पोप ने 'प्रार्थना वर्ष' की घोषणा की जो 'जयन्ती वर्ष' की ओर ले जायेगा

पोप फ्राँसिस ने आनेवाले जयंती वर्ष से पहले "प्रार्थना के वर्ष" की घोषणा की, और विश्वासियों को ख्रीस्तीय एकता और दुनिया भर में शांति के लिए प्रार्थना करने हेतु आमंत्रित किया। पोप ने कई धर्मबहनों सहित उन सभी लोगों की रिहाई की अपील की, जिनका पिछले सप्ताह हैती में अपहरण कर लिया गया है।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत पोप ने कहा, “अगले कुछ महिने हमें पवित्र द्वार खोलने की ओर अग्रसर करेंगे, जिसके साथ हम जयंती की शुरुआत करेंगे।”

पोप ने वर्ष 2024 को प्रार्थना वर्ष घोषित किया। इसकी घोषणा करते हुए उन्होंने कहा, “मैं आप सभी से अनुरोध करता हूँ कि कृपा के इस अवसर को, अच्छी तरह जीने एवं ईश्वर की आशा की शक्ति का अनुभव करने के लिए, अपनी प्रार्थना को तेज करें। इसलिए, आज हम प्रार्थना के वर्ष की शुरुआत करते हैं; अर्थात्, यह व्यक्तिगत जीवन में, कलीसिया के जीवन में और दुनिया में प्रार्थना के महान मूल्य और असीमित आवश्यकता को फिर से खोजने के लिए समर्पित वर्ष होगा। इसके लिए हमें उन सामग्रियों से भी मदद मिलेगी जिनको सुसमाचार प्रचार विभाग उपलब्ध कराएगा।”

उसके बाद पोप ने ख्रीस्तीय एकता प्रार्थना सप्ताह की याद दिलायी एवं विश्व शांति के लिए प्रार्थना करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “इन दिनों, हम विशेष रूप से ख्रीस्तीय एकता के लिए प्रार्थना करें, और यूक्रेन, इज़राइल एवं फिलिस्तीन तथा दुनिया के कई अन्य हिस्सों में शांति के लिए प्रभु का आह्वान करने से नहीं थकें: हमेशा सबसे कमजोर लोग ही इसकी कमी से पीड़ित होते हैं। मैं छोटे बच्चों; जिनमें से कई घायल हैं और मौत के शिकार हुए हैं, स्नेह, सपनों और भविष्य से वंचित हैं उनके बारे सोच रहा हूँ। आइए, हम उनके लिए प्रार्थना करने और शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी महसूस करें!”

तत्पश्चात् पोप ने हैती में अपहृत धर्मबहनों के लिए खेद प्रकट करते हुए कहा, "मुझे हैती में छह धर्मबहनों समेत कई लोगों के अपहरण की घटना के बारे जानकर दुःख हुआ: मैं उनकी रिहाई के लिए हार्दिक अपील करता हूँ, और देश में सामाजिक सद्भाव के लिए प्रार्थना करता हूँ, तथा इस हिंसा को समाप्त करने के लिए सभी को आमंत्रित करता हूँ, जो उस प्रिय जनता को बहुत अधिक पीड़ा पहुँचा रही है।”

तत्पश्चात पोप ने देश विदेश से आये सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा, “मैं रोम, इटली और दुनिया के कई हिस्सों से आए आप सभी का अभिवादन करता हूँ: विशेष रूप से, पोलैंड, अल्बानिया और कोलंबिया के तीर्थयात्रियों का; स्पेन के कुएनका के पेड्रो मर्सिडीज इंस्टीट्यूट के छात्रों का; अमेरिकी विश्वविद्यालय के छात्रों का जो फ़्लोरेंस में पढ़ रहे हैं; पनामा से क्विनसेनेरास दल का; और इक्वाडोर के पुरोहित और आप्रवासी, जिन्हें मैं उनके देश में शांति के लिए अपनी प्रार्थना का आश्वासन देता हूँ। मैं मसाफ्रा और पेरुजा के विश्वासियों, शिक्षकों, प्रबंधकों, शिक्षकों और प्रशिक्षकों के इतालवी कैथोलिक संघ का स्वागत करता हूँ; और पाल्मी से एजेसी स्काउट समूह का भी अभिवादन करता हूँ।

और अंत में उन्होंने अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए, सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।