलाकात के बारे बताया?

माता मरियम हमारे समुदायों को प्रभु के साथ मुलाकात करने के लिए अधिक स्थान बनाने हेतु विश्वास साझा करने में हमारी मदद करें।