गज़ा पर पोप: 'हिंसा, जबरन निर्वासन और प्रतिशोध पर आधारित कोई भविष्य नहीं'

रविवारीय देवदूत प्रार्थना में पोप लियो ने गज़ा पट्टी के लोगों के साथ एकजुटता के लिए प्रतिबद्ध काथलिक संघों को धन्यवाद दिया, तथा शांति के लिए अपनी हार्दिक अपील दोहराई।
गज़ा के लोगों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध लोगों और पवित्र भूमि में कलीसिया का नेतृत्व करनेवाले चरवाहों के साथ खुद को जोड़ते हुए, पोप लियो ने एक बार फिर दोहराया, "हिंसा, जबरन निर्वासन या प्रतिशोध पर आधारित कोई भविष्य नहीं है!"
उन्होंने कहा कि "लोगों को शांति की आवश्यकता है, जो लोग उनसे सच्चा प्यार करते हैं वे शांति के लिए काम करते हैं।"
पोप ने अपनी टिप्पणी रविवार को देवदूत प्रार्थना के तुरंत बाद की और "गजा पट्टी के लोगों के साथ एकजुटता के लिए प्रतिबद्ध विभिन्न काथलिक संघों" के प्रतिनिधियों का अभिवादन किया।
उन्होंने कहा, "प्रिय मित्रों, मैं आपकी पहल और कलीसिया के उन सभी लोगों की सराहना करता हूँ जो उस पीड़ित भूमि में दुखित हमारे भाइयों और बहनों के प्रति अपनी निकटता व्यक्त करते हैं।"
गज़ा शहर पर इस्राएली हमला जारी
गज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, गज़ा शहर और पूरे क्षेत्र में जारी इस्राएली हमले के बीच, शनिवार को गज़ा में कम से कम 60 फ़िलिस्तीनी मारे गए। इस्राएली सेनाएँ पिछले हफ्ते शुरू हुए अपने नवीनतम अभियान में गज़ा शहर में ऊँची इमारतों को नष्ट कर रही हैं और भूमिगत शाफ्ट और बम-जाल वाली संरचनाओं को ध्वस्त करने का काम कर रही हैं।
रॉयटर्स समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस्राएली सेना शहर के पूर्वी उपनगरों पर नियंत्रण कर रही है और शहर के मध्य और पश्चिमी हिस्सों में आगे बढ़ने के लिए आगे के क्षेत्रीय लाभ का उपयोग करने की उम्मीद कर रही है।
इस्राएली सरकार का दावा है कि इस महीने की शुरुआत से लगभग पाँच लाख लोग गज़ा शहर छोड़ चुके हैं। हालाँकि, गज़ा पर नियंत्रण रखनेवाला हमास इन आँकड़ों पर विवाद करता है और कहता है कि केवल 3,00,000 लोग ही भागे हैं, जबकि 9,00,000 से ज़्यादा लोग अभी भी वहाँ हैं, जिनमें 50 से कम इस्राएली बंधक भी शामिल हैं, जिन्हें हमास या अन्य फ़िलिस्तीनी समूहों ने बंधक बना रखा है।
दो साल पहले जब इसाएल ने गज़ा पर आक्रमण शुरू किया था, तब से 65,000 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। यह हमला दक्षिणी इस्राएल पर हमास के हमले के बाद हुआ था जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे, जिनमें ज़्यादातर नागरिक थे, और लगभग 250 नागरिकों और सैनिकों को बंधक बना लिया गया था।
प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा का सम्मान और उसकी रक्षा की जानी चाहिए
पोप लियो शांति के लिए अपने आह्वान निरंतर दुहरा रहे हैं। पिछले सप्ताह के देवदूत प्रार्थना में, संत पिता ने "गज़ा में फ़िलिस्तीनी लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की, जो अब भी भय में जी रहे हैं और अस्वीकार्य परिस्थितियों में जीवित रह रहे हैं, एक बार फिर अपनी जमीन से बेदखल कर दिए गए हैं।"
"सर्वशक्तिमान प्रभु, जिन्होंने 'हत्या न करने' का आदेश दिया है" का आह्वान करते हुए और "समस्त मानवता" को साक्षी बनने का आग्रह करते हुए, पोप लियो ने घोषणा की, "प्रत्येक मानव व्यक्ति की एक अलंघनीय गरिमा है जिसका सम्मान और रक्षा की जानी चाहिए।"
उन्होंने "युद्धविराम, बंधकों की रिहाई, बातचीत के ज़रिए एक कूटनीतिक समाधान और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का पूर्ण सम्मान" के अपने आह्वान को दोहराया और सभी को अपनी प्रार्थनाओं में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया "ताकि शांति और न्याय का उदय जल्द हो।"