केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए पोप फ्राँसिस की प्रार्थना

देवदूत प्रार्थना के उपरांत पोप ने विश्वासियों का अभिवादन किया एवं विभिन्न घटनाओं की याद करते हुए पीड़ित लोगों के प्रति अपना सामीप्य व्यक्त किया।

पोप ने केरल के बाढ़ पीड़ितों की याद की और उनके लिए प्रार्थना करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “मैं भारत की जनता, विशेषकर, केरल के लोगों के प्रति अपना सामीप्य व्यक्त करता हूँ, जो मूसलाधार बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। बारिश के कारण कई भूस्खलन हुए हैं, कई लोगों की जान गई हैं, कई लोग विस्थापित हुए हैं और व्यापक क्षति हुई है।” उन्होंने उपस्थित विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, “मैं आपको उन लोगों के लिए और ऐसी विनाशकारी आपदा से प्रभावित सभी लोगों के लिए मेरी प्रार्थना में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूँ।”

धन्य प्राधिधर्माध्यक्ष स्टीफन डौएही
उन्होंने नये धन्य को प्रस्तुत करते हुए कहा, “पिछले शुक्रवार को लेबनान के बकेर्क में प्राधिधर्माध्यक्ष स्टीफन डौएही को धन्य घोषित किया गया, जिन्होंने 1670 से 1704 तक बुद्धिमानी के साथ मैरोनाइट कलीसिया का मार्गदर्शन किया, जो एक कठिन युग में था जिसको उत्पीड़न से चिह्नित है।

विश्वास के गुरू और चौकस चरवाहे, हमेशा लोगों के करीब आशा के साक्षी थे। पोप ने कहा, “आज भी लेबनानी लोगों को बहुत कष्ट सहना पड़ रहा है! विशेष रूप से, मैं बेरूत बंदरगाह विस्फोट के पीड़ितों के परिवारों के बारे में सोच रहा हूँ। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही न्याय और सच्चाई मिलेगी। नए धन्य लेबनान में कलीसिया के विश्वास और आशा का समर्थन करें, और इस प्यारे देश की मध्यस्थता करें।” तब उन्होंने ताली बजाकर नए धन्य को सम्मानित किया।”

मध्यपूर्व और म्यांमार के पीड़ितों के लिए अपील
तत्पश्चात् मध्यपूर्व की याद कर पोप ने कहा, “मध्य पूर्व में जो कुछ हो रहा है, उस पर मैं बड़ी चिंता के साथ नजर रखता हूँ, और मुझे आशा है कि संघर्ष, जो पहले से ही बहुत खूनी और हिंसक है, और अधिक न फैले। मैं सभी पीड़ितों के लिए प्रार्थना करता हूँ, विशेष रूप से मासूम बच्चों के लिए, और मैं पवित्र भूमि में ड्रुज़ समुदाय और फिलिस्तीन, इस्राएल एवं लेबनान की जनता के प्रति अपनी निकटता व्यक्त करता हूँ।”

उसके बाद म्यांमार की ओर मुड़ते हुए पोप ने कहा, “आइए, म्यांमार को न भूलें। हम बातचीत फिर से शुरू करने का साहस रखें ताकि गज़ा और सभी मोर्चों पर युद्ध तुरंत रुक जाए, बंधकों को मुक्त कराया जाए, लोगों को मानवीय सहायता प्रदान की जाए। हमले, यहाँ तक ​​कि लक्षित हमले और हत्याएँ कभी भी समाधान नहीं हो सकती। वे न्याय के मार्ग, शांति के मार्ग पर चलने में मदद नहीं करते हैं, बल्कि वे और भी अधिक घृणा एवं प्रतिशोध उत्पन्न करते हैं। भाइयो और बहनो! बस, बहुत हो गया! शांति के ईश्वर के वचन का गला न घोंटें बल्कि इसे पवित्र भूमि, मध्य पूर्व और पूरी दुनिया का भविष्य बनने दें! युद्ध एक हार है!”

वेनेजुएला के लिए चिंता
वेनेजुएला की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए पोप ने कहा, “मैं वेनेजुएला के लिए भी चिंता व्यक्त करता हूँ, जो गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है। मैं सभी पक्षों से सच्चाई की तलाश करने, संयम बरतने, किसी भी प्रकार की हिंसा से बचने, विवादों को बातचीत के माध्यम से निपटाने, जनता की सच्ची भलाई को ध्यान में रखने और पक्षपातपूर्ण हितों को दूर करने की हार्दिक अपील करता हूँ। हम इस देश को कोरोमोटो की हमारी माता मरियम की मध्यस्थता को सौंपते हैं, जो वेनेजुएला के लोगों के लिए अति प्यारी और आदरणीय हैं, और धन्य जोश ग्रेगोरियो हर्नांडेज़ से प्रार्थना करते हैं, जो हम सभी को एकजुट करते हैं।”

संत जॉन मेरी वियन्नी का पर्व
तत्पश्चात् संत जॉन मेरी वियन्नी की याद कर पोप ने कहा, “आज, आर्स के संत की याद में, कुछ देशों में "पल्ली पुरोहित दिवस"​​​​मनाया जाता है। मैं उन सभी पल्ली पुरोहितों के प्रति अपनी निकटता और आभार व्यक्त करता हूँ जो उत्साह और उदारता के साथ, कभी-कभी भारी पीड़ा के बीच, खुद को ईश्वर और लोगों के लिए समर्पित करते हैं। आइए, अपने पल्ली पुरोहितों की याद करें : हमारे पल्ली पुरोहितों के लिए जोरदार तालियाँ” कहकर संत पापा ने उन्हें सम्मानित किया।

इसके उपरांत पोप ने रोम तथा इटली एवं विश्व के विभिन्न हिस्सों से आये सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया।

युवाओं से पोप ने कहा, “प्रिय युवाओं, मैं देख रहा हूँ कि लिस्बन में पिछले साल का रोमांचक अनुभव लगातार फल दे रहा है। ईश्वर को धन्यवाद! मैं आपके लिए प्रार्थना करता हूँ और कृपया मेरे लिए दिव्य दर्शन के प्रार्थनालय में प्रार्थना करें।”

और अंत में अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।