संत पेत्रुस प्राँगण के स्तंभों के नीचे कमजोर लोगों के लिए निःशुल्क चिकित्सा
विश्व गरीब दिवस की तैयारी के लिए, वाटिकन का उदार सेवा विभाग जरूरतमंद लोगों को प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मुफ्त परामर्श, दवा और सहायता प्रदान कर रहा है।
"हमारे शहरों में रहने और हमारे समुदायों का हिस्सा बननेवाले गरीबों से मैं कहता हूँ: ईश्वर आप में से हर एक पर नजर रखते हैं और आपके करीब हैं।" रविवार, 17 नवंबर को 8वें विश्व गरीब दिवस के लिए पोप फ्राँसिस के शब्द, उदार सेवा विभाग द्वारा आयोजित पहलों के पीछे की भावना और प्रेरणा को दर्शाते हैं। जैसे कि वाटिकन के भिक्षादान विभाग के अध्यक्ष कार्डिनल कोनराड क्राएस्की, अक्सर जोर देते हैं, यह विभाग सबसे कमज़ोर लोगों की ज़रूरतों के लिए "आपातकालीन कक्ष" के रूप में कार्य करती है।
उदारता का सप्ताह
जैसे-जैसे हम गरीबों के दिवस के करीब पहुँच रहे हैं, पहल में बढ़ वृद्धि हो रही है। संत पेत्रुस महागिरजाघर में स्तम्भों के नीचे 2015 में स्थापित "करूणा की माता" क्लिनिक 11 नवंबर को एक सप्ताह के लिए अपनी गहन चिकित्सा सेवा शुरू कर रहा है। यह सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहेगा, जहाँ जरूरतमंदों को चिकित्सा सेवा प्रदान की जाएगी। क्लिनिक में 46 डॉक्टर, 8 नर्स और 10 स्वयंसेवक काम करते हैं, जो हर दिन दो शिफ्ट में काम करते हैं। यह हर दिन बिना स्वास्थ्य सेवा सुविधा या दस्तावेज़ वाले लोगों के लिए सामान्य और विशेष चिकित्सा मुलाकात, फ़्लू के टीके, रक्त परीक्षण, स्वाब, ड्रेसिंग और दवाएँ प्रदान करेगा। किसी पहचान पत्र की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि इसका उद्देश्य ज़रूरतमंद भाइयों और बहनों की मदद करना है।
जरूरतमंदों के लिए विशेषज्ञ मुलाकात की सुविधा
क्लिनिक बिना एपोइंटमेंट के विशेषज्ञों के साथ मुलाकात प्रदान करता है, क्योंकि यहाँ 18 अलग-अलग क्षेत्रों के डॉक्टर मौजूद हैं, जिनमें कार्डियोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, नेत्र विज्ञान, सामान्य सर्जरी, रुमेटोलॉजी, त्वचा विज्ञान, दंत चिकित्सा, स्त्री रोग, पल्मोनोलॉजी, ईएनटी, ऑन्कोलॉजी, अल्ट्रासाउंड, यूरोलॉजी, मनोचिकित्सा, न्यूरोलॉजी, संक्रामक रोग, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और पोडियाट्री शामिल हैं। रोम धर्मप्रांत में कई पल्लियों के साथ एक सूची साझा की गई है ताकि जरूरतमंदों को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए सूचित और प्रोत्साहित किया जा सके।
ईश्वर के चुने हुए लोगों के साथ प्रार्थना करना
“गरीबों की प्रार्थना ईश्वर तक पहुँचती है” (प्रवक्ता 21:5) विश्व गरीब दिवस का विषय है। अपने संदेश में, पोप फ्रांसिस लिखते हैं कि इस प्रार्थना को “गरीबों के चेहरों और कहानियों में पढ़ा जाना चाहिए, जिनसे हम रोज मिलते हैं, ताकि प्रार्थना उनके साथ संवाद करने और उनके दुःख में हिस्सा लेने का एक तरीका बन जाए।” येसु मसीह के हृदय के मानवीय और ईश्वरीय प्रेम पर अपने विश्वपत्र, दिलेक्सित नोस में, पोप फ्रांसिस लिखते हैं कि ऐसा साझाकरण तभी संभव है जब हृदय विनम्रता से प्रेरित हो और “भाईचारे और एकजुटता” में बढ़े।
विश्वपत्र में लिखा है, "जो लोग रोते नहीं हैं वे अंदर से सुन्न हो जाते हैं, लेकिन जो लोग ईश्वर के समक्ष सरल, अधिक अंतरंग प्रार्थना, श्रद्धा और करुणा से भरे होते हैं, वे आध्यात्मिक रूप से परिपक्व होते हैं। वे स्वयं से कम और मसीह से अधिक जुड़े होते हैं, और दीन बनते हैं। इस तरह, वे गरीबों, ईश्वर के चुने हुए लोगों के करीब महसूस करते हैं।"