असीसी में कार्डिनल जुप्पी : शहीद यूक्रेन में शांति प्रयासों को नवीनीकृत करें

पोप लियो 14वें की इस सप्ताह इटली के पहाड़ी शहर असीसी में इतालवी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की 81वीं आम सभा के समापन के लिए होनेवाली यात्रा से पहले, सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल मत्तेओ मरिया जुप्पी ने अपने साथी धर्माध्यक्षों को संबोधित करते हुए युद्धग्रस्त दुनिया में शांति को बढ़ावा देने और हाशिए पर पड़े लोगों के बहिष्कार का सामना करने का आह्वान किया।

इटली के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीईआई) की 81वीं आमसभा के समापन के लिए पोप लियो 14वें की आगामी असीसी यात्रा से पहले, कार्डिनल मत्तेओ मरिया ज़ुप्पी ने इटली के धर्माध्यक्षों से शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत करने तथा बहिष्कार के सबसे ज़्यादा खतरे में पड़े लोगों की रक्षा करने का आग्रह किया।

17 नवंबर को संता मरिया देली अंजेली (दूतों की संत मरिया) स्थित दोमुस पाचिस में सभा का उद्घाटन करते हुए, सीईआई के अध्यक्ष कार्डिनल ज़ुप्पी ने चल रहे वैश्विक संघर्षों और गरीबों, प्रवासियों और क़ैदियों के हाशिए पर होने से हो रही पीड़ा पर प्रकाश डाला।

उन्होंने खासकर, "आज सभी महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता बहाल करने, हर व्यक्ति और राष्ट्र के लिए अधिकारों और सच्चे न्याय के युग की पुनः शुरुआत करने" के लिए ठोस पहल की आशा व्यक्त की।

सभा के समापन पर पोप लियो 14वें
17-20 नवंबर 2025 तक चलनेवाली चार दिवसीय सभा में इटली भर के धर्माध्यक्ष, प्रेरिताई की प्राथमिकताओं, सुरक्षा और काथलिक शिक्षा पर विचार-विमर्श करेंगे।

उनकी चर्चाएँ इटली में हाल ही में संपन्न सिनॉडल पथ से प्राप्त अंतर्दृष्टि पर आधारित होंगी, जिसके परिणामस्वरूप प्रेरिताई संबंधी दिशानिर्देशों को मई 2026 की आमसभा में अंतिम रूप दिया जाएगा।

पोप लियो 14वें गुरुवार, 20 नवंबर को सुबह 9:30 बजे सांता मरिया देली अंजेली महागिरजाघर में समापन सत्र के लिए धर्माध्यक्षों से मिलेंगे।

युद्धग्रस्त क्षेत्रों में शांति और विकास को बढ़ावा देने का आह्वान
अपने संबोधन में, कार्डिनल जुप्पी ने पवित्र भूमि और गजा में किये गये प्रयासों का हवाला देते हुए, व्यापक विकास सहयोग को भी प्रोत्साहित किया।

यूरोप और भूमध्यसागर के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए नए सिरे से प्रयास करने का आह्वान करते हुए, सीईआई के अध्यक्ष ने शांति की एक स्थायी संरचना को आकार देने में यूरोप की जिम्मेदारी पर जोर दिया और महाद्वीप के ख्रीस्तीयों से अपनी भूमिका को गंभीरता से निभाने का आग्रह किया।

युद्धग्रस्त दुनिया पर विचार करते हुए, उन्होंने कहा कि ध्यान "शहीद यूक्रेन" पर केंद्रित रहना चाहिए।

उन्होंने कहा, "ख्रीस्तीय यूरोप के पास कहने और चिंतन करने के लिए बहुत कुछ है," और साथ ही यूरोप पर आगामी बैठक के लिए उचित तैयारी के महत्व पर जोर दिया।