विगानो ने घोषणा की कि उन पर फूट डालने का मुकदमा चल रहा है

संयुक्त राज्य अमरीका में वाटिकन के विशिष्ट अधिकारी और परमधर्मपीठ के प्रेरितिक राजदूत रह चुके महाधर्माध्यक्ष कार्लो मारिया विगानो ने एक आदेश की प्रति प्रकाशित की है, जिसमें उन्हें विश्वास और धर्मसिद्धांत सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद के समक्ष उपस्थित होकर विच्छेद और फूट डालने के आरोपों का जवाब देने के लिए बुलाया गया है।

संयुक्त राज्य अमरीका में वाटिकन के विशिष्ट अधिकारी और परमधर्मपीठ के प्रेरितिक राजदूत रह चुके महाधर्माध्यक्ष कार्लो मारिया विगानो ने एक आदेश की प्रति प्रकाशित की है, जिसमें उन्हें विश्वास और धर्मसिद्धांत सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद के समक्ष उपस्थित होकर विच्छेद और फूट डालने के आरोपों का जवाब देने के लिए बुलाया गया है।

महाधर्माध्यक्ष विगानो ने अपने "एक्स" अकाउंट पर विश्वास और धर्मसिद्धांत सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद से मिले आदेश को पोस्ट किया है, जिसमें उन्हें कलीसिया में विभाजन उत्पन्न करने के अपराध के लिए "न्यायिक दंड प्रक्रिया" अथवा  "प्रशासनिक प्रक्रिया" का सामना करने के लिए रोम बुलाया गया है।

सोशल अकाउंट पर प्रकाशित विश्वास और धर्मसिद्धांत सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद के आदेश की प्रतिलिपि के अनुसार, विगानो को गुरुवार दोपहर साढ़े तीन बजे परिषद के समक्ष उपस्थित होना था ताकि "उनपर लगाए गए विभाजन और विच्छेद अपराध से संबंधित आरोपों और सबूतों पर ध्यान दिया जा सके।" उन्हें उन सार्वजनिक वकतव्यों की सफ़ाई देने के लिये बुलाया गया था जिनमें उन्होंने काथलिक कलीसिया की सहभागिता, कलीसिया के परमाध्यक्ष के अधिकार और साथ ही द्वितीय वाटिकन महासभा की शिक्षाओं पर प्रश्न उठाये थे।   
उक्त दस्तावेज़ में चेतावनी भी दी गई है कि यदि महाधर्माध्यक्ष विगानो 28 जून तक उपस्थित होने में विफल रहते हैं, या लिखित बचाव प्रस्तुत नहीं करते, तो उनपर "उनकी अनुपस्थिति में ही निर्णय ले लिया जाएगा।"

महाधर्माध्यक्ष कार्लो मारिया विगानो ने सितंबर 2018 में तत्कालीन कार्डिनल थियोडोर मैककैरिक के मामले के संबंध में एक ज़ोरदार पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने सन्त पापा फ्रांसिस के इस्तीफे की मांग की थी। मैककारिक मामला नवंबर 2020 में एक विस्तृत रिपोर्ट के प्रकाशन के साथ परमधर्मपीठ द्वारा पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया गया था, जो महाधर्माध्यक्ष के वकतव्य का व्यापक रूप से खंडन करता है, तथापि यह सोशल अकाउंट पर प्रकाशित दस्तावेज़ का विषय नहीं है, बल्कि, स्वयं महाधर्माध्यक्ष विगानो के अनुसार, पूर्व प्रेरितिक राजदूत पर वर्तमान सन्त पापा फ्राँसिस और द्वितीय वाटिकन महासभा की वैधता को मान्यता देने से इनकार करने का आरोप है।।

कोई  प्रतिक्रिया नहीं
विश्वास और धर्मसिद्धांत सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद ने सोशल मीडिया पर प्रकाशित घोषणा पर कोई टीका नहीं की है, जिसमें महाधर्माध्यक्ष यह भी कहते हैं कि  "मैं अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को सम्मान मानता हूं," और द्वितीय वाटिकन महासभा को "वैचारिक, धार्मिक, नैतिक और धार्मिक कैंसर" कहता हूं, जिसका "सिनोडल चर्च या धर्मसभाई कलीसिया" एक " अपरूपान्तरण" है।

इसी बीच, पत्रकारों से विगानो मामले पर बात करते हुए वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने कहा, “महाधर्माध्यक्ष विगानो ने कुछ ऐसे दृष्टिकोण और कार्य अपनाए हैं जिनके लिए उन्हें जवाब देना होगा।”  परमधर्मपीठीय ऊरबानियाना विश्वविद्यालय में एक सम्मेलन के अवसर पर उन्होंने बताया कि पूर्व परमधर्मपीठीय राजदूत विगानो को अपना बचाव करने का अवसर दिया जाएगा।

महाधर्माध्यक्ष विगानो के साथ काम करने के अपने पिछले अनुभव पर विचार करते हुए कार्डिनल पारोलीन ने पत्रकारों से कहा, "मुझे बेहद खेद है क्योंकि मैंने हमेशा उन्हें एक महान कार्यकर्ता के रूप में सराहा है, जो पवित्र पीठ के प्रति बहुत वफादार रहे हैं, एक ऐसे व्यक्ति जो एक निश्चित अर्थ में दूसरों के लिये एक उदाहरण भी थे। जब वे प्रेरितिक राजदूत थे तो उन्होंने अच्छा काम किया, इसके बाद क्या हुआ "मुझे पता नहीं"।