देवदूत प्रार्थना में पोप : हम येसु के प्रकाश के लिए अपने आपको खोलें

रविवार को देवदूत प्रार्थना के दौरान पोप फ्राँसिस ने विश्वासियों को “चालीसा काल के लिए एक अच्छा संकल्प” लेने हेतु आमंत्रित करते हुए अपने आपको येसु के प्रकाश के लिए खोलने का प्रोत्साहन दिया और कहा कि वे अपना ध्यान उनपर केंद्रित रखें।

वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 25 फरवरी को पोप फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित किया।

चालीसा काल के दूसरे रविवार का सुसमाचार पाठ येसु के रूपांतरण की घटना को प्रस्तुत करता है (मार. 9,2-10)

अपने दु:खभोग के बारे शिष्यों को बतलाने के बाद, येसु अपने साथ पेत्रुस, याकूब और योहन को लेकर एक ऊँचे पहाड़ पर चढ़ते हैं और वहाँ वे भौतिक रूप से स्वयं को अपने संपूर्ण प्रकाश में प्रकट करते हैं अर्थात् उनका रूपांतरण हो जाता है। इस प्रकार, अब तक उन्होंने एक साथ जो अनुभव किया था वे उसका अर्थ बताते हैं।

पोप ने कहा, “स्वर्ग राज की घोषणा, पापों की क्षमा, चंगाई और चमत्कार वास्तव में एक बड़ी रोशनी की चिंगारी थी: येसु का प्रकाश है, वह प्रकाश जो स्वयं येसु हैं। और शिष्यों को कभी भी इस प्रकाश से अपनी आँखें नहीं हटानी चाहिए, विशेष रूप से परीक्षण की घड़ी में, जैसे कि वे दुःखभोग के करीब थे।"

संदेश यही है कि अपनी नजर को येसु के प्रकाश से कभी दूर न होने दें। कुछ वैसा ही जैसा अतीत में किसान किया करते थे, जो खेतों की जुताई करते समय, अपने सामने एक सटीक बिंदु पर अपनी दृष्टि केंद्रित करते थे और लक्ष्य पर अपनी नजर रखते हुए, सीधे हल जोतते थे। संत पापा ने कहा, “हम ख्रीस्तीयों को जीवन की यात्रा में यही करने के लिए कहा जाता है: हमेशा ख्रीस्त के उज्ज्वल चेहरे को अपनी आंखों के सामने रखना, अपनी नजरें येसु से कभी न हटाना।”

उन्होंने कहा, “भाइयो एवं बहनो, आइए, हम अपने आपको येसु के प्रकाश के लिए खोलें! वे प्रेम हैं, वे अनन्त जीवन है। जीवन के रास्ते, जो कभी-कभी टेढ़े-मेढ़े होते, हम उनके चेहरे की तलाश करते हैं, दया, विश्वास और आशा से भरे चेहरे की। प्रार्थना, ईश वचन सुनना और संस्कारों में भाग लेना हमें ऐसा करने में मदद करते हैं। प्रार्थना और ईश वचन सुनना एवं संस्कारों का अनुष्ठान हमें येसु पर अपनी नजरें टिकाए रखने में मदद करते हैं।

पोप ने चालीसा काल के लिए अच्छे संकल्प लेने हेतु प्रोत्साहित करते हुए कहा, “आखें खुली रखें, प्रकाश की खोज करें, प्रार्थना एवं पड़ोसियों में येसु का प्रकाश खोजें।  

अतः आइये हम अपने आप से पूछें, “अपनी यात्रा में, क्या मैं अपनी आँखें ख्रीस्त पर टिकाए रखता हूँ जो मेरे साथ हैं? और ऐसा करने के लिए, क्या मैं मौन, प्रार्थना, आराधना को स्थान देता हूँ? अंततः, क्या मैं येसु के प्रकाश की हर छोटी किरण की तलाश करता हूँ, जो मुझमें और मुझसे मिलनेवाले हर भाई-बहन में प्रतिबिंबित होती है? और क्या मैं इसके लिए प्रभु और अपने भाई बहनों को धन्यवाद देने की याद करता हूँ?

तब माता मरियम से प्रार्थना करते हुए पोप ने कहा, “माता मरियम ईश्वर के प्रकाश से प्रकाशित, हमें अपनी नजरें येसु पर केंद्रित रखने और एक दूसरे को भरोसा एवं प्रेम से देखने में मदद करे।” इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।