कोलंबस के शूरवीरों से पोप: ख्रीस्त की शांति की जीत के लिए प्रार्थना करें
पोप फ्राँसिस ने कोलंबस के शूरवीरों के 142वें सर्वोच्च सम्मेलन को संदेश भेजा, और सभी को शांति के लिए प्रार्थना करने और “प्रेम की सभ्यता” बनाने के लिए काम करने हेतु आमंत्रित किया।
जब 6-8 अगस्त तक कोलंबस के शूरवीरों की बैठक कनाडा के क्यूबेक में सम्पन्न हो रही है, तब पोप फ्राँसिस ने उनके मिशन के लिए अपनी प्रार्थनाएँ और समर्थन भेजा।
पोप ने अपना संदेश सुप्रीम नाइट पैट्रिक केली को भेजा जिसपर वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन का हस्ताक्षर है।
पोप ने 142वें सर्वोच्च सम्मेलन की विषयवस्तु "मिशन पर" विचार किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रत्येक ख्रीस्तीय एक मिशनरी है, उसी अनुपात में जिस अनुपात में हमने मसीह में ईश्वर के प्रेम का अनुभव किया है। पोप ने कहा, "कोलंबस के शूरवीरों की नींव, धन्य माइकल मैकगिवनी के नबी के समान दर्शन से निर्देशित थी," "उस प्रेम की गवाही से जो आवश्यकता से प्रेरित थी, सबसे बढ़कर गरीबों की सेवा से और सुसमाचार की रक्षा करनेवाली सच्चाई के प्रति एकता, बंधुत्व और निष्ठा में कलीसिया के निर्माण के लिए प्रेरितिक उत्साह में।"
आस्था और परिवार के लोगों का निर्माण
उन्होंने "आस्था और परिवार" के लोगों का निर्माण करने के लिए नाइट्स के प्रयासों की प्रशंसा की, कि समाज के मूल ईकाई के रूप में परिवार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने कई लोगों को परिपक्वता में बढ़ने में मदद की है।
पोप ने नाइट्स की "मूल" पहल के लिए विशेष प्रशंसा व्यक्त की, जो "प्रार्थना, गठन और बंधुत्व" पर ध्यान केंद्रित करके काथलिक पुरुषों को "अपने विश्वास को जीने और अपने परिवार, पल्ली, समुदाय और देश की सेवा करने" के लिए तैयार करना चाहती है।
उन्होंने कहा, "सभी मिशनरी पहुँच का दिल और धड़कन हमारे प्रभु की उपस्थिति में पवित्र बलिदान में है, जो पूरी दुनिया की शांति और मुक्ति के लिए चढ़ाया जाता है।"
कोलंबस के शूरवीरों ने यूखरिस्तीय तीर्थयात्रा को बढ़ावा देने में मदद की, जो जुलाई 2024 में इंडियानापोलिस शहर में एकत्रित हुई, और पोप ने कहा कि यह पहल क्रूस पर मसीह के मुक्तिदायी बलिदान में कलीसिया के विश्वास का "प्रभावशाली साक्ष्य" है।
उन्होंने दुनिया के कई हिस्सों में चल रहे युद्धों और सामाजिक अशांति को याद किया, और न्याय, शांति एवं मेल मिलाप के लिए प्रार्थना करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि शूरवीर और उनके परिवार "सभी लोगों के दिलों में मसीह की शांति की विजय और प्रेम की सभ्यता के निर्माण के लिए अपनी प्रार्थनाओं और मिस्सा बलिदान में दृढ़ रहें।"
कलीसिया के मिशन और पीड़ित ख्रीस्तीयों का समर्थन करना
पोप फ्राँसिस ने विवाह, हर मानव जीवन की गरिमा और विकासशील देशों में कलीसिया के मिशन का समर्थन करने के लिए नाइट्स की परोपकारी गतिविधियों और प्रयासों को भी याद किया।
उन्होंने यूक्रेन और मध्य पूर्व के ख्रीस्तीय समुदायों में उनके परोपकारी कार्यों का उल्लेख किया, साथ ही ख्रीस्त में अपने विश्वास के लिए उत्पीड़न सहनेवाले ख्रीस्तीयों की देखभाल का भी उल्लेख किया।
आगामी 2025 जयंती की ओर मुड़ते हुए, पोप ने संत पेत्रुस महागिरजाघर में चल रहे मरम्मत को प्रायोजित करने के लिए नाइट्स को धन्यवाद दिया।
उन्होंने अपनी आशा व्यक्त की कि जैसे-जैसे तीर्थयात्री "संत पेत्रुस की कब्र के ऊपर मंडराते हुए महान बेर्निनी बाल्डाचिनो का चिंतन करेंगे, जिसे अब कोलंबस के शूरवीरों की उदारता के माध्यम से अपने मूल वैभव में मरम्मत किया जा रहा है, वे विश्वास में और संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी के साथ एकता में मजबूत होंगे।"