पोप के जन्म दिवस पर लोगों की शुभकामनाएँ एवं पोप लियो का आभार

विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया और विश्वभर में सद्भावना रखनेवाले पुरुष और स्त्रियाँ पोप लियो 14वें के जन्मदिन पर खुशी मना रहे हैं।
रोम से लेकर दुनिया भर के धर्मप्रांतों में पोप लियो को उनके 70वें जन्मदिन पर बधाई और प्रार्थनाएँ दी जा रही हैं।
देवदूत प्रार्थना के उपरांत पोप ने विश्वासियों का अभिवादन किया तथा अपने जन्म दिवस के अवसर पर विश्वासियों को प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद दिया।
वाटिकन सिटी, रविवार, 14 सितंबर 2025 (रेई) : रविवार को देवदूत प्रार्थना के अंत में पोप ने धर्मसभा की स्थापना की याद दिलायी एवं उम्मीद जतायी कि यह कलीसिया के मिशन के लिए प्रतिबद्धता को प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा, “कल धर्माध्यक्षों की धर्मसभा की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ है, जो संत पॉल षष्ठम की एक नबी के समान अंतर्ज्ञान है, ताकि धर्माध्यक्ष संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी के साथ और भी अधिक एवं बेहतर संवाद स्थापित कर सकें। मुझे आशा है कि यह वर्षगांठ एकता, धर्मसभा स्वरूप और कलीसिया के मिशन के प्रति नए सिरे से प्रतिबद्धता को प्रेरित करेगी।”
अभिवादन
इसके बाद पोप ने विश्वभर के सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया।
उन्होंने कहा, मैं आप सभी रोम, इटली और विभिन्न देशों से आए तीर्थयात्रियों का अभिवादन करता हूँ, विशेषकर विला अलेमाना और चिली के वालपाराइसो; तंजानिया के म्वांजा धर्मप्रांत; और चेक गणराज्य के हम्पोलेक; तथा के पेरूवासियों जेसुस नाज़ारेनो काउटिवो धार्मिक संघ, का हार्दिक अभिवादन करता हूँ।
पोप ने वाल कमोनिका में बोर्नो और सोनिको के संगीत बैंड, मोंज़ा के "ला नुओवा फेमीग्लिया" (नया परिवार) सहकारी, लात्सियो के प्रांतीय प्रो लोको समिति, काथलिक प्रेरितिक संघ, डॉन बोस्को यूथ-नेट के युवा और रोम के एकता और स्वतंत्रता समुदाय का अभिवादन किया। उन्होंने संत अगाता डी मिलितेलो के कला और शिल्प संघ, रवेना के मोटरसाइकिल चालकों और रोविगो के साइकिल चालकों का भी अभिवादन किया।
जन्मदिवस की शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद
अंत में अपने जन्म दिवस के अवसर पर ईश्वर एवं सभी लोगों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा, “आज मैं सत्तर साल का हो गया हूँ। मैं प्रभु और अपने माता-पिता का धन्यवाद करता हूँ; और उन सभी का भी जिन्होंने मुझे अपनी प्रार्थनाओं में याद रखा है। आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद! शुक्रिया! रविवार की शुभकामनाएँ!”