आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस ( Day of Innocent Children Victims of Aggression )
आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस ( Day of Innocent Children Victims of Aggression ) को प्रत्येक वर्ष 4 जून को मनाया जाता है इसको बनाने का मुख्य उद्देश है कि आज के समय की युवा पीढ़ी अपने सफलता की सीडी से बहुत जल्दी भटक जाती है वह कहीं ना कहीं शिकार हो जाती है किसी ऐसे कार्य का जिससे अपने जीवन को सफल बनाने में नाकाम साबित होते हैं आप देख सकते हैं कि आज की दिनचर्या जीवन में भावनात्मक हिंसात्मक और शारीरिक हिंसा है के केसेस बहुत ज्यादा बढ़ चुके हैं और यही यही कुछ कारण है जो कि युवा पीढ़ी के भविष्य में नकारात्मक प्रभाव डालते हैं इन सभी चीजों से बचाने के लिए और जो लोग भावनात्मक और शारीरिक हिंसा का शिकार हो गए हैं उनको उनकी सुरक्षा का आश्वासन देने के लिए आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है |इसकी शुरुआत 19 अगस्त 1982 से हुई क्योंकि इस समय फिलिस्तीन ने आग्रह किया संयुक्त राष्ट्र सभा से और यह उस समय की बात है जब इजराइल की हिंसा में फिलिस्तीन और लेबनान के बच्चों को हिंसा का शिकार होना पड़ा था और उसी हिंसा को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 4 जून को इंटरनेशनल डे आफ इनोसेंट चिल्ड्रन विक्टिम्स आफ एग्रेसन मनाने का निर्णय लिया |