यूएन ने 2024 में सहायताकर्मियों की मौतों की रिकॉर्ड संख्या की रिपोर्ट दी

संयुक्त राष्ट्र ने खुलासा किया है कि 2024 की शुरुआत से अब तक दुनिया भर में कम से कम 383 मानवीय कार्यकर्ता मारे गए हैं, और इस संख्या को एक “चौंकानेवाला रिकॉर्ड” बताया है तथा सहायताकर्मियों के सामने बढ़ते खतरों का स्पष्ट प्रतिबिंब बताया है।

विश्व मानवीय दिवस के अवसर पर मंगलवार को जारी किए गए ये आंकड़े पिछले वर्ष की तुलना में मौतों में 31% की वृद्धि दर्शाते हैं। लगभग आधी मौतें - 181 - गाजा में हुईं, जहाँ चल रहे संघर्ष ने मानवीय कार्यों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष के पहले आठ महीनों में, 265 सहायताकर्मियों पर अपने कर्तव्यों का पालन करते समय सीधे हमले किए गए। मारे गए ज़्यादातर लोग स्थानीय कर्मचारी थे, जिन्हें न केवल मैदान में, बल्कि उनके घरों में भी निशाना बनाया गया।

मृतकों के अलावा, इसी अवधि में 308 सहायताकर्मी घायल हुए, 125 का अपहरण हुआ और 45 को हिरासत में लिया गया।

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के अवर महासचिव टॉम फ्लेचर ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि किसी भी मानवीय सहयोगी पर एक भी हमला सभी सहायताकर्मियों और उनकी सेवा करनेवाले लोगों पर हमला है।

सबसे घातक घटनाओं में से एक 23 मार्च को दक्षिणी गज़ा के राफा में हुआ हमला था, जब इज़राइली बलों ने स्पष्ट रूप से चिह्नित आपातकालीन वाहनों पर गोलीबारी की, जिसमें 15 चिकित्सकों और सहायताकर्मियों की मौत हो गई। संयुक्त राष्ट्र के सूत्रों के अनुसार, बाद में वाहनों और शवों को बुलडोज़र से गिरा दिया गया और एक सामूहिक कब्र में दफना दिया गया।

संयुक्त राष्ट्र ने दोहराया कि इस तरह के हमले अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन करते हैं और सहायताकर्मियों की सुरक्षा एवं अपराधियों को जवाबदेह ठहराने के लिए कड़ी वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया।

विश्व मानवतावादी दिवस 2003 में बगदाद स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर हुए बम विस्फोट की याद में मनाया जाता है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख सेरजो विएरा दी मेलो सहित 22 मानवीय कर्मचारी मारे गए थे।