नाइजीरिया में 2015 से 2025 के बीच 145 पुरोहित अपहृत

फिदेस न्यूज एजेंसी द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार 2015 और 2025 के बीच नाइजीरिया में कुल 145 पुरोहितों का अपहरण किया गया और 11 की हत्या कर दी गई, जो फिरौती से संबंधित अपहरणों में निरंतर वृद्धि को दर्शाता है, जिसका प्रभाव अन्य समुदायों पर भी पड़ता है।

पिछले दशक में नाइजीरिया में काथलिक कलीसिया ने फिरौती के लिए अपहरण की बढ़ती घटनाओँ में अपने पुरोहितों, सेमिनारी छात्रों और धर्मसमाजियों को निशाने बनाये जाने की एक खतरनाक लहर देखी है।

पिछले सप्ताह फिदेस एजेंसी द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 2015 और 2025 के बीच कुल 145 पुरोहितों का अपहरण किया गया, जिनमें से ग्यारह मारे गए और चार अभी भी लापता हैं।

नवीनतम घटना 5 मार्च को हुई जब कदुना के कफंचन धर्मप्रांत के पुरोहित फादर सिलवेस्तर ओकेकुकवा की हत्या उनके अपहरण के एक दिन बाद कर दी गई थी।

दो दिन पहले एडो राज्य के औची धर्मप्रांत में एक सेमिनरी छात्र एड्रयू पीटर की निर्मम हत्या कर दी गई थी, जब बंदूकधारियों ने उन्हें एक अन्य पुरोहित, फादर फिलिप एकवेली के साथ अगवा कर लिया था, जिन्हें अंततः दस दिनों की कैद के बाद 13 मार्च को रिहा कर दिया गया।

अपहरण: नाइजीरिया में एक बड़ा और सख्त मुद्दा
नब्बे के दशक से ही अपहरण नाइजीरिया में एक प्रमुख मुद्दा रहा है, जब सशस्त्र समूहों ने तेल समृद्ध नाइजर डेल्टा में विदेशी तेल अधिकारियों का अपहरण करना शुरू कर दिया था, ताकि वे अपने समुदायों में तेल प्रदूषण के बारे में अपनी चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार पर दबाव डाल सकें।

2009 से, इस्लामी बोको हराम विद्रोही कई अपहरणों के लिए भी जिम्मेदार रहे हैं, खास तौर पर नाइजीरिया के उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम में, जिसमें स्कूली बच्चों का सामूहिक अपहरण भी शामिल है। लेकिन हाल के दिनों में, देश की बिगड़ती आर्थिक स्थितियों से संबंधित बंधक बनाना एक तेजी से बढ़ता धंधा बन गया है। 2011 में फिरौती के लिए अपहरण बड़े पैमाने पर हुआ, जो सभी 36 राज्यों और राजधानी अबुजा में फैल गया, खासकर कोविड-19 महामारी के बाद से।

जुलाई 2022 और जून 2023 के बीच, 582 अपहरण मामलों में 3,620 लोगों का अपहरण किया गया, जिसमें लगभग 5 बिलियन नाइरा (लगभग $3.88 मिलियन) फिरौती के रूप में चुकाए गए।

व्यवसायियों के साथ-साथ, और आम तौर पर संपन्न माने जानेवाले कलीसियाई सदस्यों को भी तेजी से निशाना बनाया जा रहा है।

कडुना पुरोहितों के लिए सबसे ख़तरनाक नाइजीरियाई राज्य के रूप में उभर रहा है।

फिदेस एजेंसी की रिपोर्ट बताती है कि यह घटना कुछ राज्यों जैसे ओवेरी, ओनित्शा और कडुना में खास रूप से गंभीर है, जहाँ ओवेरी में सबसे अधिक 47 मामले दर्ज किए गए हैं। अपहरण की उच्च संख्या के बावजूद, अपहृत पुरोहितों में से अधिकांश को या तो पुलिस बचाव अभियान या फिरौती के भुगतान के माध्यम से रिहा कर दिया गया। कडुना सबसे ख़तरनाक राज्य के रूप में उभरा, जहाँ 24 पुरोहितों का अपहरण किया गया और सात की हत्या कर दी गई। यह उच्च मृत्यु दर आतंकवादी गतिविधि, विद्रोही हिंसा और बढ़ते धार्मिक तनाव मौजूद होने का संकेत देती है, जो इसे पुरोहितों के लिए अधिक खतरनाक क्षेत्र बनाती है।

सबसे ज़्यादा मौतों वाले अन्य नाइजीरियाई राज्यों में अबुजा शामिल है, जहाँ दो पुरोहित मारे गए, उसके बाद बेनिन है जहाँ एक पुरोहित की हत्या हुई, और ओनित्शा में भी एक पुरोहित की हत्या की गई। रिपोर्ट में नाइजीरिया के ऐसे प्रांतों की भी सूची दी गई है जहाँ अपहृत पुरोहित अभी भी लापता हैं। इनमें कडुना, बेनिन और ओवेरी शामिल हैं।

लागोस, इबादान और कैलाबार में न्यूनतम मामले दर्ज
इसके विपरीत, लागोस, इबादान और कैलाबार राज्यों ने न्यूनतम मामले दर्ज किए हैं, इन क्षेत्रों में सभी अपहृत पुरोहितों को सुरक्षित रिहा कर दिया गया है। विशेषकर, लागोस, संभवतः मजबूत सुरक्षा उपायों और कम धार्मिक उग्रवाद के कारण सबसे सुरक्षित बना हुआ है।

आरईसीओडब्ल्यूए: एक अस्वीकार्य प्रवृत्ति
पिछले सप्ताह जारी एक बयान में और एसीआई अफ्रीका एजेंसी द्वारा उद्धृत, पश्चिमी अफ्रीका के क्षेत्रीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (आरईसीओडब्ल्यूए) ने पूरे क्षेत्र में काथलिक पुरोहितों के खिलाफ की गई हिंसा की कड़ी निंदा की, इसे "एक बुराई जो धीरे-धीरे बढ़ रही है" के रूप में, देखते हुए कहा कि यह प्रवृत्ति अस्वीकार्य है। विशेष रूप से नाइजीरिया का जिक्र करते हुए, धर्माध्यक्षों ने कहा कि एक भी महीना बिना किसी पुरोहित या धर्मसमाजी के अपहरण की खबर के बिना नहीं बीतता है और उनकी तत्काल रिहाई के लिए प्रार्थना करने का आह्वान किया। उन्होंने उच्च जोखिमवाले क्षेत्रों में सेवा करनेवाले पुरोहितों से आग्रह भी किया कि वे अपने सामने आनेवाले खतरों के बावजूद गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों की सेवा करने के अपने मिशन के प्रति प्रतिबद्ध रहें।