देवदूत प्रार्थना : प्रलोभन की घड़ी में येसु को पुकारें

रविवार को देवदूत प्रार्थना के दौरान पोप ने विश्वासियों से आग्रह किया कि वे प्रलोभन से बचने के लिए येसु का आह्वान करें और बतलाया कि शैतान से कभी वार्तालाप नहीं करनी चाहिए।

वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में रविवार 28 जनवरी को पोप फ्रांसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। जिसके पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित किया।

पोप ने कहा, “आज का सुसमाचार पाठ येसु को एक अपदूत ग्रस्त व्यक्ति को चंगा करते हुए प्रस्तुत करता है। (मार.1,21-28) जो उसे झकझोर रहा था एवं चिल्लाने के लिए मजबूर कर रहा था।

पोप ने कहा, “शैतान यही करता है। वह "हमारी आत्मा को जंजीरों में जकड़ना" चाहता है। हमें उन "जंजीरों" से सावधान रहना चाहिए क्योंकि वे हमारी स्वतंत्रता का गला घोंट देती हैं। आइए, कुछ जंजीरों के नाम लें जो हमारे दिलों को कस सकती हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं उन व्यसनों के बारे में सोचता हूँ, जो गुलाम बनाते हैं, हमेशा असंतुष्ट रखते और ऊर्जा, संपत्ति एवं स्नेह को निगल जाते हैं; मैं प्रमुख फैशन के बारे में सोचता हूँ, जो असंभव पूर्णतावाद, उपभोक्तावाद और सुखवाद की ओर धकेलता है, जो लोगों को उपभोग का सामान बनाता है और उनके रिश्तों को बर्बाद कर देता है। और फिर, ऐसे प्रलोभन और शर्ते हैं जो आत्म-सम्मान, शांति और जीवन को चुनने एवं प्यार करने की क्षमता को कमजोर करते हैं; डर, जो व्यक्ति को निराशा के साथ भविष्य को देखने के लिए मजबूर करता है, तथा असहिष्णुता, जो हमेशा दूसरों पर दोष मढ़ता है; एवं सत्ता की मूर्तिपूजा है, जो संघर्ष उत्पन्न करती और हत्या करनेवाले हथियारों का सहारा लेती है या आर्थिक अन्याय और विचारों में हेरफेर का प्रयोग करती है।

संत पापा ने कहा, “येसु हमें इन सभी जंजीरों से मुक्त करने आये। और आज, शैतान की चुनौतियों को जो उनपर चिल्लाते हैं : आप क्या चाहते हैं? क्या आप हमारा सर्वनाश करने आये हैं? (24) जवाब देते हैं, “चुप रह इस मनुष्य से बाहर निकल जा।” (25)

येसु के पास शैतान भगाने की शक्ति है। वे हमें बुराई की जंजीर से मुक्त करते हैं। और हमें सावधान रहना चाहिए। शैतान को दूर भगाना चाहिए, वार्तालाप करना नहीं। संत पापा ने कहा, “शैतान के साथ येसु ने कभी वार्तालाप नहीं किया। जब निर्जन प्रदेश में उनकी परीक्षा ली गई, उनके जवाब बाईबल के शब्द थे।”

पोप ने कहा, “भाइयो एवं बहनो, “शैतान से कभी बातचीत न करें। सावधान रहें! शैतान से कभी बातचीत न करें, क्योंकि यदि आप उनसे बातचीत करते हैं, जीत हमेशा उसकी होती है।” इसलिए सावधान रहें।

“जब हम प्रलोभन और उत्पीड़ित महसूस करते हैं तो क्या करें? संत पापा ने कहा, “येसु का आह्वान करें: उन्हें वहाँ बुलायें, जहां हमें लगता है कि बुराई और भय की जंजीरें सबसे अधिक मजबूती से जकड़ी हुई हैं।” प्रभु, अपनी आत्मा की शक्ति से, आज भी उस दुष्ट को कहना चाहते हैं: “चले जाओ, उस दिल को अकेला छोड़ दो, दुनिया, परिवारों, हमारे समुदायों को विभाजित मत करो; उन्हें शांति से रहने दो, ताकि तुम्हारी नहीं मेरी आत्मा का फल वहाँ उत्पन्न हो।”

पोप ने कहा, “ताकि उनके बीच प्रेम, आनंद और नम्रता का राज हो, और हिंसा एवं नफरत की चिल्लाहट के बजाय सभी के लिए स्वतंत्रता और शांति, सम्मान और देखभाल हो।" यही येसु चाहते हैं, और वे हमें स्वतंत्रता का यह सपना सौंपते हैं, हमारी सतर्कता के लिए - शैतान के साथ बातचीत करने के लिए नहीं - और हमारी प्रार्थना के लिए, जो हमें ठीक करने की अनुमति देती है।

अतः आइये, हम अपने आपसे पूछें, क्या मैं सचमुच उस जंजीर से मुक्त होना चाहता हूँ जो मेरे हृदय को कस लेता है? क्या मैं जानता हूँ कि शैतान के प्रलोभन को, आत्मा में प्रवेश करने से पहले कैसे नहीं कहना है? अंत में क्या मैं येसु को पुकारता हूँ, क्या मैं उन्हें अपने अंदर काम करने देता हूँ, कि वे मुझे चंगा करें? पवित्र कुँवारी हमें बुराई से बचायें।

इतना कहने के बाद पोप ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशार्वाद दिया।