प्रेरितवर पेत्रुस की भूमिका पर पोप फ्राँसिस

स्पानी टेलेविज़न नेटवर्क "एसने" के संस्थापक एवं पत्रकार नोएल डायस को 2021 में दी एक भेंटवार्ता में पोप फ्राँसिस ने प्रेरितवर सन्त पेत्रुस की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए अभिलाषा व्यक्त की थी कि कलीसिया “विश्व के बीच में एक विनम्र सेवक” बन सके।
वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास में दी उक्त भेंटवार्ता में पोप फ्राँसिस ने उस अवसर पर कलीसिया सम्बन्धी कई गूढ़ विषयों पर चर्चा की थी। इनमें, ईश्वर पर पूर्ण भरोसा, कमज़ोर और पापी होने का बोध, पुरोहितों को सभी की सेवा में समर्पित करने का नवीकृत आह्वान, समकालीन शहीदों के प्रति उनका सम्मान और प्रवासियों के प्रति उनकी चिंता शामिल थी। पोप फ्राँसिस के साथ हुई इस भेंटवार्ता को "एसने" टेलेविज़न नेटवर्क ने शुक्रवार को प्रसारित किया।
पेत्रुस की भूमिका
प्रेरितवर सन्त सिमोन पेत्रुस की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए सन्त पापा ने कहा कि जनसमुदाय के बीच में से प्रभु येसु ने सिमोन पेत्रुस को चुना था ताकि पेत्रुस अपने रेवड़ के लिये एक अच्छे मेषपाल बन सकें और ईश वचन के प्यासों को ईश्वर का वचन सुना सकें। सन्त पापा ने कहा कि जिस प्रकार प्रभु येसु ने पेत्रुस को बुलाया था इसी प्रकार वे वर्तमान युग के समस्त पुरोहितों का आह्वान करते हैं कि वे भी अपने लोगों के बीच ईश्वर का वचन सुनायें तथा उनकी सेवा में स्वतः को समर्पित कर दें। उन्होंने कहा कि येसु ने अपने शिष्य होने के लिये सामान्य लोगों में से सिमोन पेत्रुस को चुना और उन्हें वह शक्ति प्रदान की जिसमें चीज़ों को बदलने की अपार क्षमता थी।
उन्होंने कहा कि पेत्रुस जानते थे कि वे एक सामान्य व्यक्ति थे, पापी थे और उनकी क्षमताएं सीमित थीं, इसीलिये वे कहते हैं, "हे प्रभु, मुझसे दूर हो जाइये क्योंकि मैं एक पापी हूँ।" उन्होंने कहा कि यह जानते हुए कि वे एक सामान्य व्यक्ति थे, पेत्रुस लोगों के साथ रहते थे, प्रभु की बात सुनते थे, उनकी आज्ञाओं का पालन करते थे। सन्त पापा ने कहा कि पेत्रुस ने अपनी तुच्छता और अपनी शून्यता को पहचाना और इसी कारण वे युगयुगान्तर के लिये प्रभु येसु ख्रीस्त के उत्तराधिकारी बने।
मैं कौन हूँ?
सन्त मत्ती रचित सुसमाचार पाठ का स्मरण दिलाते हुए कहा सन्त पापा येसु के प्रश्न को दुहराया, ”लोग मेरे बारे में क्या कहते हैं?” तब शिष्यों का उत्तर था, “वे कहते हैं कि आप एक भविष्यवक्ता हैं, कि आप योहन बपतिस्ता है, कि आप मुर्दों में से जी उठे हैं।” इस पर मानों सिमोन पेत्रुस को चुनौती देते हुए प्रभु येसु कहते हैं “लेकिन तुम…” पेत्रुस तुम क्या कहते हो?” इसके उत्तर में पेत्रुस कहते हैं: आप ईश्वर हैं, ईश्वर के पुत्र।” इसी के जवाब में येसु ख्रीस्त पेत्रुस से कहते हैं “तुम सिमोन हो, लेकिन अब से तुम पेत्रुस अर्थात् पत्थर कहलाओगे, जिसपर मैं अपनी कलीसिया का आधार रखूँगा”
पोप फ्राँसिस ने कहा कि पेत्रुस द्वारा विश्वास की स्वीकारोक्ति ने ही उन्हें इस धरती पर प्रभु ख्रीस्त का प्रतिनिधि बना दिया। उन्होंने कहा कि पेत्रुस ने अपना सारा अस्तित्व दांव पर लगा दिया इसीलिये येसु पेत्रुस से कहते हैं, "तुमने जो कहा, वह किसी विज्ञान के द्वारा नहीं, बल्कि पिता ने अपने पवित्रआत्मा के द्वारा तुम्हें बताया है।"
क्रूस के बिना जीवन नहीं
पोप फ्राँसिस ने स्मरण दिलाया कि पेत्रुस चाहते थे कि क्रूस येसु के जीवन से हट जाये तब प्रभु येसु उन्हें फटकारते हुए कहते हैं, "मेरे पीछे से हट जा शैतान।" सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि यह सबसे बुरा अपमान था, और यह इसलिये कि पेत्रुस प्रभु को क्रूस के मार्ग से दूर करना चाहते थे, जो कि ईश्वर मुक्तियोजना में सर्वप्रधान है। सन्त पापा ने कहा कि यह पहले पोप यानि कि पेत्रुस का महान सुधार था।
पोप ने कहा कि वर्तमान सन्त पापाओं को भी यदि वे अपने मार्ग से यानि ईश्वर की मुक्ति योजना के मार्ग से विचलित होते हैं तो येसु स्पष्टतया कहते हैं, यह मेरा तरीका नहीं है, यह शैतान का तरीका है।" क्यों? क्योंकि हम पापी हैं और हम भटक सकते हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास हमें कुछ ऐसे पोप दिखाता है जिन्होंने एक अलग रास्ता चुना, जबकि जो येसु ख्रीस्त द्वारा दर्शाये मार्ग पर अटल रहे वे ही सफल हो पाये।