पोप ने बुर्किना फासो में रक्तपात की निंदा की और शांति का आह्वान किया

पोप फ्राँसिस ने बुर्किना फासो में एक गिरजाघर और एक मस्जिद पर आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों के लिए शोक व्यक्त किया है और पूजा स्थलों के सम्मान एवं शांति के मूल्यों को बढ़ावा देने का आह्वान किया है।

पोप फ्राँसिस ने रविवार को काथलिक गिरजाघर में पवित्र मिस्सा के दौरान "दुखद आतंकवादी हमले" और बुर्किना फासो में एक मस्जिद पर हुए हमले के लिए दुःख व्यक्त किया, जब मुस्लिम उपासक सुबह की प्रार्थना के लिए एकत्र हुए थे।

वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन द्वारा एक टेलीग्राम में, पोप ने अपना दृढ़ विश्वास दोहराया कि "घृणा संघर्षों का समाधान नहीं है।"

पोप के सामीप्य के शब्द तब आये जब पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र में पिछले रविवार को एस्साकेन में एक काथलिक गिरजाघर में 15 उपासकों के हिंसक नरसंहार से ख्रीस्तीय समुदाय टूट गया।

दूसरा हमला उसी दिन पूर्वी बुरकिना पासो के नातियाबोनी स्थित मस्जिद में हुआ जहाँ दर्जनों लोगों की मौत हो गई।

बुरकिना फासो एवं नाईजर के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष बिशप लौरेंत दाबिरे को प्रेषित तार संदेश में संत पापा ने कहा कि हमले के कारण मानव जीवन की इस क्षति से उन्हें गहरा दुःख हुआ और वे उनके परिवारों के साथ शोक मनाते हैं।   

उन्होंने कहा कि वे मृतकों की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं, "उन्हें ईश्वर की दया को सौंपते हैं, और घायलों के उपचार के लिए प्रार्थना करते हैं।"

पोप ने याद दिलाया कि “घृणा संघर्ष का समाधान नहीं है।” अतः उन्होंने पूजा स्थलों के प्रति सम्मान बनाये रखने एवं शांति के महत्व को बढ़ावा देने के लिए हिंसा के खिलाफ लड़ने का आह्वन किया।

संदेश के अंत में संत पापा ने बुरकिना फासो के बेटे और बेटियों एवं पूरे देश के लिए ईश्वरीय आशीष की कामना की है।