सब सन्तों के महापर्व पर पोप फ्राँसिस का सन्देश
वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों को सम्बोधित शब्दों में शुक्रवार को काथलिक कलीसिया द्वारा मनाये जानेवाले सब सन्तों के महापर्व के उपलक्ष्य में पोप फ्राँसिस ने कहा कि प्रभु येसु ख्रीस्त द्वारा घोषित आशीर्वचन ख्रीस्तीय धर्मानुयियों के पहचान पत्र हैं जो उन्हें पवित्रता की ओर अग्रसर करते हैं।
सब सन्तों महापर्व के उपलक्ष्य में मध्यान्ह देवदूत प्रार्थना से पूर्व पोप इन शब्दों से अपना प्रवचन आरम्भ किया, प्रिय भाइयो और बहनो, सुप्रभात, सन्तों के पर्व दिवस की शुभकामनाएं!
पोप ने कहा आज, सभी संतों के पर्व पर, सन्त मत्ती रचित सुसमाचार के पाँचवे अध्याय के 1 से लेकर 12 तक पदों के अनुसार प्रभु येसु ने धन्य आशीर्वचनों की घोषणा की थी जो ख्रीस्तानुयायियों का पहचान पत्र और उनके लिये पवित्रता का मार्ग है। यह हमें प्रेम का मार्ग दिखाता है, जिसे उन्होंने स्वयं मानव का रूप धारण कर सबसे पहले अपनाया, और जो हमारे लिए ईश्वर की ओर से एक उपहार और हमारी प्रतिक्रिया दोनों है। पोप ने कहा कि जैसा सन्त पौल कुरिन्थियों को प्रेषित पहले पत्र के छठवें अध्याय के 11 वें पद में लिखते हैं, यह ईश्वर की ओर से एक उपहार है, क्योंकि ईश्वर ही हैं जो पवित्र करते हैं।
पोप ने कहा कि यही कारण है कि सबसे पहले हम प्रभु ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे हमें पवित्र बनायें और हमारा हृदय उनके हृदय जैसा बनायें। सन्त योहन रचित सुसमचार के अनुसार, हम ईशकृपा से चंगाई पाते तथा उन सभी चीज़ों से मुक्त होते हैं जो हमें उनके जैसा प्रेम करने से रोकती हैं, ताकि हम, जैसा कि धन्य कार्लो अकुतिस कहा करते थे, "अपने आप को कुछ कम करें ताकि ईश्वर के लिए जगह बना सकें।"
पोप ने कहा कि यह हमें दूसरे बिन्दु पर यानि हमारे प्रत्युत्तर तक ले जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे स्वर्गिक पिता ईश्वर हमें अपनी पवित्रता प्रदान करते हैं, हालाँकि वे इसे हमपर थोपते नहीं हैं। वे इसे हमारे अन्तर में रोपते हैं, इसका स्वाद चखाते हैं और इसके सौन्दर्य को दिखाते और हमारी “हाँ” का इन्तज़ार करते एवं उसका सम्मान करते हैं। वे हमें अपनी सुप्रेरणाओं का अनुसरण करने, उनकी योजनाओं में शामिल होने, उनकी भावनाओं को अपना बनाने, और जैसा कि उन्होंने हमें सिखाया है, दूसरों की सेवा में, और भी अधिक सार्वभौमिक उदारता के साथ, सभी के लिए, पूरे विश्व के लिए उदार बने रहने की स्वतंत्रता प्रदान करते हैं।
मैक्सिमिलियन कोल्बे, मदर तेरेसा, सन्तों का अनुसरण करें
पोप ने कहा कि प्रभु की इस उदारता को हम संतों के जीवन में देखते हैं, यहाँ तक कि हमारे समय में भी। उदाहरण के लिए, संत मैक्सिमिलियन कोल्बे के बारे में सोचें, जिन्होंने आऊशविट्स में मौत की सज़ा पाए एक पारिवारिक व्यक्ति की जगह लेने का आग्रह किया था और जिन्हें मौत की सज़ा सुनाई गई थी; या कोलकाता की सन्त तेरेसा, जिन्होंने अपना जीवन सबसे ग़रीब लोगों की सेवा में बिताया; या धर्माध्यक्ष संत ऑस्कर रोमेरो, जिन्हें लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए वेदी पर मार डाला गया था। इनके अतिरिक्त कई अन्य संत हैं जिनकी हम वेदी का सम्मान देते हैं, और वे जो "अगले दरवाजे" पर रहते हैं जिनके साथ हम हर दिन जीते हैं, इनमें हम धन्यता से ओत्-प्रोत भाइयों और बहनों को पहचानते हैं: अकिंचन, नम्र, दयालु, न्याय के लिए भूखे और प्यासे, शांति के कार्यकर्ता। वे लोग "ईश्वर से भरे हुए" हैं, जो अपने पड़ोसियों की जरूरतों के प्रति उदासीन रहने में असमर्थ हैं; वे उज्ज्वल रास्तों के गवाह हैं, यह ऐसा मार्ग है, जो हमारे लिए भी संभव है।
पोप ने आग्रह किया कि हम अपने आप से प्रश्न करें कि क्या हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं, क्या हम एक पवित्र जीवन की याचना करते हैं, क्या हम पवित्र आत्मा की प्रेरणा में विश्वास करते हैं, क्या हम सुसमाचार में प्रसारित येसु ख्रीस्त आशीर्वचनों में विश्वास कर अपने दैनिक जीवन में उनपर अमल करते हैं। हम सब मिलकर सब सन्तों की रानी माँ मरियम से प्रार्थना करें ताकि मरियम पवित्रता का मार्ग अपनाने में हमारी मदद करें।