वेनिस के प्राधिधर्माध्यक्ष : पोप की प्रेरितिक यात्रा के केंद्र में करूणा है
पोप फ्राँसिस की वेनिस की प्रेरितिक यात्रा की पूर्व संध्या पर, महाधर्माध्यक्ष फ्रांसेस्को मोराग्लिया ने शहर की जुदेका जेल में कैदियों के साथ अपनी मुलाकात के महत्व पर चिंतन किया, जो "प्रायश्चित और पुनर्जन्म का स्थान है, लेकिन यह कला का स्थान भी है" क्योंकि यह समकालीन कला द्विवार्षिक में परमधर्मपीठ के मंडप की मेजबानी करता है।
28 अप्रैल को "मसीह के प्रेम में एकजुट रहें" के आदर्श वाक्य के साथ पोप फ्राँसिस की एक दिवसीय यात्रा के लिए उनका स्वागत करने हेतु तैयार है।
पोप रविवार को सुबह 6:30 बजे वाटिकन से हेलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान करेंगे और लगभग 8 बजे जुदेका महिला जेल सुविधा के सामने प्राँगण में उतरेंगे, जिसमें लगभग 80 कैदी रहते हैं। जेल के भीतरी प्रांगण में पोप कैदियों से मिलेंगे, उन्हें सम्बोधित करेंगे और उनकी कुछ कहानियाँ सुनेंगे।
वेनिस के प्राधिधर्माध्यक्ष के रूप में, महाधर्माध्यक्ष फ्रांसेस्को मोराग्लिया ने वाटिकन न्यूज से एक साक्षात्कार में कहा, पीड़ित महिलाओं के साथ संत पापा की मुलाकात, उनकी शैली की विशेषता है और दया की भावना से की गई यात्रा के लिए माहौल तैयार करती है।
पोप फ्राँसिस की उपस्थिति का आपके धर्मप्रांत के लिए क्या मतलब है और आप उनकी यात्रा के पहले पड़ाव के रूप में जुदेका जेल को चुने जाने की व्याख्या कैसे करते हैं?
इस स्थान पर पोप का होना, और विशेष रूप से वेनिस की पूरी कलीसिया की अपनी यात्रा के पहले पड़ाव के रूप में इसे चुनना, एक महत्वपूर्ण संकेत है। यह शहर और उन लोगों से, जो प्रायश्चित और पीड़ा के इस स्थान को ओर अपनी नजरें उठाने में "बाधक" महसूस करते हैं, आग्रह करता है कि वे इसे यहां मौजूद मेहमानों के लिए अधिक से अधिक मुक्ति, मानवीय और आध्यात्मिक विकास का साधन बनाने का प्रयास करें।
प्रायश्चित्तगृह न होकर कैदखाना होने के कारण, यहाँ के मेहमानों को लंबे समय तक रहना पड़ता है जो एक तरफ सरल हो जाती है, क्योंकि इससे एक निश्चित परिचितता होती, वहीं दूसरी ओर प्रतिबंधित परिधि में लंबे समय तक रहने से समस्यात्मक हो सकती है।
मैं संत पापा को उनकी पसंद और उनके अंतर्ज्ञान के लिए धन्यवाद देता हूँ। मेरा मानना है कि अब से यह जेल हमेशा बनी रहेगी, न केवल उन लोगों के लिए जिन्हें पोप की यात्रा का यह अनुभव होगा, बल्कि कैदियों के बीच भी, एक प्रकाश, दया के साथ न्याय को समझने का एक तरीका और उन लोगों पर दांव लगाने की चाह होगी जिन्होंने निश्य ही गलतियाँ की हैं।
जुदेका न केवल कारावास का स्थान है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय वेनिस द्विवार्षिक के 60वें संस्करण की शुरुआत के बाद से, इसे "अजनबी" की थीम को समर्पित किया गया है और यह एक ऐसा स्थान है जो कैदियों और कलाकारों के बीच, मुलाकात से पैदा हुई कला के कार्यों की मेजबानी करता है।
इसलिए, जेलों में गैर-इतालवी मेहमानों की एक बड़ी उपस्थिति है, और कई विदेशी भी प्रायश्चित और पीड़ा के इस स्थान पर रहते हैं। साथ ही, जिस तरह से हम चीजों को देखते हैं निर्भर करता है कि हम खुद को किस प्रकार प्रस्तुत करते हैं, आमतौर पर दूसरों के लिए, लेकिन खासकर उन लोगों के लिए जो अजनबी हैं क्योंकि हम अभी तक उनसे नहीं मिले हैं, अथवा हम उनसे पहली बार मिल रहे हैं। इस विषय पर ध्यान केंद्रित करते हुए - क्योंकि सुसमाचार कहता है कि आंखें आत्मा के दर्पण हैं - मेरा मानना है कि यह वह कुंजी है जो वास्तव में लोगों और व्यक्तियों के बीच सद्भाव के लिए एक बहुत ही कठिन संदर्भ में बढ़ने में हमारी मदद कर सकती है, इसलिए, हमारे पास कला, न्याय और दया इस बात पर निर्भर करते हैं कि हम उन्हें कैसे देखते हैं।
क्या परमधर्मपीठ के मंडप में कोई विशेष कलाकृति है जिसने आपको प्रभावित किया है जिसका शीर्षक है "मेरी नजरों से?”
हाँ, प्रवेश द्वार पर कलाकृति ऊपर से लटकते हुए महिलाओं द्वारा पहने गए कपड़े, परिधान जमीन तक तो पहुंच जाते हैं लेकिन लटके ही रहते हैं। यह मुझे मानवता के संरक्षक पुरुष और महिला की एक खूबसूरत छवि लगती है। ये अच्छी तरह से पहने जानेवाले कपड़े, जिन पर दैनिक संघर्ष के निशान हैं, स्वर्ग और पृथ्वी के बीच लटके हुए हैं, मनुष्यों की एक सुंदर छवि हैं।